GRINDR एप पर दोस्ती की आड़ में  लूटपाट

 

GRINDR एप पर दोस्ती की आड़ में  लूटपाट, सूरजपुर पुलिस ने 6 शातिर अपराधियों को दबोचा

क्राइम रिपोर्टर/ग्रेटर नोएडा
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने साइबर अपराध की दुनिया में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। थाना सूरजपुर पुलिस ने आज एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो GRINDR GAY DATING APP के माध्यम से लोगों से दोस्ती कर, विश्वास में लेकर मिलने बुलाता था और फिर लूटपाट कर UPI ट्रांजैक्शन के जरिए उनके खाते से पैसे उड़ा लेता था।

इस साइबर ठगी और शारीरिक हमले के खतरनाक मेल ने क्षेत्र में दहशत फैला रखी थी। लेकिन डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी के निर्देशन और स्थानीय खुफिया इनपुट व बीट पुलिसिंग के चलते सूरजपुर पुलिस ने 6 आरोपियों को 130 मीटर रोड, ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार अपराधियों के नाम इस प्रकार हैं:

  1. विशाल पुत्र बाबूलाल
  2. शिवम पुत्र दलवीर सिंह
  3. यश पुत्र दलवीर सिंह
  4. मोहित सिंह सोलंकी
  5. अमन पुत्र विनीत
  6. सूरज पुत्र जयवीर सिंह

इन सभी के कब्जे से 19,500 रुपये नकद, दो अवैध तमंचे (.315 बोर), दो अवैध चाकू, घटना में प्रयुक्त बिना नंबर की हुंडई ऑरा कार, एक मोबाइल फोन, और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।


अपराध का तरीका:

यह गिरोह सबसे पहले GRINDR ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर युवाओं से दोस्ती करता था।
फिर किसी सुनसान या योजनाबद्ध जगह पर मिलने के बहाने बुलाकर पीड़ित को कार में बैठाते, मारपीट करते और उसका मोबाइल छीनकर जबरन UPI के जरिए रकम ट्रांसफर कर लेते थे।
इतना ही नहीं, पीड़ित को धमकाकर मोबाइल रास्ते में फेंक देते और घटनास्थल से फरार हो जाते थे।


पीड़ितों की आपबीती:

पहली घटना 19 जून को घटी जब एक युवक को रुपबास तिराहे पर बुलाकर कार में बैठाया गया और फिर मारपीट कर UPI ट्रांजैक्शन से पैसे लूटे गए।
दूसरी घटना 25 जून को मिग्सन ग्रीन सोसाइटी के बाहर हुई, जिसमें इसी तरह मोबाइल छीनकर खाते से रकम ट्रांसफर की गई। इन दोनों घटनाओं पर थाना सूरजपुर में एफआईआर संख्या 370/2025 और 371/2025 दर्ज की गई है।


अपराधियों का नेटवर्क और भूमिका:

  • अमन और सूरज का काम ट्रांसफर की गई रकम को कमीशन पर संभालना था।
  • विशाल और यश हथियारों से लैस होकर धमकी देने में माहिर थे।
  • मोहित और शिवम फिजिकल अटैक और चाकू दिखाकर डराने की भूमिका में रहते थे।

इन सभी पर आर्म्स एक्ट के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया है।


डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का बयान:

प्रेस वार्ता के दौरान डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया,

यह गिरोह बेहद शातिर था और तकनीक का गलत उपयोग कर रहा था। लेकिन हमारी टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया है। हम हर नागरिक से अनुरोध करते हैं कि ऐसे सोशल ऐप्स पर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।


पुलिस की सतर्कता ने बचाई और संभावित वारदातें

इस कार्रवाई से न सिर्फ पहले से दर्ज मामलों में न्याय हुआ है, बल्कि इस गिरोह की आगे की योजनाओं पर भी पानी फिर गया। इससे क्षेत्र में साइबर-ठगी और असामाजिक तत्वों के मन में पुलिस का खौफ भी बढ़ा है।


——अब बचना मुश्किल

GRINDR जैसे सोशल प्लेटफॉर्म पर दोस्ती के नाम पर हो रही लूट की ये घटनाएं साइबर और फिजिकल अपराध के संयोग का डरावना रूप हैं। गौतमबुद्धनगर पुलिस की सतर्कता और दृढ़ इच्छाशक्ति ने इस गिरोह को जड़ से उखाड़ फेंका है। यह एक संदेश है उन सभी के लिए जो अपराध के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं—अब बचना मुश्किल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate

can't copy

×