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प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय गौतमबुद्धनगर बुद्धि सागर मिश्र ने पत्नी को साथ ले जाने का फैसला सुनाया
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विपक्षी पति दिनांक 08 मार्च-2014 की अर्द्धरात्रि को घर से करीब 2 किमी दूर छोड कर चला गया। यहां तक अपने साथ रखने तक से इंकार कर दिया गया और तभी से याची अपने माता पिता के साथ रह रही है। विपक्षी याची को लेने के लिए उसके मायके नही आया और न ही कोई खर्च किसी प्रकार का दिया, बगैर किसी कारण के परित्याग किया गया। यही नहीं विपक्षी ने एक वाद याची के विरूद्ध तलाक हेतु भी योजित किया-पीडिता अपर्णा तनखा के अधिवक्ता धर्मपाल सिंह
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद तलाक नही मिल पाया। पति और पत्नी करीब वर्ष 2014 से ही अलग अलग रहे थे। पति की ओर से विवाह विच्छेद किए की मांग की गई। अदालत ने पति की इस याचिका को निरस्त कर दिया। पत्नी ने अदालत में अर्जी लगाई कि वह पति के साथ रहना चाहती है। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय गौतमबुद्धनगर बुद्धि सागर मिश्र ने याची की इस याचिका को मंजूर करते हुए फैसला सुनाया है कि पति अपनी पत्नी को घर लेकर जाए।
अनिरूद्ध तनखा निवासी कोटा, राजस्थान और अपर्णा तनखा निवासी काकदेव, कानपुर हाल निवासी अल्फा-2, ग्रेटर नोएडा का विवाह दिनांक 08-02-2013 को हिंदु रीति रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ था। शादी के कुछ दिन बाद ही पति पत्नी के बीच कुछ बातों को लेकर विवाद उत्पन्न होना शुरू हो गया। आखिर मारपीट की नौबत आई और फिर मामला तलाक तक आ पहुंचा।

पीडिता अपर्णा तनखा के अधिवक्ता धर्मपाल सिंह एडवोकेट ने बताया कि याची अपर्णा तनखा को विपक्षी पति दिनांक 08 मार्च-2014 की अर्द्धरात्रि को घर से करीब 2 किमी दूर छोड कर चला गया। यहां तक अपने साथ रखने तक से इंकार कर दिया गया और तभी से याची अपने माता पिता के साथ रह रही है। विपक्षी याची को लेने के लिए उसके मायके नही आया और न ही कोई खर्च किसी प्रकार का दिया, बगैर किसी कारण के परित्याग किया गया। यही नहीं विपक्षी ने एक वाद याची के विरूद्ध तलाक हेतु भी योजित किया। लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद भी गौतमबुद्धनगर परिवार न्यायालय से पति को तलाक नही मिल पाया। उन्होंने बताया कि याची अपर्णा तनखा ने अर्जी दी कि वह पति के साथ रहना चाहती है। इसलिए मायके से घर पति साथ दांपत्य जीवन का निर्वाह करने के लिए आदेशित किए जाने की प्रार्थना की गई।


न्यायालय ने याची और विपक्षिया के तर्को और सुबूतों को सुना। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय गौतमबुद्धनगर बुद्धि सागर मिश्र ने सुबूतों और गवाहों के मद्देनजर फैसला सुनाया है कि एक माह के अंदर पति अपनी पत्नी याची को मायके से अपने साथ ले जाकर दांपत्य जीवन का निर्वाह करना सुनिश्चित करें।