59 वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – स्प्रिंग 2025 : वैश्विक खरीदारों और भारतीय कारीगरी के बीच व्यापारिक सेतु का भव्य समापन

 

मौहम्मद इल्यास – “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित 59वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला – स्प्रिंग 2025 का समापन  एक भव्य समारोह के साथ हुआ। चार दिवसीय इस मेले ने भारत की पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक डिज़ाइन को वैश्विक खरीदारों से जोड़ते हुए व्यापार के नए कीर्तिमान स्थापित किए। 112 देशों से आए लगभग 5800 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 1000 से अधिक घरेलू व्यापार प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को अत्यधिक सफल और सार्थक बना दिया।

समापन समारोह की गरिमा
समापन समारोह के मुख्य अतिथि एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत चहल थे, जबकि मुरादाबाद के महापौर विनोद अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर आईएचजीएफ दिल्ली मेला – स्प्रिंग 2025 की 12 श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शकों को “अजय शंकर” और “पी. एन. सूरी मेमोरियल” पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
समारोह में ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद, आईईएमएल के अध्यक्ष एवं ईपीसीएच के मुख्य संरक्षक डॉ. राकेश कुमार, उपाध्यक्ष सागर मेहता, डॉ. नीरज खन्ना, संचालन समिति के सदस्य अरशद मीर, लेखराज माहेश्वरी, गिरीश अग्रवाल, जीशान अली, सलमान आज़म, जसवंत मील, आयोजन समिति के उपाध्यक्ष कमल कौशल वार्ष्णेय व नदीम अहमद खान सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने समारोह का संचालन किया।

व्यापारिक गतिविधियों की ऊँचाइयाँ
ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, “यह संस्करण न केवल व्यापारिक लेन-देन के लिहाज से अत्यंत सफल रहा, बल्कि यह भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र की सृजनात्मक शक्ति का जीवंत प्रदर्शन भी बना। खरीदारों की ओर से की गई पूछताछ, ऑर्डर बुकिंग और नमूनों के चयन ने आगामी सोर्सिंग सीज़न के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।”

डॉ. राकेश कुमार ने कहा, “यह मेला केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि वैश्विक खरीदारों और भारतीय निर्माताओं के बीच एक स्थायी और विश्वासपूर्ण संबंध का सेतु है। 3,000 से अधिक प्रदर्शकों, 900 स्थायी शोरूम्स, जीवंत लाइव शिल्प प्रदर्शन, क्यूरेटेड थीम प्रस्तुतियों और डिज़ाइनर गैलरी ने इसे एक अनूठा अनुभव बनाया।”

खरीदारों की सराहना और रुझान
डॉ. नीरज खन्ना ने बताया कि इस बार का फोकस ऐसे डिज़ाइन पर रहा जो ग्राहकों से भावनात्मक जुड़ाव बनाते हैं। “टेक्सचर, कच्चा माल, पारंपरिक कथाएं और समकालीन सौंदर्यशास्त्र – इन सभी का समावेश खरीदारों को खासा आकर्षित कर गया।”
सागर मेहता ने कहा कि एक ही छत के नीचे विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों ने विविध श्रेणी के खरीदारों की आवश्यकताओं को संतुष्ट किया।

अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की प्रतिक्रियाएं
अमेरिका से आए टिम ओ’हर्न ने कहा, “मेले की गुणवत्ता हर बार पहले से बेहतर होती जा रही है। भारतीय उत्पादों में हाथ की कारीगरी, मूल्य और डिज़ाइन की सुंदरता अतुलनीय है।”
ऑस्ट्रेलिया की केली लेमन ने अपनी पहली यात्रा पर कहा, “भारतीय उत्पादों की विविधता और रचनात्मकता अद्भुत है। हम कई नई श्रेणियों की खोज करने के लिए उत्साहित हैं।”

भविष्य की दिशा
स्वागत समिति के अध्यक्ष निर्मल भंडारी ने कहा, “मेला आज वैश्विक हस्तशिल्प सोर्सिंग के लिए एक अनिवार्य गंतव्य बन चुका है। हमारा लक्ष्य इस नेटवर्क को और विस्तृत कर भारत की वैश्विक पहचान को और सशक्त करना है।”
आर. के. वर्मा ने बताया कि मेले के दौरान लगभग ₹2200 करोड़ के व्यापार की संभावना बनी। साथ ही उन्होंने साझा किया कि वर्ष 2024-25 में भारत से हस्तशिल्प का अनुमानित निर्यात ₹33,490.79 करोड़ रहा।

प्रमुख उपस्थित कंपनियाँ और आकर्षण
रिलायंस रिटेल, फैब इंडिया, शॉपर्स स्टॉप, अमेज़न, होम सेंटर, अल-दीवान सेंटर, बूग्स होम जीएमबीएच, माई डिवाइन होम, जॉन लुईस, जोलिपा बुबा, गोल्डनबेल्ट, हेनर फ्रीज सहित कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांडों ने मेले में भाग लिया।
मेले में आयोजित कार्यशालाएं, डिज़ाइनर गैलरी, लाइव शिल्प प्रदर्शन और रैंप शो ने खरीदारों और प्रदर्शकों के अनुभव को और अधिक रोचक और संपूर्ण बनाया।

आगामी संस्करण की प्रतीक्षा
इस भव्य समापन के साथ ही सभी की निगाहें अब अक्टूबर 2025 में प्रस्तावित आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम संस्करण पर टिक गई हैं, जो एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक और रचनात्मक शक्ति का विश्वस्तरीय प्रदर्शन बनेगा।

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