
डूंगरपुर रीलका गांव के श्मशान घाट मार्ग की बदहाली पर भड़के ग्रामीण, किसान नेता रमेश कसाना ने चेताया— न बना रास्ता तो होगा बड़ा आंदोलन

मौहम्मद इल्यास “दनकौरी” / यीडा सिटी
यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले डूंगरपुर रीलका गांव के श्मशान घाट जाने वाला रास्ता बदहाल स्थिति में है, जिससे गांव के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर किसान एकता महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कसाना ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए प्राधिकरण और प्रशासन को जमकर घेरा।

उन्होंने बताया कि डूंगरपुर रीलका उनका पैतृक गांव है, जहां स्मार्ट विलेज योजना के अंतर्गत अन्य कार्य तो कराए गए, लेकिन श्मशान घाट तक जाने वाला रास्ता आज भी उपेक्षित है। रमेश कसाना ने कहा कि इस मामले को यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह तक कई बार उठाया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

कीचड़ से होकर अंतिम यात्रा
गांव के प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि जब गांव में किसी की मृत्यु होती है, तो शव को श्मशान घाट तक ले जाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। बारिश के मौसम में कीचड़ और पानी से लथपथ रास्ते से गुजरना ग्रामीणों के लिए अपमानजनक और पीड़ादायक होता है।

जेपी कंपनी पर लगाया अवरोध उत्पन्न करने का आरोप
रमेश कसाना ने यह भी आरोप लगाया कि जब-जब इस रास्ते के निर्माण की बात होती है, जेपी समूह कोई न कोई अड़चन खड़ी कर देता है, जबकि इस रास्ते पर पिछले 50 वर्षों से खरंजा दर्ज है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बार-बार लिखित में शिकायतें दी गई हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा।

ग्रामीणों के साथ आंदोलन की चेतावनी
रमेश कसाना ने चेतावनी देते हुए कहा:
“अगर जल्द ही डूंगरपुर रीलका के श्मशान घाट जाने वाले रास्ते का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो किसान एकता महासंघ ग्रामीणों को साथ लेकर यमुना प्राधिकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगा। यह केवल विकास की बात नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का प्रश्न है।”

गांव के सम्मान और अंतिम संस्कार की गरिमा को बनाए रखने के लिए अब ग्रामीणों का सब्र टूट रहा है। अगर प्राधिकरण ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो यह मामला बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है।