सूरजपुर में ट्रैफिक का ‘ट्रायल’: कोर्ट–कलेक्ट्रेट रोड पर बदइंतज़ामी से लोगों का निकलना दूभर

  मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, कलेक्ट्रेट और पुलिस कमिश्नरेट हेडक्वार्टर के बीच की सड़कें इन दिनों बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी हैं। मुख्य मार्ग हो या सर्विस लेन—हर जगह तिरछे, आड़े, बेतरतीब खड़े वाहन रोजाना हजारों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। सरकारी दफ्तरों की कतार और लगातार बढ़ते यातायात दबाव ने यहां ट्रैफिक सिस्टम को चरमराकर रख दिया है।


कलेक्ट्रेट–कोर्ट के बीच ‘अनौपचारिक पार्किंग’ का साम्राज्य

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और कलेक्ट्रेट के बीच सेल टैक्स ऑफिस, डीआईओएस, बीएसए ऑफिस और जिला होमगार्ड कमांडेंट ऑफिस की दिशा में जाने वाले मार्ग पर चलना तक मुश्किल बना हुआ है। सड़क किनारे खड़ी टू–व्हीलर व चार–पहिया गाड़ियों की पंक्तियों ने सड़क को लगभग अघोषित पार्किंग में बदल दिया है।

सूरजपुर–कासना घंटा चौक और उससे लगी सर्विस रोड की स्थिति भी अलग नहीं है—दोनों तरफ वाहनों की अवैध पार्किंग ने मार्ग को संकरा कर दिया है, जहां पीक आवर में जाम आम बात हो चुकी है।


पुलिस मुख्यालय से लेकर विकास भवन तक: पूरी पट्टी अवैध वाहन स्टैंड

पुलिस कमिश्नर हेडक्वार्टर से लेकर कलेक्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और विकास भवन तक बनी सर्विस रोड अब आड़े–तिरछे खड़े वाहनों का अड्डा बन चुकी है।
मोजर बेयर गोल चक्कर से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के गेट नंबर 4 की ओर जाने वाला मार्ग भी इसी अव्यवस्था की जद में है—यहां गाड़ियों का यूं खड़ा होना सड़क को आधा निगल जाता है।


पीक आवर में बदहाल स्थिति – भारी वाहन बन रहे अतिरिक्त मुसीबत

जब सूरजपुर पुलिस चौकी के पास ट्रैफिक दबाव बढ़ता है, तो भारी वाहनों को मोजर बेयर गोल चक्कर होते हुए घंटा चौक की ओर मोड़ दिया जाता है। ऐसे में कोर्ट गेट नंबर 4 वाला मार्ग पूरी तरह जाम की चपेट में आ जाता है।


कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर पार्किंग—फिर भी लोग बाहर खड़े कर जाते वाहन

कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग उपलब्ध होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वाहन अंदर ले जाने के बजाय बाहर ही सड़क पर खड़े कर देते हैं। इससे ट्रैफिक व्यवस्था लूट जाती है और सरकारी दफ्तरों में आने–जाने वालों को जाम में फंसना पड़ता है।


कोर्ट कैंपस के बाहर ‘बेतरतीब पार्किंग माफिया’ की पकड़

डिस्टिक कोर्ट में गेट नंबर 1 से न्यायिक अधिकारियों की एंट्री होती है, गेट नंबर 2 पैदल आम लोगों के लिए, गेट नंबर 3 से कैदियों की एंट्री और गेट नंबर 4 से अधिवक्ताओं व अन्य वाहनों की आवाजाही।
लेकिन पार्किंग का ठेका होने के बावजूद वाहन कोर्ट कैंपस में खड़े नहीं करवाए जा रहे—बल्कि गेट नंबर 2 से लेकर घंटा चौक की ओर जाने वाला पूरा मार्ग पार्किंग स्थल में तब्दील कर दिया गया है।

यहां टू–व्हीलर और चार–पहिया वाहन इतनी संख्या में खड़े रहते हैं कि गेट नंबर 2 से निकलना तक दूभर हो गया है।
गेट का मुख्य दरवाजा भी अक्सर बंद रहता है, और लोगों को संकरे लूप डोर से ही आना–जाना पड़ता है।


इमरजेंसी में कैसे पहुंचेगी एम्बुलेंस? कैसे आएगी फायर ब्रिगेड?

सबसे बड़ा सवाल यही है—
यदि कोर्ट परिसर में कोई अनहोनी हो जाए तो एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड कैसे अंदर पहुंचेगी?
गेट नंबर 2 के बाहर की मौजूदा पार्किंग व्यवस्था किसी भी इमरजेंसी वाहन को रास्ता नहीं देती।

साथ ही, सेल टैक्स ऑफिस द्वारा पकड़े गए भारी वाहन—ट्रक, कंटेनर, मिनी लोडर—भी इसी मार्ग पर आड़े–तिरछे खड़े रहते हैं, जो व्यवस्था को और बिगाड़ देते हैं।


स्थानीय अधिवक्ताओं ने जताई गंभीर चिंता

सूरजपुर निवासी अधिवक्ता धर्मपाल सिंह कहते हैं—
“यह मार्ग सूरजपुर कस्बे का प्रमुख रास्ता है, पर बेतरतीब वाहन खड़े होने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। कोर्ट के अंदर कोई इमरजेंसी हो जाए तो एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड का प्रवेश असंभव है। प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।”


डीसीपी ट्रैफिक का आश्वासन—स्थिति में जल्द आएगा बदलाव

डीसीपी ट्रैफिक डॉ. प्रवीण रंजन सिंह ने स्वीकार किया—
“स्थिति वाकई गंभीर है। कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जल्द ही सड़क पर खड़े बेतरतीब वाहनों को हटाया जाएगा और ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए सभी ठोस कदम उठाए जाएंगे।”


“विजन लाइव” का विश्लेषण – प्रशासनिक गलियारों में ट्रैफिक की परीक्षा

सूरजपुर का यह पूरा इलाका—जहां से रोजाना हजारों लोग सरकारी दफ्तरों, कोर्ट और कमिश्नरेट में आते–जाते हैं—एक ऐसे ट्रैफिक संकट से गुजर रहा है जिसकी तुरंत सर्जरी की जरूरत है।
यह सिर्फ असुविधा का नहीं, बल्कि सुरक्षा का भी मुद्दा है—इमरजेंसी सेवाओं का ठप हो जाना किसी भी दिन बड़ा हादसा बन सकता है।

प्रशासन और प्राधिकरण यदि समय रहते जागे, तो सूरजपुर का यह महत्वपूर्ण दफ्तर क्षेत्र एक बार फिर सुचारु यातायात व्यवस्था का उदाहरण बन सकता है।

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