
झूठे मुकदमे में फंसाकर रंगदारी मांगने वाली महिला गिरफ्तार, 25 हजार रुपये नकद व दो मोबाइल बरामद
क्राइम रिपोर्टर/गौतमबुद्धनगर
थाना बिसरख पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक महिला को झूठे मुकदमे में फंसाने और रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला की पहचान प्रीति गुप्ता पत्नी राजीव बाबू निवासी टॉवर टी-102, पैरामाउंट इकोसेंस, थाना बिसरख के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके कब्जे से रंगदारी में वसूले गए 25,000 रुपये नकद और घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
घटना का विवरण:
वादी द्वारा थाना बिसरख में दी गई शिकायत के अनुसार, दिनांक 01 अप्रैल 2024 को उन्होंने अपना फ्लैट प्रीति गुप्ता को किराये पर दिया था। किरायानामा 24 दिसंबर 2024 को समाप्त होने के बावजूद अभियुक्ता ने फ्लैट खाली नहीं किया। इसके बाद अभियुक्ता ने कथित पत्रकार अजीत कुमार वियोगी उर्फ राज पुत्र रामेश्वर राय, निवासी सकरपुर ईस्ट, दिल्ली के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा।
दोनों ने मिलकर वादी पर दबाव बनाते हुए फ्लैट खाली करने के बदले 25 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की। रंगदारी न देने पर जान से मारने और वादी के बेटे को बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। दबाव में आकर वादी द्वारा 85,000 रुपये अभियुक्तों को दिए गए। पुलिस द्वारा अजीत कुमार वियोगी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
गिरफ्तारी व बरामदगी:
दिनांक 04 मई 2025 को पुलिस ने प्रीति गुप्ता को पैरामाउंट इमोशन सोसाइटी के पास से गिरफ्तार किया। उसके पास से 25,000 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनमें व्हाट्सएप पर भेजे गए धमकी भरे संदेश और रंगदारी मांगने से जुड़े अन्य डिजिटल साक्ष्य भी शामिल हैं।

अभियुक्ता का आपराधिक इतिहास:
प्रीति गुप्ता के विरुद्ध थाना बिसरख में कुल 6 मुकदमे दर्ज हैं, जो भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज हैं:
- मु.अ.सं. 133/2025 – धारा 352, 356(2) BNS व 67 IT एक्ट
- मु.अ.सं. 134/2025 – धारा 324(4), 352 BNS
- मु.अ.सं. 137/2025 – धारा 324(4), 352 BNS
- मु.अ.सं. 150/2025 – धारा 115(2) BNS
- मु.अ.सं. 205/2025 – धारा 356(2) BNS व 67 IT एक्ट
- मु.अ.सं. 312/2025 – धारा 308(6), 308(7), 351(2), 61(2) BNS
पुलिस का बयान:
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की मीडिया सेल ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच में तेजी लाई गई है। फरार अभियुक्त अजीत वियोगी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। मामले से जुड़े सभी डिजिटल और भौतिक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।