
विशेष रिपोर्ट
भारत-पाकिस्तान तनाव: दिल्ली में मिसाइल हमले की कोशिश, भारत ने दिया जवाबी वार’ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने शुक्रवार देर रात एक गंभीर मोड़ ले लिया जब पाकिस्तान ने भारतीय राजधानी दिल्ली को निशाना बनाते हुए फतह-2 मिसाइल दागी। इस हमले को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हरियाणा के सिरसा क्षेत्र के आसमान में ही इंटरसेप्ट कर विफल कर दिया। यह घटना दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे विवाद की अब तक की सबसे खतरनाक कड़ी बनकर सामने आई है।
दिल्ली पर मिसाइल हमला: भारतीय प्रणाली की सतर्कता
पाकिस्तान से दागी गई मिसाइल ने जब भारतीय सीमा पार की, तो उसे सबसे पहले हरियाणा के सिरसा जिले के रडार ने ट्रैक किया। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने कुछ ही सेकंड में मिसाइल को लक्ष्य बनाते हुए नष्ट कर दिया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह हमला सफल हो जाता, तो दिल्ली को भारी जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता।
पाकिस्तान का हमला: ‘ऑपरेशन बुनयान अल-मरसूस’
पाकिस्तानी सैन्य सूत्रों ने इस कार्रवाई को “ऑपरेशन बुनयान अल-मरसूस” नाम दिया है। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान ने न केवल दिल्ली, बल्कि जम्मू, पंजाब और राजस्थान में भी ड्रोन और मिसाइल हमलों का प्रयास किया। पाकिस्तानी दावों के अनुसार, यह “आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई” थी, जबकि भारत ने इसे “सीधी आक्रामकता और आतंक प्रेरित सैन्य कदम” करार दिया है।
भारत का जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’
भारतीय वायुसेना ने हमले का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया। इसमें रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, मियांवाली, झंग और स्कर्दू जैसे पाकिस्तानी वायु ठिकानों को लक्षित कर भारी बमबारी की गई। सूत्रों के मुताबिक, इन हमलों में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाए हुए है।
नागरिक प्रभाव और सुरक्षा स्थिति
अब तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों में 48 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हैं। भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
साथ ही, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले हजारों अकाउंट्स को प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय रेलवे और विमानन मंत्रालय ने हाई रिस्क ज़ोन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अमेरिका, फ्रांस और रूस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों से बात कर सीज़फायर की पहल की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिल्ली पर हमले की निंदा करते हुए इसे “पूरी मानवता के लिए खतरा” करार दिया।
क्या बढ़ेगा तनाव या खुलेगी संवाद की राह?
इस पूरे घटनाक्रम ने दक्षिण एशिया को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। हालांकि भारतीय वायुसेना की सजगता और कूटनीतिक दबावों ने स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रण में रखा है, लेकिन यदि शीघ्र संवाद स्थापित नहीं हुआ, तो यह टकराव और गंभीर रूप ले सकता है।

🇮🇳 भारत सरकार की प्रमुख तैयारियाँ
- सैन्य सतर्कता और जवाबी कार्रवाई
भारत ने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के तीन प्रमुख वायुसेना ठिकानों—नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी), मियानवाली एयरबेस और स्कर्दू बेस—पर सटीक हमले किए हैं। इन हमलों में आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया है ।
- सीमा पर सैन्य तैनाती और निगरानी
भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमाओं पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई है और निगरानी प्रणाली को मजबूत किया है। साथ ही, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को निष्क्रिय करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं ।
- राजनयिक प्रयास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आक्रामकता और आतंकवाद के समर्थन के बारे में सूचित किया है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और अन्य देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है ।
- आंतरिक सुरक्षा और नागरिक सतर्कता
देश के प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। रेलवे, विमानन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई गई है।
आगे की संभावित रणनीतियां
सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार: भारत में सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने के संकेत दिए हैं, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ सकता है।
समुद्री सुरक्षा: भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत को अरब सागर में तैनात किया है, जिससे समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है ।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रियता: भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर सकता है।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह युद्ध नहीं चाहती लेकिन देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, सभी आवश्यक कदम उठाएगी। स्थिति के गंभीरता को देखते हुए आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण और रणनीतिक निर्णय लिए जा सकते हैं।