“एक पेड़ मां के नाम” अभियान ने ग्रेटर नोएडा को दिया हरियाली का नया संकल्प


207000 पौधों के लक्ष्य के साथ प्रशासन, जनप्रतिनिधि, उद्योग जगत और आमजन एक साथ आए मैदान में

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
उत्तर प्रदेश सरकार की हरित पहल “एक पेड़ मां के नाम” के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा में आज एक अभूतपूर्व वृक्षारोपण महाअभियान चला, जिसमें प्रशासन, जनप्रतिनिधि, आरडब्ल्यूए, शिक्षण संस्थान, सामाजिक संगठन और औद्योगिक इकाइयों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।

सेक्टर ईटा-1 से हुआ हरियाली के संकल्प का शुभारंभ
दादरी विधायक तेजपाल नागर और भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने सेक्टर ईटा-1 की ग्रीन बेल्ट में पौधरोपण कर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, ओएसडी गुंजा, डीजीएम संजय कुमार जैन सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सीईओ एनजी रवि कुमार ने लक्ष्य बढ़ाकर 2.07 लाख पौधे करने का दिया संदेश
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 1.25 लाख पौधों के लक्ष्य को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने और विस्तार देते हुए 2.07 लाख तक पहुंचा दिया। इसे पूर्ण करने के लिए उद्यान विभाग समेत सभी विभागों ने कमर कस ली।

प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने टेकजोन-7 में किया पौधरोपण
प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मिलक लच्छी स्थित टेकजोन-7 की ग्रीन बेल्ट में पौधा रोपा। उनके साथ श्रीलक्ष्मी वीएस, संजय जैन, चेतराम सिंह, बुद्ध विलास, प्रशांत समाधिया जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी
एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने इंडस्ट्रियल बिजनेस एसोसिएशन के साथ सेक्टर ईकोटेक-3 में पौधरोपण किया। उनके साथ लीनू सहगल, गिरीश झा, नवीन सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा,

“इस अभियान का उद्देश्य केवल पौधा लगाना नहीं, बल्कि लोगों को पेड़ों से मां जैसी भावनात्मक लगाव की ओर प्रेरित करना है।”

इस मौके पर अमित उपाध्याय (अध्यक्ष) और सुनील दत्त शर्मा (महासचिव) सहित कई औद्योगिक प्रतिनिधि मौजूद रहे।

छात्रों और समाजसेवियों की भी रही भागीदारी
ग्रेड इंटरनेशनल स्कूल और केसी ग्लोबल स्कूल के छात्रों ने भी अभियान में भाग लिया। वहीं ईएक्सएल और गिव मी ट्री जैसे एनजीओ ने CSR के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ग्रेटर नोएडा के लिए हरियाली की नई शुरुआत
आज का दिन ग्रेटर नोएडा के लिए हरियाली की नई शुरुआत रहा। “एक पेड़ मां के नाम” जैसे भावनात्मक संदेश से जुड़कर यह अभियान केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का प्रतीक बनता जा रहा है।

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