60 वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025 “दुनिया का सबसे खूबसूरत मेला” शुरू

         मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) द्वारा आयोजित 60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 सोमवार से इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ।

मेले का उद्घाटन तरुण राठी, उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद (राज्य मंत्री रैंक), उत्तर प्रदेश सरकार एवं फिल्म निर्माता तथा अध्यक्ष – प्रवासी संघ (NGO) ने किया।
इस अवसर पर रामवीर सिंह, विधायक कुंदरकी (मुरादाबाद) और डॉ. एवगेनी ग्रिविया, उप व्यापार आयुक्त, उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय, रूसी संघ भी उपस्थित रहे। पहले दिन देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में खरीदार पहुंचे।.5 दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय मेले की प्रमुख विशेषताएं हैं —
3000+ प्रदर्शक, 16 डिस्प्ले सेगमेंट, 110 से अधिक देशों के पंजीकृत खरीदार, थीम एरिया, क्षेत्रीय शिल्प, नॉलेज सेमिनार और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।


भारत की हस्तशिल्प परंपरा को मिला वैश्विक मंच

तरुण राठी ने भारत की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत का जश्न मनाने वाले इस विश्व-प्रसिद्ध मंच का हिस्सा बनने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने EPCH को बधाई दी कि उसने इस मेले को वैश्विक खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योग के अग्रणी व्यक्तित्वों के लिए एक प्रमुख सोर्सिंग डेस्टिनेशन में बदल दिया है।

उन्होंने कहा कि रूस और चीन के खरीदारों की उपस्थिति भारत की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है। अमेरिका द्वारा चीन पर बढ़े हुए टैरिफ से भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर खुले हैं।

विधायक रामवीर सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि इस मेले में प्रदर्शित 40% उत्पाद मुरादाबाद क्षेत्र से हैं।

डॉ. एवगेनी ग्रिविया, उप व्यापार आयुक्त (रूसी संघ), ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली मेला हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने भारत और रूस के 70 वर्ष पुराने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने की इच्छा जताई तथा भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को रूस की प्रदर्शनियों में भाग लेने का निमंत्रण दिया।


प्रदर्शनी का आकर्षक स्वरूप और वैश्विक पहचान

सभी गणमान्य अतिथियों ने प्रदर्शनी हॉल का भ्रमण किया और प्रतिभागियों से बातचीत की। उन्होंने मेले के आकार, साज-सज्जा और उत्पादों की विविधता की सराहना की।

आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहे —
EPCH अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना,
IEML अध्यक्ष एवं EPCH के मुख्य संरक्षक डॉ. राकेश कुमार,
EPCH उपाध्यक्ष सागर मेहता,
मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल,
मेला अध्यक्ष रजत अस्थाना,
मेला उपाध्यक्ष सिमरनदीप सिंह कोहली, रोहित ढल, मोहित चोपड़ा,
कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा,
साथ ही देश-विदेश के अनेक खरीदार और निर्यातक।

मेले में 3,000 से अधिक प्रदर्शक 16 हॉल्स में होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्निशिंग, फर्नीचर और इंटीरियर उत्पादों का शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसके अलावा इंडिया एक्सपो सेंटर के 900 स्थायी मार्ट शोरूम भी विशेष रूप से सजाए गए हैं।


EPCH अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना का स्वागत भाषण

डॉ. नीरज खन्ना ने कहा,

“आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 60वें संस्करण का आयोजन हमारे लिए गौरव का क्षण है। हर संस्करण नए व्यापारिक अवसरों को जन्म देता है। इस बार भी हमने खरीदारों के लिए एक बिल्कुल नया और आकर्षक अनुभव तैयार किया है।”

उन्होंने बताया कि 100 देशों के 3,000 खरीदारों ने अब तक पंजीकरण कराया है, जो भारतीय हस्तशिल्प की वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है।


फिल्म सिटी से जुड़े अवसरों पर चर्चा

IEML अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा,

“जेवर एयरपोर्ट के पास बन रही फिल्म सिटी से हस्तशिल्प उद्योग को भी बड़ा लाभ मिलेगा। हमारे उत्पाद फिल्म सेट्स के लिए प्रॉप्स और सजावटी सामग्रियों के रूप में नई संभावनाएं उत्पन्न करेंगे।”

उन्होंने मेले के 60वें संस्करण को “अनुभव और नवाचार का संगम” बताया।


नवाचार और डिज़ाइन पर ध्यान

EPCH उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा कि प्रदर्शकों ने उत्पाद डिज़ाइन और विकास में उत्कृष्ट कार्य किया है।
मेले के पहले ही दिन विदेशी खरीदारों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया से साफ है कि यह संस्करण व्यापार के नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली मेला देश के सबसे प्रतिष्ठित व्यापार मेलों में से एक है और यह भारतीय कारीगरों की रचनात्मकता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।


ज्ञान सत्र और पैनल चर्चाएं

मेला अध्यक्ष रजत अस्थाना ने बताया कि आयोजन के दौरान कई पैनल चर्चाएं और सेमिनार आयोजित होंगे, जिनमें प्रमुख विषय होंगे —

  • ट्रेंड्स फॉर नेक्स्ट जेनरेशन
  • डिजिटलाइजेशन और एआई का उपयोग
  • लोकल से ग्लोबल सप्लाई चेन तक का सफर
  • तकनीक के जरिए लागत में कमी

इन सत्रों में उद्योग जगत के नामी विशेषज्ञ भाग लेंगे।


EPCH की उपलब्धियां

कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि आईएचजीएफ मेला तीन दशकों से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का भरोसेमंद मंच रहा है।
साल 2024–25 में भारत से 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य के हस्तशिल्प निर्यात हुए।

इस अवसर पर करण जेठवानी, डी. कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, सुनील गुप्ता सहित वरिष्ठ निर्यातकों को EPCH प्रिविलेज कार्ड्स प्रदान किए गए।


 

नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का भी प्रतीक

आईएचजीएफ दिल्ली मेला–ऑटम 2025 ने अपने 60वें संस्करण में एक बार फिर यह सिद्ध किया कि भारत का हस्तशिल्प उद्योग न केवल परंपरा का संवाहक है, बल्कि नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का भी प्रतीक है।

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