निष्कर्ष:—- किसानों को लैंड पुलिंग के तहत विकसित प्लाट मिलेगा एवं सर्किल रेट का रिवीजन होकर बाजार भाव पर भूमि की खरीद हो सकेगी
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर में भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून 2013 और 10 फ़ीसदी भूखंड दिए जाने की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा दो फाड़ हो गया है। रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा और सोरन प्रधान की अगुवाई वाला संयुक्त मोर्चा किसानों की मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला और कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यहां यह भी बता दें कि 26 नवंबर 2024 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर महापड़ाव के बाद यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण कार्यालय पर डेरा डाला गया था। इसी बीच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और डीएम मनीष कुमार वर्मा सुमेत आला अधिकारियों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा की वार्ता बैठक भी हुई थी। वार्ता बैठक में आला अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा था और मुख्यमंत्री से वार्ता कराए जाने का आश्वासन भी किसानों को दिया था। किंतु संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी किसान संगठनों ने साफ ऐलान कर दिया था कि अब वह सरकार अथवा प्रशासन को कोई भी समय देने वाले नहीं है। इसके बाद किसान मोर्चा के नेताओं ने सर्वसम्मति से तय किया कि सरकार को जगाने के लिए संसद कूछ ही एकमात्र रास्ता है। दूसरे ही दिन किसानों ने बड़ी संख्या में नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर इकट्ठा होते हुए संसद के लिए कूच करना शुरू कर दिया। गौतमबुद्धनगर पुलिस प्रशासन ने संसद की ओर बढ़ते हुए किसानों की घेराबंदी की, मगर किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए राष्ट्रीय दलित प्रेरणाय स्थल तक पहुंच गए और वहीं पर अनिश्चितकालीन का धरना शुरू कर दिया। दूसरे दिन गौतमबुद्धनगर प्रशासन ने शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इतना था कि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की ओर से भी ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत किए जाने का ऐलान कर दिया गया। ग्रेटर नोएडा जीरो पॉइंट पर महापंचायत में बड़ी संख्या में किस पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)के युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत को भी मुजफ्फरनगर से ग्रेटर नोएडा आते हुए कई स्थानों पर रोका गया। वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन में (टिकैत)के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ग्रेटर नोएडा आने की बजाय नाटकीय के ढंग से अलीगढ़ के टप्पल इलाके में जा पहुंचे। खबर मिली कि राकेश टिकैत टप्पल से ग्रेटर नोएडा आ रहे हैं और उन्हें टप्पल थाना पुलिस ने रोक लिया है। सोशल मीडिया पर किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत के थाने में पुलिस द्वारा बिठा लिए जाने के फोटो और वीडियो भी वायरल होते हुए नजर आए थे। इतना ही नहीं राकेश टिकैत के पुलिस को चकमा देते हुए यमुना एक्सप्रेसवे की ओर भागते हुए फोटो और वीडियो देखी गई थी। यहीं से संयुक्त किसान मोर्चा के दो फाड होने की भी शुरुआत हुई। इधर ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट चल रही महापंचायत में लाकर नोएडा से गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया गया। आखिर शाम होते होते ही सब कुछ बदल गया, जिन किसान नेता राकेश टिकैत का संगठन भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) किसान मोर्चा के सभी करीब 12 शामिल संगठनों में से एक था और संसद कूच तक के फैसले में भी शामिल रहा था, अचानक सुर बदल गए। इधर रात होते होते मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ का ट्वीट आया और गौतमबुद्धनगर पुलिस प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर धरना दे रहे सभी किसान नेताओं को उठाकर फिर जेल में ठूंस दिया। दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)के पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना समेत किसान मोर्चा के कई नेता ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर धरना प्रदर्शन किए जाने के बजाय दनकौर क्षेत्र के अट्टा गुजरान गांव में बैठक करते हुए नजर आए थे। जबकि किसान नेता राकेश टिकैत को भी मीडिया और सोशल मीडिया पर ही बयान देते हुए देखा गया था। