ऑस्ट्रेलिया में भारत के हस्तशिल्प उत्पादों का जादू

ईपीसीएच ने ग्लोबल सोर्सिंग एक्सपो मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया 2024 में भारत के हस्तनिर्मित शिल्प को बढ़ावा दिया

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / नई दिल्ली

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न कन्वेंशनल ऐंड एग्जिबिशन सेंटर में 19 से 21 नवंबर 2024 तक ग्लोबल सोर्सिंग एक्सपो मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया 2024 आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है और यहां भारत के विशाल हस्तशिल्प संग्रह, परिधान, और सस्टेनेबल लाइफस्टाइल उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि इस एक्सपो में ईपीसीएच के इंडिया पवेलियन का उद्घाटन ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. सुशील कुमार ने सदस्य प्रदर्शकों के साथ किया।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. सुशील कुमार ने उद्घाटन के दौरान भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने और देश से हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद (ईपीसीएच) के निरंतर प्रयासों और योगदान की सराहना की। सीजीआई ने सदस्य प्रतिभागियों से भी बातचीत की और भविष्य में व्यापार प्रचार के लिए सभी तरह के सहयोग का आश्वासन दिया।

ईपीसीएच के अध्यक्ष  दिलीप बैद ने कहा कि ग्लोबल सोर्सिंग एक्सपो मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख व्यापारिक आयोजन है, जो अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और डिजाइनरों को ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के प्रमुख रिटेल चेन, फैशन लेबल्स और संस्थागत खरीदारों को एक साथ मंच पर लाता है। एक्सपो का फोकस सस्टेनेबल फैशन, होम डेकोर और उपभोक्ता वस्तुओं पर है, जो उच्च गुणवत्ता वाले और उचित तरीके से सोर्स किए गए उत्पादों के निर्माण की भारत की क्षमता से पूरी तरह मेल खाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल के एक्सपो में भारत की भागीदारी से हाल ही में हस्ताक्षर किए गए भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) को भी मजबूती मिलेगी। इस ऐतिहासिक समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के निर्यातकों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक  आर. के. वर्मा ने कहा कि ईपीसीएच ने एक वाइब्रेंट इंडिया पवेलियन स्थापित किया है, जिसमें मुरादाबाद, जयपुर, नोएडा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक समेत प्रमुख शिल्प समूहों के 16 सदस्य निर्यातक शामिल हैं। इंडिया पवेलियन में परिधानों, चमड़े के सामानों, सूती एवं जूट के बैगों, होम डेकोर, किचनवेयर और अन्य उत्पादों की एक संयोजित रेंज प्रदर्शित की जा रही है।

ईपीसीएच, देश से विभिन्न वैश्विक गंतव्यों तक हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और भारत की छवि को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रस्तुत करने वाली नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि 2023-24 के दौरान भारत से 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हस्तशिल्प निर्यात किया गया, जिसमें रुपये के संदर्भ में 9.13% की जबकि डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2023-24 के दौरान ऑस्ट्रेलिया को हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात 737.83 करोड़ रुपये (89.11 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा ।

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