पेपर बंडल गिरने से श्रमिक घायल, कोर्ट ने सुपरवाइजरों को तलब किया


पेपर बंडल गिरने से श्रमिक घायल, कोर्ट ने सुपरवाइजरों को तलब किया
504 और 506 आईपीसी के तहत कार्यवाही, 30 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्धनगर की अदालत ने अकाल लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत एक श्रमिक की शिकायत पर एचडी मीडिया के सुपरवाइजरों तेज बहादुर श्रीवास्तव और अजय सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के तहत तलब किया है। अगली सुनवाई 30 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है।

पीड़ित राजेन्द्र राम ने परिवाद पत्र में आरोप लगाया है कि वह अकाल लॉजिस्टिक्स में हेल्पर के पद पर कार्यरत था और सूरजपुर स्थित एचडी मीडिया के गोदाम पर पेपर बंडल उतारते समय दुर्घटना का शिकार हुआ। परिवाद के अनुसार, वाहन संख्या HR55N9809 से पेपर के भारी बंडल अनियंत्रित होकर गिर पड़े, जिससे उनके दोनों पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

राजेन्द्र राम ने आरोप लगाया कि घटना के समय न तो कंपनी की ओर से किसी प्रकार की सहायता की गई और न ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। उलटे, सुपरवाइजर तेज बहादुर श्रीवास्तव और अजय सिंह ने उनके साथ अभद्र भाषा में गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी भी दी।

अदालत में राजेन्द्र राम ने धारा 200 दं.प्र.सं. के तहत स्वयं का और गवाह सैफुल्ला का धारा 202 दं.प्र.सं. के अंतर्गत बयान दर्ज कराया। बयान एवं अन्य दस्तावेजों के अवलोकन के बाद न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 504 (अपमानजनक शब्दों का प्रयोग) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

हालांकि, न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि घटना के कुछ पहलुओं का संबंध श्रम न्यायालय या कंपनी अधिनियम के अंतर्गत आता है, जो इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आता। फिर भी आपराधिक आरोपों की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को समन भेजकर 30 जुलाई 2025 को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।

पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर रहीं अधिवक्ता चौधरी प्रियंका अत्री ने बताया कि यह मामला केवल एक व्यक्तिगत चोट का नहीं है, बल्कि यह श्रमिकों की सुरक्षा और उनके सम्मान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अदालत से पीड़ित को न्याय अवश्य मिलेगा।


विजन लाइव” का मत

पृष्ठभूमि में यह मामला एक अहम मिसाल बन सकता है कि किस प्रकार श्रमिकों की कार्यस्थल पर सुरक्षा की अनदेखी और असंवेदनशील व्यवहार गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है।


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