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान, रुपेश शर्मा और सुनील फौजी जेल में ही रहे। हां वकीलों के संगठन जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन और विपक्ष की बात करें तो सपा, कांग्रेस जैसे दलों ने खासी हिम्मत दिखाई थी। किसान नेताओं की रिहाई के लिए जिला बार एसोसिएशन ने काफी मशक्कत की। सपा और कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधि मंडल ने भी यहां किसानों से मिलने की कोशिश की और डीएम से किसानों की रिहाई की बात की। भारतीय किसान यूनियन (बलराज) ने कलेक्ट्रेट में जाकर डीएम को किसाने की रिहाई की मांग को लेकर ज्ञापन दिया, साथ ही ऐलान किया कि यदि इन किसानों को रिहा नहीं किया गया तो 27 दिसंबर-2024 से आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इन सबके बावजूद अततः सरकार को झुकना ही पड़ा और किसान नेताओं में सुखबीर खलीफा, सोरेन प्रधान ,रुपेश वर्मा और फौजी को रिहा करना ही पड़ा। यहीं से संयुक्त किसान मोर्चा दो फाड हो गया। इनमें एक किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई वाला गुट और वही दूसरा सुखबीर खलीफा ,रुपेश वर्मा और सोरन प्रधान के नेतृत्व वाला गुट।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किसानों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई
भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा और किसान एकता संघ के प्रतिनिधि मंडल की बैठक लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किसानों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री द्वारा गौतमबुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों को इतना गंभीरतापूर्वक लिया कि 45 मिनट तक किसानों के प्रतिनिधि मंडल से विस्तृत चर्चा की गई, चर्चा के निष्कर्ष में मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए किसानों के हर मुद्दे को हल करने का आश्वाशन दिया। भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा, किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान के साथ राष्ट्रीय लोकदल के विधायक राजपाल बालियान ने भी प्रतिनिधि मंडल के रूप में आंदोलनरत किसानों के 10% आबादी प्लाट एवं नए अधिग्रहण कानून,2013 को लागू करने के मुद्दों सहित अन्य मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने बातचीत के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने नए कानून के बारे में एक ऐसी लैंड पुलिंग नीति के संबंध में जल्दी ही फैसला लेने का आश्वासन दिया है जिसमें किसानों को लैंड पुलिंग के तहत विकसित प्लाट मिलेगा एवं सर्किल रेट का रिवीजन होकर बाजार भाव पर भूमि की खरीद हो सकेगी। इस तरह की नीति आने से किसान विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदारी हो सकेंगे और अनियोजित विकास पर लगाम लग सकेगी। सुखबीर खलीफा ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री ने 10% के मुद्दे पर जल्दी ही सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है, बातचीत के बारे में सोरन प्रधान ने अवगत कराते हुए बयान दिया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि लंबित मुद्दों के संबंध में वह किसानों के लगातार संपर्क में रहेंगे। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आपके स्तर पर हमारा संवाद नहीं रहने से एवं शासन स्तर पर प्राधिकरण द्वारा भेजी गई पत्रवालियो के समय पर अनुमोदन नहीं होने शासनादेश समय पर जारी नहीं करने से मुद्दे लगातार लंबित रहते हैं, हमने अवगत कराया कि लंबित पत्रावलियों के कारण किसानों के 5% व 6% प्लाटों को नियोजित करने में देरी होने को जल्द नियोजित करने संबंधी निर्देश दिए, आबादी प्रकरणों में 450 वर्ग मीटर की दर को 1000 करने के लिए नियमावली में परिवर्तन किया जाएगा, 6040 प्लॉट को अतिक्रमण के दायरे से बाहर कर 5% के प्लॉट दिए जाएंगे, एसआईटी जांच के संबंध में शासनादेश एवं अन्य मुद्दों पर भी आवश्यकता अनुसार किसानों के पक्ष में शासन स्तर से जल्दी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों पर आस्वास्थ किया कि प्राधिकरण द्वारा किसानों के पक्ष में जो भी पत्रावलियां शासन के अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी वह शासन स्तर पर लंबित नहीं रहेगी और उन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए शासनादेश अथवा अनुमति तुरंत प्रदान की जाएगी। प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय लोक दल के विधायक राज्यपाल बालियान,मंडल अध्यक्ष इंद्रवीर भाटी एवं राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी एवं भारतीय किसान परिषद के एडवोकेट सचिन अवाना भी शामिल रहे।