ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 09 करोड रूपये के बजट से विकास कराए जाने की फाइल धूल फांक हैं
सीईओ रवि कुमार एनजी ने एसीईओ आशुतोष द्विवेदी से रिपोर्ट तलब की
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर में 09 करोड रूपये की धनराशि से विकास कराए जाने के बजट का मामला अब सीएम योगी के दरबार में पहुंच गया है। इधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 09 करोड रूपये के बजट से विकास कराए जाने की फाइल धूल फांक रही हैं। सूरजपुर में महामेधा से लेकर बाराही मेला प्रांगण स्थल की ओर तक करीब 6 गली रास्तों को आरसीसी से पक्का कराए जाने, पानी की टंकी और सीवर जैसी सुविधाएं मुहैया कराए जाने का भरोसा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से लोगों को दिलाया गया था। सीईओ रवि कुमार एनजी ने यहां 09 करोड रूपये का बजट खर्च किए जाने की बात कही थी, किंतु आज एक वर्ष बाद तक भी 09 करोड का बजट एक पहेली बना हुआ है।
है न दिए तले अंधेराः- भाजपा का गढ माना जाना इलाका ही बदाली पर खुद बहा रहा है, आंसू
गौतमबुद्धनगर का जिला सूरजपुर में बना हुआ है। सूरजपुर अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहा है। नोएडा दादरी रोड से लेकर कई गली रास्ते एसे हैं जहा कीचड के ढेर लगे हुए है और लोगों का पैदल तक निकलना दूभर बना हुआ है। सियासी तौर से देखे तो सूरजपुर भाजपा का गढ भी माना जाता है यहां उत्तर प्रदेश की नही बल्कि कई राज्यांं से लोग रोजगार तलाश में आकर बस गए हैं। महामेधा यानी ईदगाह से लेकर भाटी रोड के इलाके की बात करें यहां कई गली रास्ते ऐसे हैं कि मलिन बस्ती का अहसास होने लगता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मौजूदा सीईओ रवि कुमार एनजी ने जब कार्यभार संभाला तो पहली ही पत्रकार वार्ता में सूरजपुर के विकास पर पूरे 9 करोड का बजट खर्च किए जाने की बात कही थी। इन तमाम बातों को पूरा 1 वर्ष होने को जा रहा है मगर स्थिति जस की तस है और सूरजपुवासियों की आंखे मानो विकास देखने के लिए पथरा गई हैं।
गौतमबुद्धनगर, जिला मुख्यालय सूरजपुर कसबे की हालत मलिन बस्ती जैसी
गौतमबुद्धनगर जिसे उत्तर प्रदेश का शो विंडो भी कहा जाता है, जिला मुख्यालय सूरजपुर कसबे में स्थित है। जिला मुख्यालय होने नाते यहां पर पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय, पुलिस लाइन, जिला न्यायालय, जिला पंचायत कार्यालय भवन और जिला प्रशासन के मुख्यालय और साथ ही कई सरकारी और अर्द्वसरकारी कार्यालय स्थित है। सूरजपुर कहने को कसबा स्तरीय आबादी है मगर यहां गांव जैसी भी सुविधाएं लोगों को मयस्सर नही हैं। पहले यहां ग्राम पंचायत जरूर हुआ करती थी मगर जब से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी ऐरिया के दर्जनों गांवों की ग्राम पंचायतों का आसित्व समाप्त हुआ है, न गांवों की इकाई रही और न ही कसबा स्तरीय नगर पंचायत अथवा नगर पालिका जैसी कोई संवैधानिक इकाई ही मिल पाई है।
विकास की बात करें सूरजपुर कसबा एक मलिक बस्ती जैसा बन कर रह गया है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नाम पर सिर्फ एक आयुवेर्दिक चिकित्सालय जहां तैनात चिकित्सक ज्यातादार अपनी निजी प्रैक्टिस में मशगलू रहते हैं। ब्लाक मुख्यालय बिसरख है जो करीब 5-6 दूर है। शिक्षा के नाम न कोई राजकीय डिग्री कॉलेज है और न ही कोई कन्या इंटर कॉलेज है। तहसील सदर है मगर करीब 15-20 किमी दूर ग्राम डाढा में तहसील सदर का मुख्यालय है। स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं की बात को छोड भी दें तो यहां बजबाती हुई नालियां और बहता गंदा पानी और कीचड भरे रास्ते खुद अपनी कहानी बंया करते हुए दिखाई देते हैं।
