
IBA ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, स्थानांतरण रोकने की उठाई मांग
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले OSD नवीन कुमार सिंह के स्थानांतरण आदेश को लेकर औद्योगिक क्षेत्र में असंतोष की लहर है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करवाने की मांग को लेकर आज इंडस्ट्रियल बिजनेस एसोसिएशन (IBA) के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर मनीष कुमार वर्मा से भेंट कर एक गंभीर और तात्कालिक ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व IBA के अध्यक्ष अमित उपाध्याय ने किया। प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि नवीन कुमार सिंह के कार्यकाल में ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास, पारदर्शिता, त्वरित समाधान और प्रशासनिक सहयोग में जो सुधार आया है, वह अभूतपूर्व और अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि सिंह ने उद्यमियों की समस्याओं को न केवल गंभीरता से लिया, बल्कि उन्हें प्राथमिकता के साथ हल भी कराया, जिससे उद्योगजगत और प्राधिकरण के बीच की दूरी घटी है और विश्वास का माहौल बना है।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल महोदया के नाम संबोधित ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें OSD के स्थानांतरण आदेश को वापस लेने का निवेदन किया गया है।
IBA प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि इस स्थानांतरण को रोका नहीं गया तो इससे औद्योगिक विकास की गति प्रभावित होगी, तथा उद्यमियों का मनोबल कमजोर होगा। उनका मानना है कि नवीन कुमार सिंह जैसे कुशल, जनोन्मुखी और सक्रिय अधिकारी का कार्यकाल औद्योगिक क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है, जिसे जारी रखा जाना चाहिए।

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि उद्यमियों की भावनाओं व सुझावों को शासन के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है और उद्योगपतियों के हितों की रक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जाएगी।
इस अवसर पर IBA अध्यक्ष अमित उपाध्याय के साथ महासचिव सुनील दत्त शर्मा, उपाध्यक्ष सुधीर त्यागी, श्रीकृष्ण शर्मा, कोषाध्यक्ष राकेश अग्रवाल, जॉइंट सेक्रेटरी दर्शन शर्मा समेत अन्य प्रमुख उद्यमी उपस्थित रहे। सभी ने एकमत से कहा कि नवीन कुमार सिंह जैसे अधिकारी का तबादला न केवल औद्योगिक क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करेगा, बल्कि विकास की गति को भी धीमा कर सकता है।
IBA का यह कदम औद्योगिक क्षेत्र की एकजुटता और प्रशासन से अपेक्षित सहयोग का प्रतीक है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि शासन इस जनभावना को कितनी गंभीरता से लेता है।