भाजपा लद्यु उद्योग प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनिल गोयल ने यह बातें खास बातचीत के दौरान कहीं
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
खासकर व्यापारी वर्ग अब बिना डर के अपना कारोबार कर रहा है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश और पूरे देश में विकास का पहिया तेज गति से घूम रहा है। भाजपा लद्यु उद्योग प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनिल गोयल ने यह बातें ’’विजन लाइव’’ से खास बातचीत के दौरान कहीं। प्रस्तुत हैंं, बातचीत के प्रमुख अंशः-
1ः-प्रधानमंत्री लघु उद्योग योजना क्या है?
अनिल गोयलः-इस योजना के माध्यम से राज्य के युवाओं को रोजगार प्राप्ति हेतु अपने उद्योग को स्थापित करने हेतु ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत समाज के सभी वर्गों को नौकरी के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
2ः-लघु उद्योगों के उदाहरण यानी कौन कौन से उद्योग आते हैं?
अनिल गोयलः– मुख्तयाः घर में इस्तेमाल किया जाने वाला कूलर बनाना,एल्यूमीनियम से बने हुए सामग्री बनाना,हॉस्पिटल में उपयोग किए जाने वाला स्ट्रेचर बनाना, करंट मापने वाला मीटर या वोल्ट मीटर बनाना,गाड़ी में लगने वाली हेडलाइट बनाना, कपड़े या चमडे का बैग बनाना, कांटेदार तार बनाना, टोकरी बनाना इत्यादि लघु उद्योग आते हैं।
3ः-लघु उद्योगों के लिए सरकारी नीतियां क्या हैं?
अनिल गोयलः-नाबार्ड की स्थापना सरकार द्वारा 1982 में ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए की गई थी। इसने भारत में ग्रामीण व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बहुउद्देश्यीय रणनीति अपनाई है। यह कृषि के साथ.साथ छोटे उद्योगों, ग्रामीण कारीगरों, ग्रामीण उद्योगों, कुटीर उद्योगों को भी सहायता प्रदान करता है।
4ः- लघु उद्योगों को बढावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या क्या उपाय किए जा रहे हैं?
अनिल गोयलः– देखिए इसमें (1) पूँजी की कमी को दूर करने के लिए पूंजी की व्यवस्था । (2) श्रमिकों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था । (3) उत्पादन की तकनीकी में सुधार । (4)बड़े उद्योगों के प्रतियोगिता से बचाव । आदि उपाय सरकार के स्तर से किए जा रहे हैं।
5ः-लघु उद्योगों में निवेश लिए सरकारी नीतियां क्या हैं?
अनिल गोयलः-हां 2.1 सरकार ने पहले ही लघु उद्योगों, सहायक इकाइयों और निर्यातोन्मुख इकाइयों के संयंत्र और मशीनरी में निवेश सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 6 मिलियन रुपये, 7.5 मिलियन रुपये और 200 हजार रुपये करने की घोषणा कर दी है।