गौवंश से शहर परेशान —सांडों की लड़ाई में युवक की मौत

22 वर्षीय युवक सुमित भाटी
22 वर्षीय युवक सुमित भाटी

हादसे का जिम्मेदार कौन, इस मौत को किसकी लापरवाही का नाम दिया जाएगा?

      Vision Live/Greater Noida

सांडों की लडाई में एक युवक के प्राण पखेरू हो गए। निराश्रित पशु यानी सांडों की लडाई के बीच युवक फंस गया और फिर मौत हो गई। यह मामला गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा जैसे शहर से प्रकाश में आया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लाखो रूपये का बजट हर महीने गौवंशों की देखभाल, खानपान और रखरखाव के लिए खर्च किया जाता है।  गौशाला भी यहां संचालित है किंतु फिर भी ग्रेटर नोएडा की सडकों और यहां तक की सेक्टरों में गौवशों के झुंड के झुंड इधर उधर भटकते हुए दिखाई देते हैं। सांडों की लडाई में हुई युवक मौत ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्धनगर प्रशासन के गौवंशों के रखरखाव और देखभाल के लिए किए जा रहे सरकारी तामझामों की पोल खोल कर रख दी है। एक्टिव सिटीजन टीम के मैंबर हरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा शहर में गौवंश के बढ़ जाने से शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मौत को किसकी लापरवाही का नाम दिया जाएगा?
मौत को किसकी लापरवाही का नाम दिया जाएगा?

ऐसा ही यह हादसा 7-8 दिन पहले सिग्मा के पास हुआ, दो सांडों की लड़ाई में एक 22 वर्षीय लड़के की मौके पर ही मौत हो गई, सुमित भाटी जो कि मायचा गांव का रहने वाला है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्वास्थ्य विभाग के सीनियर मैनेजर चेतराम सिंह व सहायक प्रबंधक मनोज चौधरी को गौशाला का कार्यभार दिया हुआ है और जो गौवंश  (गाए व सांड) शहर में घूम रहे हैं उनको पकड़ने की जिम्मेदारी भी इनको दी हुई है लेकिन आप देखेंगे की ग्रेटर नोएडा शहर में गौवंश से पूरा शहर परेशान है कहीं गाड़ी को तोड़ते हैं तो कहीं जनमानस को चोटिल करते हैं ’हद तो तब हो गई जब एक 22 वर्षीय युवक सुमित भाटी की साडों की लड़ाई में मौके पर ही मौत हो गई।’ इस हादसे का जिम्मेदार कौन, इस मौत को किसकी लापरवाही का नाम दिया जाएगा?

 

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