इंटरसिटी के बाद दिनभर ट्रेन नदारद, देवरिया जाने के लिए यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा


■ बनकटा रेलवे स्टेशन पर ठहराव की कमी से यात्री परेशान, निजी वाहन चालक वसूल रहे मनमाना किराया

🖋️ रिपोर्ट: असलम परवेज | Vision Live News | देवरिया

देवरिया, उत्तर प्रदेश।
बनकटा रेलवे स्टेशन और आसपास के गांवों के हजारों यात्रियों के लिए सुबह की इंटरसिटी के बाद दोपहर 3 बजे तक कोई सीधी ट्रेन सेवा न होना एक बड़ी परेशानी बन गई है। परिणामस्वरूप, यात्रियों को ऑटो, ई-रिक्शा और निजी टैक्सियों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो उनसे दोगुना-तीनगुना किराया वसूलते हैं।

बनकटा, जिसकी आबादी 2 लाख से अधिक है, एक अहम रेलवे स्टेशन रहा है। यहां से देवरिया जाने के लिए हरेराम चौराहा, प्रतापपुर, सिकटिया, रामपुर बुजुर्ग, सोहनपुर, और अकटही जैसे गांवों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। लेकिन ट्रेन सेवा न होने के कारण वे बेहाल हैं।


🔻 कोरोना से पहले थीं 4 जोड़ी ट्रेनें, अब सिर्फ एक ठहरती है

कोविड-19 महामारी से पहले बनकटा रेलवे स्टेशन पर चार जोड़ी सवारी गाड़ियों का ठहराव होता था। मौर्या एक्सप्रेस और ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस जैसी प्रमुख गाड़ियों का रुकना, यहां के लोगों को जिले से जोड़ता था। लेकिन अब केवल ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस (एक दिशा) का ही ठहराव रह गया है।

मौर्या एक्सप्रेस, जो पूर्व में यहां रुकती थी, अब सीधे निकल जाती है — और जनता की मांग व जनप्रतिनिधियों की पैरवी के बावजूद रेलवे ने अब तक ठहराव बहाल नहीं किया।


🎙️ नेताओं ने उठाई आवाज, फिर भी समाधान नहीं

  • रबिन्द्र कुशवाहा (भाजपा), 10 वर्षों तक सलेमपुर से सांसद रहे, पर बनकटा में मौर्या एक्सप्रेस का ठहराव नहीं करवा पाए।
  • उनके बाद रमाशंकर राजभर (सपा) ने कई बार संसद में यह मुद्दा उठाया, पर सरकार और रेलवे मंत्रालय से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
  • स्थानीय विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने धरना-प्रदर्शन भी किए, पर रेलवे पर कोई असर नहीं पड़ा।

🚫 प्रतापपुर-देवरिया बस सेवा भी बंद, जनता लाचार

पहले प्रतापपुर से देवरिया के लिए सीधी बस सेवा चलती थी, लेकिन वह भी अब बंद हो चुकी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकारी उदासीनता और ट्रैफिक दबाव के कारण बसों का संचालन बंद कर दिया गया।


✅ समाधान क्या?

60 किलोमीटर की दूरी और बढ़ती आबादी को देखते हुए स्थानीय लोगों की मांग है कि:

  1. मौर्या एक्सप्रेस का ठहराव फिर से बहाल किया जाए।
  2. ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस दोनों दिशाओं में रोकी जाए।
  3. गोरखपुर से छपरा तक लोकल या मेट्रो जैसी ट्रेन सेवा शुरू की जाए, ताकि छोटे व्यापारी, कर्मचारी, छात्र और मरीजों को सुविधा मिल सके।

🗣️ “सरकार को चाहिए कि मेट्रो रेल की तर्ज पर गोरखपुर–छपरा रूट पर लोकल ट्रेनें शुरू करे। इससे रोजगार, व्यापार और शिक्षा के लिए आवाजाही आसान होगी।” — एक स्थानीय व्यापारी


📌 बनकटा क्षेत्र के लोगों की यह मांग सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जरूरत है। अगर समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले समय में जनाक्रोश और भी गहरा हो सकता है।


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