
✍️ मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / यीडा सिटी
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की 86वीं बोर्ड बैठक शनिवार को प्राधिकरण सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव (औद्योगिक विकास) आलोक कुमार ने की, जबकि मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने विभिन्न एजेंडा बिंदु प्रस्तुत किए। बैठक में किसानों, उद्योगों और शहरी विकास से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले साबित होंगे। यमुना प्राधिकरण की 86वीं बोर्ड बैठक किसानों को राहत, स्मार्ट विलेज, शहरी विकास, औद्योगिक हब और रियल एस्टेट सेक्टर की मुश्किलों के समाधान के लिए ठोस रोडमैप साबित हुई। इन फैसलों का सीधा असर न केवल यीडा क्षेत्र बल्कि आगरा, हाथरस और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़े इलाकों के विकास पर भी पड़ेगा।
राजस्व व व्यय
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 31 अगस्त तक प्राधिकरण की कुल प्राप्तियां ₹1314.10 करोड़ और कुल भुगतान ₹2063.41 करोड़ रहा।
किसानों को राहत
भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसानों को अब तक ₹2835.03 करोड़ का 64.7% अतिरिक्त प्रतिकर (नो लिटिगेशन इंसेंटिव) दिया जा चुका है।
7% आबादी भूखंड योजना के तहत 29 ग्रामों में अब तक 6260 आरक्षण पत्र निर्गत और 4171 भूखंड आवंटित किए गए।

स्मार्ट विलेज योजना
मास्टर प्लान 2041 के तहत 29 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इनमें से 9 गांवों में कार्य पूर्ण, 10 में प्रगति पर और शेष 10 में कार्य प्रस्तावित।
दिसंबर 2026 तक लगभग ₹125 करोड़ की लागत से सभी कार्य पूरे होंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर व शहरी विकास
धीरऊ गौशाला (आगरा) तक 2.2 किमी लंबा पहुंच मार्ग बनाया जाएगा, जिस पर ₹2.15 करोड़ खर्च होंगे।
प्राधिकरण कार्यालय भवन (सेक्टर-18) – 27,800 वर्गमीटर में थीम आधारित, ग्रीन व भूकंपरोधी भवन की डिज़ाइन मंजूर।
हाथरस अर्बन सेंटर – फेज-2 क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय, ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू।
आगरा अर्बन सेंटर मास्टर प्लान 2041 – 14,480 हेक्टेयर क्षेत्र में 16.5 लाख जनसंख्या हेतु योजना तैयार। इसमें 75 हेक्टेयर का सोलर पार्क, जल संरक्षण, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और सामाजिक ढांचे की व्यवस्था शामिल।

औद्योगिक व कारोबारी फैसले
लॉजिस्टिक व वेयरहाउसिंग हब – नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-8F में विकसित होगा।
भवन सुरक्षा नीति – ग्रुप हाउसिंग व व्यावसायिक भवनों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी लागू। इसमें IIT/NIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
एपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (NEC) – 81 भूखंड आवंटन, 61 लीज डीड निष्पादित, 7 आवंटियों ने निर्माण कार्य शुरू किया।
मेडिकल डिवाइस पार्क – 89 भूखंड आवंटित, 8 आवंटियों ने निर्माण कार्य शुरू किया।
स्टॉल्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स – 11 बिल्डरों के बकाए का आकलन कर 25% नेट ड्यूज की वसूली की गई।