
— सूरजपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने की मांग, वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने जताई नाराजगी
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा,
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सोशल मीडिया पर गोली मारने की धमकी देने वाला वीडियो सामने आने के बाद मामला गरमा गया है। इस गंभीर और संवेदनशील प्रकरण में समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व अध्यक्ष जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर एडवोकेट रामशरण नागर ने सूरजपुर कोतवाली प्रभारी को एक विस्तृत लिखित शिकायत सौंपते हुए आरोपी युवक व उसके साथियों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत के दौरान उनके साथ एडवोकेट राकेश गौतम राष्ट्रीय सचिव समाजवादी अधिवक्ता सभा (पूर्व अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी गौतम बुद्ध नगर) भी मौजूद रहे। यह वीडियो 12 अप्रैल 2025 से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक खुलेआम कई साथियों के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को गोली से उड़ा देने की धमकी देता दिख रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी का नाम अमरेन्द्र प्रताप सिंह है, जो लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) का निवासी है। उसकी फेसबुक आईडी भी तहरीर के साथ संलग्न की गई है।

एडवोकेट रामशरण नागर ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि यह वीडियो न केवल माननीय सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि इससे प्रदेशभर में कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका भी गहराती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूर्व नियोजित आपराधिक षड्यंत्र प्रतीत होता है, जिसमें अन्य युवक भी शामिल हैं जो वीडियो में आरोपी का समर्थन करते दिख रहे हैं।
इस मामले को लेकर समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय सचिव व जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट मनोज भाटी (बोड़ाकी) के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिन पहले ही सूरजपुर पुलिस से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को ज्ञापन सौंपकर सपा सुप्रीमो के विरुद्ध अपमानजनक और धमकीपूर्ण वीडियो डालने वाले आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की थी।
एडवोकेट रामशरण नागर ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो इससे समाज में अराजकता फैल सकती है और सार्वजनिक शांति, लोकतांत्रिक व्यवस्था तथा सामाजिक सौहार्द पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।