
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया नमन, महिला शक्ति को बताया प्रेरणास्पद इतिहास

राष्ट्रीय लोकदल की पूर्व उत्तर प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट चौधरी प्रियंका अत्री की भी विशेष उपस्थिति रही

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/नई दिल्ली
देश के महान किसान नेता और भारत रत्न से सम्मानित चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर आज नई दिल्ली स्थित किसान घाट पर एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के साथ मिलकर किसान मसीहा को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके अविस्मरणीय योगदान को याद किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय लोकदल की पूर्व उत्तर प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट चौधरी प्रियंका अत्री की भी विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने चौधरी चरण सिंह के विचारों और विरासत को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि
“आज के भारत को फिर से चौधरी चरण सिंह जैसे नीतिज्ञों के सिद्धांतों की ज़रूरत है, जो किसान को देश की रीढ़ नहीं बल्कि नीति का केंद्र मानते थे।”
उपराष्ट्रपति ने महिला शक्ति को किया प्रेरित
उपराष्ट्रपति ने विशेष रूप से उपस्थित महिला शक्ति को संबोधित करते हुए चौधरी चरण सिंह के संघर्ष, दूरदृष्टि और नीति-निर्माण की प्रेरक गाथा साझा की। उन्होंने कहा,
“चौधरी साहब केवल किसानों के ही नहीं, बल्कि गरीबों, महिलाओं और ग्रामीण भारत की आवाज़ थे। आज ज़रूरत है कि हम उनके विचारों को आत्मसात करें और समाज में उसका व्यापक प्रचार करें।”

ऋणमोचन विधेयक 1939: किसानों को मिली थी बड़ी राहत
उपराष्ट्रपति ने चौधरी चरण सिंह द्वारा 1939 में तैयार किए गए “ऋणमोचन विधेयक” का विशेष उल्लेख करते हुए बताया कि अंग्रेजी शासन के दौर में उन्होंने यह विधेयक तैयार किया, जिससे संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) के लाखों ग्रामीण किसानों को कर्ज से राहत मिली।
यह विधेयक उस समय एक ऐतिहासिक कदम था, जिसने गांव-गांव में किसानों की आर्थिक आज़ादी की नींव रखी।

भूमि सुधार के प्रमुख वास्तुकार
चौधरी चरण सिंह को उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों का अग्रदूत माना जाता है। उन्होंने जमींदारी प्रथा के उन्मूलन और भूमि की अधिकतम सीमा तय करने जैसे साहसिक निर्णयों में नेतृत्व किया। उनके प्रयासों से कृषि भूमि का न्यायसंगत वितरण हुआ और छोटे किसानों को आत्मसम्मान और अधिकार मिला।

किसानों के हित में उठाए 10 बड़े कदम
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी उल्लेख किया कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हित में अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए, जिनमें प्रमुख हैं:
- ऋणमुक्ति विधेयक का निर्माण
- भूमि सुधार की नींव
- जमींदारी उन्मूलन
- कृषि आधारित आर्थिक नीति का समर्थन
- ग्रामीण विकास को प्राथमिकता
- स्थानीय स्वायत्तता की वकालत
- कृषि लागत और मूल्य आयोग की अवधारणा
- सहकारी आंदोलन को प्रोत्साहन
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग
- कृषि आधारित राष्ट्र की परिकल्पना
महिलाओं की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
सभा में उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के दौर में राजनीति और संगठन निर्माण में महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि वे चौधरी चरण सिंह जैसे प्रेरणादायक नेताओं के विचारों को पढ़ें और अपनाएं, ताकि समाज में समता और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कार्य हो सके।

एक युगद्रष्टा की स्मृति में
चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि केवल श्रद्धांजलि का अवसर नहीं, बल्कि किसानों के अधिकार, स्वाभिमान और संघर्ष की प्रेरणा लेने का दिन है। उनका जीवन दर्शाता है कि यदि नीति और नीयत साफ हो तो सत्ता भी साधन बन सकती है, सेवा के लिए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और चौधरी साहब के आदर्शों को समर्पित संकल्प के साथ किया गया।