चार मूर्ति चौक पर अंडरपास निर्माण तेज़, ट्रैफिक डायवर्जन लागू; 60 मीटर रोड पर बढ़ा दबाव

 

प्राधिकरण की पहल से बिसरख-नोएडा मार्ग पर राहत की उम्मीद, सर्विस रोड से हो रही वाहनों की आवाजाही

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे व्यस्त माने जाने वाले चार मूर्ति चौराहे को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन अंडरपास का कार्य अब तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। प्राधिकरण ने बिसरख से चौक की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग (मेन कैरिज-वे) को करीब 150 मीटर पहले बंद कर वाहनों को सर्विस रोड से निकालने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के चलते 60 मीटर रोड पर डायवर्जन प्रभावी कर दिया गया है।

अंडरपास की लंबाई और लागत

चार मूर्ति चौराहे पर बन रहा यह अंडरपास दोनों ओर लगभग 350-350 मीटर लंबा होगा और इसे 60 मीटर रोड के समांतर तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्य पर करीब 92 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। निर्धारित समयावधि डेढ़ वर्ष है, लेकिन प्राधिकरण इसे एक वर्ष में पूर्ण करने की दिशा में प्रयासरत है।

डायवर्जन का नया नक्शा

बिसरख से आने वाले वाहन अब मुख्य मार्ग से 150 मीटर पहले पुलिस चौकी के सामने से बाईं ओर सर्विस रोड की ओर मोड़ लिए जाते हैं।

  • नोएडा, प्रताप विहार और गौड़ सिटी की ओर जाने वाले वाहन अब इसी विस्तारित सर्विस रोड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
  • गौड़ सिटी या एनएच-24 की ओर जाने वालों के लिए हिंडन पार कर यूटर्न की सुविधा दी गई है।

प्रशासन की सक्रिय निगरानी

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर यह कार्य प्राथमिकता में रखा गया है। एसीईओ प्रेरणा सिंह अंडरपास कार्य की नियमित निगरानी कर रही हैं। उन्होंने कहा,

“हम इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि चार मूर्ति चौराहा हजारों वाहन चालकों की दिनचर्या का हिस्सा है। इसलिए हमारी प्राथमिकता है कि उन्हें जल्द से जल्द जाम की समस्या से मुक्ति दिलाई जाए।”

जीएम प्रोजेक्ट ए.के. सिंह और वर्क सर्किल एक के प्रभारी प्रभात शंकर भी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं ताकि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके।

पूर्व में हुए प्रयासों से मिली राहत

इससे पहले इटैड़ा गोलचक्कर और एक मूर्ति गोलचक्कर पर यूटर्न की व्यवस्था और शाहबेरी रोड का चौड़ीकरण करके प्राधिकरण ने ट्रैफिक को काफी हद तक नियंत्रित किया है। अब चार मूर्ति चौराहा पर अंडरपास निर्माण से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ट्रैफिक व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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