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मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर में यूपी सरकार को ठेंगा दिखाने वाले अफसर को नाप दिया गया है। यह सस्पेंड किए गए सभी 9 अफसर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के हैं। मलाईदार पदों पर जमे हुए यह अफसर यूपी सरकार के आदेश को नहीं मान रहे थे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के इन 09 अफसरों सस्पेंड किया जा चुका है। यूपी की योगी सरकार के इस कदम से सिफारिशी और जुगाड़बाज अफसरों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों की माने तो इन तीनों अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच होगी। सरकार के द्वारा उठाए गए कड़े कदम के बाद से तीनों प्राधिकरण में हडकंप मचा हुआ है।
- सरकार के आदेश के बाद भी नई तैनाती पर नहीं कर रहे थे ज्वाइन
- तीनों प्राधिकरण के सीईओ भी नहीं कर रहे थे कोई कार्रवाई
- तीनों प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल
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नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में तैनात रहते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा की जाने वाले कमाई की कहानी किसी से छिपी नहीं है। लोगों के द्वारा ऐसे अधिकारियों की समय-समय पर शासन में शिकायत भी की जाती है। जांच के दौरान सामने आए था कि नौ अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। इसे देखते हुए सरकार ने कुछ माह पूर्व इन लोगों का स्थानांतरण कर दिया गया था। कर्मचारियों की हठधर्मिता का आलम यह था कि उन्होंने सरकार के आदेश को मानने से भी मना कर दिया था। यह सभी लोग किसी ने किसी सफेदपोश के खास थे। तीनों प्राधिकरण के सीईओ भी इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे। कर्मचारियों की मनमर्जी का किस्सा शासन तक पहुंचा था। जिसके बाद सरकार को कड़ा कदम उठाना पड़ा।
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योगी सरकार ने इन 09 अफसरों को नाप दिया
उत्तर प्रदेश शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नोएडा विकास प्राधिकरण के विधि अधिकारी नरदेव, निजी सचिव विजेंद्र पाल सिंह, सहायक प्रबंधक यूसूफ फारूक, सहायक विधि अधिकारी सुशील भाटी, प्रबंधक सुमित ग्रोवर, लेखाकार प्रमोद कुमार, यमुना विकास प्राधिकरण के प्रबंधक अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक सुरेंद्र एवं प्रबंधक विजय कुमार बाजपेई तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच किए जाने के भी आदेश दिए हैं। खास बात तो यह भी है कि इन सिफारिशी और जुगाड़बाज मलाईदार पदों पर जमे हुए अफसरों पर हाथ डालने से सीईओ तक कतरा रहे थे। यूपी सरकार के इस कड़े कदम से सीईओं से लेकर निचले अफसर तक सकते में आ गए हैं।