
ग्वालियर (मध्य प्रदेश), जून 2025:
मध्य प्रदेश लीग (MPL) 2025 के एक हाई-वोल्टेज मुकाबले में जैसे ही सिद्धांत अग्रवाल ने अपनी पहली ही गेंद पर टूर्नामेंट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ को आउट किया, वो सिर्फ उनका व्यक्तिगत मुकाम नहीं था — यह मध्य प्रदेश लीग के प्लेयर डेवलपमेंट प्रोग्राम (PDP) की सबसे बड़ी सफलता की घोषणा थी।
बिना किसी जिला संघ से जुड़े हुए, बिना किसी क्रिकेट अकादमी के सपोर्ट और बिना किसी जान-पहचान के — सिद्धांत की कहानी एक WhatsApp मैसेज से शुरू हुई।
“मुझे PDP ट्रायल्स की जानकारी व्हाट्सऐप से मिली,” सिद्धांत ने बताया। “लिखा था कि मध्य प्रदेश में पहली बार ऐसा मौका मिल रहा है, तो मैंने सोचा क्यों न कोशिश करूं।”
इंदौर में हुए ओपन ट्रायल्स में उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा। PDP का उद्देश्य भी यही था — ऐसे ग्रामीण और अनदेखे खिलाड़ियों को सामने लाना जो पारंपरिक क्रिकेट सिस्टम में नजरअंदाज रह जाते हैं।
“जब सेलेक्शन हुआ, वो पल मेरे लिए बहुत खास था। परिवार को गर्व हुआ। लगा कि अब कुछ बड़ा होने जा रहा है।”
सिद्धांत को इंडोर पिंक पैंथर्स टीम में ड्राफ्ट किया गया, जहां उन्होंने वेंकटेश अय्यर और कुलवंत खेझरोलिया जैसे अनुभवी खिलाड़ियों से सीखना शुरू किया।
“वेंकटेश भैया ने मुझे हमेशा तैयार रहने की सलाह दी,” सिद्धांत बताते हैं। “उन्होंने कहा कि जब मौका आए, तो तुम मानसिक रूप से तैयार रहो और दबाव में खुद को मजबूत रखो।”
“कुलवंत भैया की सबसे खास बात ये थी कि वो चीजों को बहुत सिंपल रखते थे। ना ज़्यादा सोचते, ना परेशान होते — वो रवैया मुझमें भी आ गया।”
और फिर वो दिन आया। सिद्धांत को एक अहम मुकाबले में गेंद थमाई गई। सामने थे अबिषेक पाठक — सीजन के सबसे इन-फॉर्म बल्लेबाज।
“पहली बॉल, पहला विकेट — और वो भी पाठक भैया का — मैं उस पल को कभी नहीं भूल सकता।”
इस एक गेंद ने सिद्धांत को रातोंरात स्टार बना दिया और PDP को एक ऐतिहासिक सफलता।
PDP भारत में अपनी तरह की पहली योजना है, जो किसी भी रजिस्टर्ड सिस्टम से हटकर ग्रामीण और अनसंग प्रतिभाओं को मौका देती है — वो भी पूरी पारदर्शिता और संरचना के साथ।
अब सिद्धांत इस कार्यक्रम का चेहरा बन गए हैं।
“जिनके पास कोई बैकग्राउंड नहीं, कोई कनेक्शन नहीं — PDP उनके लिए उम्मीद की किरण है। सिर्फ आपकी प्रतिभा देखी जाती है, और कुछ नहीं।”
राइट-आर्म पेसर और नीचे के क्रम में उभरते बल्लेबाज़ सिद्धांत, अब खुद को भविष्य का मैच-विनर मानते हैं।

“मैं जसप्रीत बुमराह को फॉलो करता हूं — वो मैच जिताते हैं। और हार्दिक पंड्या का फिनिशिंग स्टाइल मुझे बहुत पसंद है।”
“मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर भी काफी काम कर रहा हूं। मुझे भरोसा है कि मैं टीम के लिए वैसा ही फिनिश कर सकता हूं।”
जहां MPL का रोमांच अपने चरम की ओर बढ़ रहा है, वहीं सिद्धांत अग्रवाल जैसे खिलाड़ियों की खोज ने यह दिखा दिया है कि असली जीत सिर्फ ट्रॉफी की नहीं होती — सिस्टम बदलने की भी होती है।
PDP आज मध्य प्रदेश लीग की सबसे बड़ी उपलब्धि बनकर उभरा है — और यह तय है कि आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट की प्रतिभा खोज का तरीका इसी मॉडल से प्रेरित होगा।
—Vision Live News/ स्पोर्ट डेस्क