Vision Live/ Yeida City
गलगोटियास विश्वविद्यालय और भारत मध्य पूर्व कृषि संघ/भारत मध्य कृषि व्यापार उद्योग और निवेश मंच के बीच महत्वपूर्ण समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। जैसा कि हम सबको विदित है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की योजनाएँ “आत्मानिर्भर भारत”, मैक इन इन्डिया का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं को रोज़गार से जोड़ना है। उसी संदर्भ में आई एम ई एअ के अध्यक्ष सुधाकर तौमर जो कि एक विश्व प्रसिद्ध बिज़नेस लीडर हैं। एडवाइज़री बोर्ड के मैम्बर सुधांशु गर्ग, संजय मौना और लीगल एडवाइज़र अभिषेक कृष्णा आज गलगोटियास विश्वविद्यालय में एक विशेष कॉन्फ़्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे।
उन्होंने इसी सन्दर्भ में गलगोटियास विश्वविद्यालय के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने बताया कि कृषि भारत का मुख्य व्यवसाय है।परन्तु पूर्ण रूप से फलदायी नहीं है। उसके लिये वैल्यू एडिशन, फ़ूड प्रॉसेसिंग, सप्लाई चैन सिस्टम और एग्रीटैक ए० आई० ये सभी ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर व्यवसाय के अनेक अवसर बनाये जा सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि भारत के युवा जो कि मुख्यतः टू टियर और थ्री टियर शहरों से जुड़े हैं उन्हें “स्टार्टप” के ज़रिए कृषि क्षेत्र में अच्छे कैरियर के अवसर प्राप्त कराये जायेंगे इसके लिये उन्होंने गलगोटियास विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्रों से नये से नये विचारों और खोज को प्रदर्शित करने का आवाह्न किया।
ताकि अच्छी खोजों के स्टार्टप के ज़रिए कैरियर में अच्छे अवसर प्राप्त किये जा सकें। इसके लिये एलाईन्स (आई एम ई-टी आई आई एफ) ख़ासतौर से फ़ंडिंग की सहायता प्रदान करेगा। अभिषेक कृष्णा लीगल एडवाइज़र ने विद्यार्थियों द्वारा दिये गये नये विचारों के आई पी आर के क़ानूनी सुरक्षा के लिये अपनी सहमति प्रदान की।
कॉन्फ़्रेंस के दौरान गलगोटियास विश्वविद्यालय के वॉइस चॉसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने इस समझौते को बहुत ही महत्वपूर्ण और विद्यार्थियों के भविष्य के लिये हितकर बताया।
विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर के डीन डा० सहदेव ने अपनी सहमति देते हुए कहा कि भविष्य में स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर से नये विचारों और इनोवेशन के आइडियाज़ अवश्य ही निकल कर आयेंगे। विशिष्ट प्रोफ़ेसर एच० एस० गौड ने अपने दूरगामी कृषि के व्यापार क्षेत्रों के बारे में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव रखे। एग्री बिज़नस एक्सपर्ट असिस्टेंट प्रो० डा० कुमुद शुक्ला ने कहा कि वो विद्यार्थियों के द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण सुझावों और उनकी द्वारा की गयी खोजों को “स्टार्टप” के रूप में क्रियान्वित करके विद्यार्थियों को उनके “स्टार्टप” के रोज़गार में जोडने में सहयोग करेंगी। गलगोटियास विश्वविद्यालय के वॉइस चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि विश्वविद्यालय सदैव अपने विद्यार्थियों के शत प्रतिशत रोज़गार के लिये अपनी वचनबद्धता को दोहराता है और उसी संदर्भ में यह अहम समझौता रोज़गार देने की प्रक्रिया को मज़बूती प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने समौते की पहल की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिये विद्यार्थियों और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिये यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इन सहयोगों से कृषि क्षेत्र में नवाचार और सतत अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित किया जाएगा।