जागरुकता और समय से जांच से रोकथाम संभव
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मैश हॉस्पिटल ने जागरुकता के लिए लगाया कैंप पूरे माह मिलेगी निशुल्क की जांच की सुविधा
Vision Live/Noida
भारत में प्रोस्टेट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह देश में सबसे प्रमुख दस कैंसरों में शामिल हो चुका है। यह प्रवृत्ति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि यह केवल वृद्ध पुरुषों तक सीमित नहीं है, अब 40 और 50 की उम्र के पुरुषों में भी इसके मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं। द लैंसेट की एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 2040 तक भारत में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
प्रोस्टेट कैंसर अवरनेस मंथ के अवसर पर, मैश हॉस्पिटल अपने दिल्ली के मैश और नोएडा के मैश मानस अस्पताल में 30 सितंबर 2024 तक निशुल्क प्रोस्टेट जांच शिविर आयोजित कर रहा है। इस शिविर में पीएसए (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) टेस्ट, यूरोफ्लोमेट्री, यूरिन कल्चर और सेंसिटिविटी, और नियमित डिजिटल रेक्टल एग्ज़ैमिनेशन जैसे कई निशुल्क डायग्नोस्टिक परीक्षण किए जाएंगे। इसके साथ ही, रोगियों को वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट से मुफ्त परामर्श भी मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य विशेष रूप से 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों को शुरुआती जांच और उपचार के लिए प्रेरित करना है।
प्रोस्टेट कैंसर अक्सर शुरुआती चरणों में बिना किसी लक्षण के होता है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों में पेशाब करने में कठिनाई, मूत्र या वीर्य में रक्त आना, और श्रोणि में दर्द शामिल हो सकते हैं। मैश अस्पताल के यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी और यूरो-ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. अंकित गोयल के अनुसार, “प्रोस्टेट कैंसर का इलाज शुरुआती निदान पर निर्भर करता है। जब ट्यूमर प्रोस्टेट ग्रंथि तक सीमित होते हैं, तो पूरी तरह से ठीक होने की संभावना बहुत अधिक होती है। बीमारी का जल्द पता लगना और समय पर उपचार शुरू करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
मैश हॉस्पिटल के डॉ. अंकित गोयल ने कहा “प्रोस्टेट कैंसर की निदान और उपचार में तेजी से हो रही प्रगति के साथ, हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, जहां शुरुआती निदान और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं से मरीजों के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार होगा। अपने स्वास्थ्य को प्रबंधित करने के लिए जानकारी रखना और सक्रिय रहना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।” शुरुआती निदान से बड़ा फर्क पड़ सकता है, इसलिए मैश अस्पताल सभी से आग्रह करता है कि वे इस संदेश को फैलाएं और अपने प्रियजनों को जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करें