सूरजपुर कसबा, दादरी नोएडा रोड पर बसा हुआ है। मूल आबादी दादरी नोएडा रोड के दक्षिण क्षेत्र में हैं जहां कुछ गली रास्ते पक्के बन गए हैं। नोएडा दादरी रोड के उत्तरी क्षेत्र में सूरजपुर कसबे का ज्यादार विस्तार हुआ हैं और एक बडी आबादी इस क्षेत्र में निवास करती है। महामेधा रोड, पुराना शनि बाजार, शिव मंदिर, भोला कालौनी, सीताराम कालौनी, बाराही मंदिर रोड, सुदेश कालौनी, जमाल कालौनी, संजीता कालौनी और ज्ञान कालौनी ऐसे क्षेत्र जो आज भी विकास के से अछूते बने हुए हैं। यह भी सच है कि कालोनाईजर इन ज्यादातर कालौनियां को काट कर उछन छू हो चुके हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन ज्यादातर कालौनियों को अवैध बता कर विकास की अपनी जिम्मेदारियांं से पल्ला झाडता चला आ रहा है। इन कालौनियों में कई तो ऐसी भी है जिन्हें बसे हुए 15-20 साल ज्यादा हो गए हैं। तत्कालीन मेरठ मंडल के कमिश्नर व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यापालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा में बसी ऐसी आबादियों का प्रस्ताव रखा था, जिन्हें नियमित किया जाना था। तब यहां के लोगों को आस जगी थी कि शायद अब विकास की किरण आएगी और नरकीय जीवन से छुटकारा मिलेगा। किंतु वह बात भी आई गई हो गई। वर्ष 2017 मेंं जब योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश में आसीन हुई थी तो क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर और सांसद डा0 महेश शर्मा की पहल पर करीब 4 करोड रूपये की लागत से विकास कार्य कराए थे। उस समय भी विकास की बयार से यह कलौनियां अछूती रह गई थी।
सूरजपुर के विकास का यह मुद्दा फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के दराबार में जा पहुंचा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डा0 महेश शर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को गत दिनांक 09-11-2021 को पत्र लिखते हुए महामेधा से मस्जिद होते हुए शिव मंदिर तक रास्ते के निमार्ण के लिए संस्तुति की थी। पूर्व केंद्रीय व सांसद डा0 महेश शर्मा का यह पत्र ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा रद्दी की टोकरी में फैंक दिया गया।
सूरजपुर निवासी मानक चंद शर्मा ने यहां के विकास को लेकर फिर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राजस्व राज्य मंत्री व वर्तमान सांसद अनुप प्रधान की ओर रूख किया और उनके दरबार में पहुंच कर गुहार लगाईं। मानक चंद शर्मा के इस पत्र को राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्य मंत्री अनुप प्रधान ने गंभीरता से लिया और दिनांक 25 दिसंबर-2022 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यापालक अधिकारी को ताकिद किया कि सूरजपुर के इन रास्तो का निमार्ण कार्य प्राथकिता के आधार कराया जाना अत्यंत जरूरी है, राहगीरों को इन रास्तो से निकलने पर परेशानी होती है। इसलिए इन रास्तो को पक्का बनाते हुए, कृत कार्यवाही से उन्हें अवगत कराया जावे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकराण जहां क्षेत्र के दर्जनों के गांवों के आंतरिक और वाहय विकास कार्यो पर करोडो का बजट खर्च करता चला आ रहा है, योगी सरकार के मंत्री अनुप प्रधान के इस पत्र को रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया गया। मंत्री और वर्तमान सासंद अनुप प्रधान ने डीएम से लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ ़ऋतु माहेश्वरी के पेच कसे। गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन की संस्तुति पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सूरजपूर में विकास कराए जाने के लिए राजी हुआ। सूत्रों की मानें तो सूरजपुर में इन गली रास्तो को सरकारी चकरोड माना गया और यहां सीवर, पानी की टंकी का निमार्ण और आरसीसी रोड का निमार्ण कराते हुए कसबे जैसा रूप दिए जाने की कवायद शुरू हुई। