‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत लगाए गए 17,000 पौधे


एनएचएआई ने फरीदाबाद-नोएडा एयरपोर्ट कॉरिडोर पर चलाया वृक्षारोपण अभियान

मौहम्मद इल्यास “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर

गौतम बुद्ध नगर। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फरीदाबाद-नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर पर 17,000 पौधों का वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्वयं पौधारोपण किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री अजय टम्टा, हर्ष मल्होत्रा, सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, विधायक जेवर धीरेंद्र सिंह, NHAI अध्यक्ष संतोष कुमार यादव और जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम स्थल—यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज पर स्कूली बच्चों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पर्यावरणीय संदेश के साथ वृक्षारोपण में सहभागिता की।

मंत्री नितिन गडकरी ने दिए स्थायी विकास के संकेत

माननीय नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि,

“वाहनों से होने वाला प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है। वैकल्पिक ईंधन जैसे इथेनॉल का प्रयोग और वृक्षारोपण जैसे अभियान इसका प्रभावी समाधान हैं। सड़क निर्माण में 80 लाख टन कचरे का उपयोग और जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन जैसे उपायों को अपनाया गया है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ एक प्रेरणादायक पहल है। मैं NHAI को 5 करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य की दिशा में उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।”

ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर एक ठोस कदम

फरीदाबाद-नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कॉरिडोर दिल्ली-एनसीआर को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ेगा। वृक्षारोपण के माध्यम से यह कॉरिडोर न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार करेगा, बल्कि मिट्टी संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और पर्यावरणीय संतुलन में भी सहायक होगा।

NHAI इस अभियान के माध्यम से ग्रीन हाइवे नीति 2015 के तहत बांस वृक्षारोपण, घने वन निर्माण और ऊर्ध्वाधर हरियाली जैसे नवाचारों को बढ़ावा दे रहा है।

वृक्षारोपण में रिकॉर्ड प्रगति

  • वर्ष 2024-25 में 60 लाख के लक्ष्य के मुकाबले लगाए गए 67 लाख पौधे
  • ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ में अब तक लगाए गए 12 लाख से अधिक पेड़
  • नीति लागू होने के बाद से लगाए गए 4.78 करोड़ पेड़ और 70,000 से अधिक पेड़ों का प्रत्यारोपण

यह कॉरिडोर न केवल बुनियादी ढांचे का आदर्श उदाहरण बन रहा है, बल्कि हरित विकास के राष्ट्रीय अभियान को भी नई दिशा प्रदान कर रहा है।

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