60 वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025-तीसरा दिन वैश्विक खरीदारों की हलचल से गुलज़ार मेला


कारीगरी, नवाचार और वैश्विक खरीदारों की हलचल से गुलज़ार रहा मेला

           मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
भारत का प्रतिष्ठित आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025 अपने तीसरे दिन भी गतिविधियों से गुलज़ार रहा। 13 से 17 अक्टूबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित इस मेले में देश–विदेश से आए खरीदारों और प्रदर्शकों ने भारी उत्साह दिखाया। शुरुआती दिनों से ही खरीदारों की निरंतर आमद बनी हुई है। इस बार न केवल पारंपरिक निर्यात बाजारों से, बल्कि उभरते देशों से भी बड़ी संख्या में खरीदार पहुंचे हैं।

ईपीसीएच के अध्यक्ष नीरज खन्ना ने बताया कि पहले तीन दिनों में खरीदारों ने सजावट, इंटीरियर डेकोर, घरेलू साज-सज्जा, प्राकृतिक और वेलनेस उत्पादों, पारंपरिक कारीगरी वाले फर्नीचर और फैशन एक्सेसरीज़ की विशेष सराहना की।

“यहाँ प्रदर्शित कई विशिष्ट उत्पाद ऐसे हैं जो वैश्विक बाज़ार में कहीं और नहीं मिल सकते — यह भारतीय शिल्प की विशिष्ट पहचान है,” उन्होंने कहा।

ईपीसीएच के महानिदेशक एवं आईईएमएल के अध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि इंडिया एक्सपो सेंटर के स्थायी शोरूम ने नए और पुराने दोनों खरीदारों को आकर्षित किया है।

“स्थापित निर्माता–निर्यातकों द्वारा संचालित ये शोरूम, पूरे वर्ष उपलब्ध रहने वाले उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवा का प्रतीक हैं,” उन्होंने कहा।

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा कि मेले में क्लासिक से लेकर समकालीन तक, हर श्रेणी में नवाचार और दस्तकारी का सुंदर संगम देखने को मिला है।


अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

लंदन की खरीदार क्रिस्टीन बेकर ने मेले को “सुव्यवस्थित, रचनात्मकता से भरपूर और प्रेरणादायक” बताया।

“फर्नीचर, लाइटिंग और पॉटरी असाधारण हैं। भारत से खरीदे गए उत्पादों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दिखा है,” उन्होंने कहा।

फ्रांस के पिकोलो मॉर्गन ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प की विविधता और गुणवत्ता अद्भुत है। वहीं जर्मनी की अन्ना ने भारतीय आभूषणों की खूबसूरती और कारीगरी की विशेष सराहना की।


विकास आयुक्त (हथकरघा) का दौरा

विकास आयुक्त (हथकरघा), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ. एम. बीना ने मेले का दौरा किया और प्रदर्शनों की सराहना की। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के बुनकरों द्वारा प्रदर्शित हस्तनिर्मित उत्पादों की विशेष प्रशंसा की, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया था।

इस अवसर पर हस्तशिल्प क्षेत्र में दीर्घकालिक योगदान देने वाले अग्रदूतों को सम्मानित किया गया, जिनमें शामिल थे – करण जेठवानी (इंटरनेशनल ट्रेड लिंकर्स, मुंबई), अतुल पोद्दार (पोददार एसोसिएट्स, जयपुर), राहुल अग्रवाल (लाज इंटरनेशनल, नई दिल्ली), शालिब रहमान (मेबा ब्रास, मुरादाबाद), अंकुर अग्रवाल (जे.ओ. एक्सपोर्ट्स, मुरादाबाद) और वैभव खत्री (खत्रीटेक्स, जयपुर)

सम्मान समारोह में नीरज खन्ना, लेखराज माहेश्वरी, जेस्मिना ज़ेलियांग, आर. के. वर्मा और राजेश रावत उपस्थित रहे।


सेमिनार और पैनल चर्चाएँ: हस्तशिल्प के भविष्य पर फोकस

आईएचजीएफ दिल्ली मेला-शरद ऋतु 2025 के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने बताया कि मेले के साथ आयोजित सेमिनारों का उद्देश्य हस्तशिल्प क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार करना है।
आज आयोजित तीन प्रमुख सत्रों में शामिल थे:

  • ‘निर्यातकों के लिए डिजिटलीकरण: एआई का उपयोग’ – जिसमें दिखाया गया कि कैसे एआई तकनीक उत्पाद डिज़ाइन और प्रस्तुति में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
  • ‘लोकल कैश एंड कैरी टू ग्लोबल सप्लाई चेन’ – भारत के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक आपूर्ति नेटवर्क में बदलने पर केंद्रित।
  • ‘निर्माता से बाज़ार तक: ब्रांड नैरेटिव और विज़ुअल मर्चेंडाइजिंग’ – जिसमें विशेषज्ञों ने उत्पाद कहानियों को ब्रांड आइडेंटिटी में बदलने के तरीके साझा किए।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने कहा,

“आज के वैश्विक प्रतिस्पर्धी माहौल में निर्यातकों को नए बाज़ारों तक प्रभावी पहुँच और ब्रांड निर्माण के लिए प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है।”


भारतीय हस्तशिल्प का वैश्विक गौरव

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात को विश्वभर में बढ़ावा देने वाला प्रमुख संगठन है। यह भारत को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 के दौरान भारतीय हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जो इस क्षेत्र की सशक्त प्रगति को दर्शाता है।

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