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में लैंड से लेकर प्रोजेक्ट तक में यह फाईल पहुंची जिस पर सीईओ रवि कुमार एनजी ने 09 करोड रूपये का बजट खर्च किए जाने की बात कही। किंतु आज एक वर्ष बाद तक भी 09 करोड का बजट एक पहेली बना हुआ है। माना जा रहा है कि सूरजपुर के विकास को लेकर शुरू हुई इस मुहिम में खासा पेच फंस चुका है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में आगणन समिति की रिपोर्ट जीम प्लानिंग लीनू सहगल की टेबल पर धूंल फांकती रही है। तकनीकी समिति की संस्तुति के क्रम में आगणन धनराशि रूपये 686.78 यानी छ करोड छियासी लाख अठहत्तर हजार की प्रशासनिक एंव वित्तीय स्वीकृति तथा कार्य ई- निविदा आमंत्रित कर, कराए जाने की स्वीकृति अपर मुख्य कार्यापालक अधिकारी के कार्यालय आदेश पत्राक-ग्रेनो/अ0मु0का0अ0 -ए0-/2022-23/एसएम- टी- 1607 दिनांक 31-03-2023 के क्रम अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी -डी0- द्वारा प्रदान की जानी है। इस रिपोर्ट पर जीम प्लानिंग लीनू सहगल ने दिनांक 29-12-2023 को लिखा कि—- ऐसे कितने अन्य प्रकरण है, कृपया अवगत कराए व यह मूल आबादी के अंदर कार्य किया जा रहा है या अन्यत्र यह भी स्पष्ट करें। जीएम प्लानिंग की रिपोर्ट पर जवाब वर्क सर्किल-3 को देना है। जीएम प्लानिंग की रिपोर्ट पर जवाब वर्क सर्किल-3 द्वारा दिया जा चुका है। ग्रामवासी मानकचंद शर्मा, प्रेमवीर शर्मा आदि ने हाल ही में सूरजपुर विकास का मुद्दा सीईओ ग्रेटर नोएडा रवि कुमार एनजी के दरबार में उठाया। उधर सीईओ रवि कुमार एनजी ने ग्रामवासी मानकचंद शर्मा, प्रेमवीर शर्मा आदि के इस पत्र पर एसीईओ आशुतोष द्विवेदी से रिपोर्ट तलब की है।
भाजपा के बूथ अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
इधर अब भाजपा के बूथ अध्यक्ष मानकचंद शर्मा ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा है। सीएम योगी लिखे गए पत्र में बूथ अध्यक्ष मानकचंद शर्मा ने अवगत कराया है कि जिला गौतमबुद्धनगर विधानसभा दादरी के अंर्तगत गांव सूरजपुर आता हैं, यहां प्रवासी लोगों सहित करीब 3 लाख लोग निवास करते हैंं किंतु यह गांव सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित है। यहां न तो ग्राम प्रधानी ही है और न ही किसी तरह की नगर निकाय है। इसलिए गांव के विकास की सारी जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास है। भाजपा बूथ अध्यक्ष मानकचंद शर्मा ने पत्र में यह भी अवगत कराया है कि सूरजपुर के रास्तों की फाइल संख्या 2021/174 पिछले 3 साल से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में चली हुई है। जब कि इस फाईल को गौतमबुद्धनगर की सदर तहसील समेत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभी विभागों से स्वीकृति भी मिल चुकी है। आंगणन समिति दिसंबर-2023 में बन गई है, लेकिन फाईल अभी टेंडर में नही लगी है। यही नही इस फाईल के संबंध में क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल नागर, सांसद गौतमबुद्धनगर डा0 महेश शर्मा और राजस्व राज्यमंत्री व वर्तमान सासंद अनुप प्रधान भी अपनी सहमति और अनुंशसा कर चुके हैं। इन जनप्रतिनिधियो के द्वारा फोन के माध्यम भी कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों को कहा जा चुका है, लेकिन आज तक यह फाईल टेंडर में नही लगी है। सूरजपुर का विकास न होने से स्कूल के बच्चों, बुजुर्गो और आमजन को बडी परेशानी उठानी पड रही है। इन सभी को कीचड भरे रास्तों से होकर निकलना पडता है। गंदगी के कारण लोग जल्दी जल्दी बीमार पडते रहते हैं। पत्र में भाजपा बूथ अध्यक्ष ने सीएम योगी से मांग की है कि जल्द से जल्द स्वीकृत हो चुकी 09 करोड रूपये की राशि का टेंडर लगावाते हुए विकास कराए जाने की कृपा करें।