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ऊंची दनकौर स्थित सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री

सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव पर प्रसाद ग्रहण करते हुए बम- बम, बोल बम का जयघोष किया
सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर की मान्यता दूर दूर तक फैली, तो यहां श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना की गईः जस्सू सैनी संचालक सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव फाउंडेशन
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

ऊंची दनकौर स्थित सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव पर महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। शनिवार को जल चढाने के बाद भंडारा भी आयोजित किया गया और जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण करते हुए बम- बम, बोल बम का जयघोष किया। ऊंची दनकौर स्थित सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव का इतिहास सदियों पुराना है। पहले यहां पर पजाया हुआ करता थी, इसी वजह से माता रानी के इस मंदिर का नाम सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर हुआ। सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर की मान्यता दूर दूर तक फैली, तो यहां श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव की स्थापना की गई। माना जाता है कि क्षेत्र में यह एक ऐसी सिद्ध पीठ स्थापित है जहां एक ओर मां पजायेवाली देवी पहले से ही स्थापित है और वहीं दूसरी ओर भगवान भोले शंकर का मंदिर है।

महाशिवरात्रि के पर्व पर करीब 18 वर्षो से यहा से मेला लगता चला आ रहा है। कवडिए गौमुख आदि स्थानों से जल लाते हैं और फिर महाशिवरात्रि के पर्व के मौके पर जलाभिषेक किया जाता हैं। इस बार भी करीब 12 कावडिए यहां से गौमुख और हरिद्धार गए और फिर कावड लेकर आए, आज शनिवार को प्रातः9.30 बजे शिवभक्तों ने बोल बल की जयघोष के साथ जल चढाया। कल रविवार को शिव विवाह कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न होगा और फिर तीसरे दिन सोमवार को भंडारा आयोजित किया जाएगा।

सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव की कमान वर्ष 1990 में भगवत सैनी भगतजी ने संभाल ली और जीर्णोद्वार कराया। सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव फाउंडेशन के संचालक जस्सू सैनी पुत्र स्व भगवत सैनी भगतजी ने ’’विजन लाइव’’ से खास बातचीत के दौरान बताया कि सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर श्री सिद्ध नर्मदेश्वर महादेव की मान्यता दूर दूर तक हैं।

चमत्कार के सवाल के पर उन्होंने बताया कि परिवार के एक बुजुर्ग अचानक गायब हो गए थे, फिर यहां सिद्ध पीठ मॉं पजायेवाली देवी मंदिर पर अरदास लगाई और गायब बुजुर्ग वापस लौट आए। उन्हांंने बताया कि पहले यहां पर पजाया हुआ करता था, मां का एक छोटा सा मंदिर था, किंतु जैसे जैसे यहां की मान्यता दूर दूर तक फैलती गई, इस सिद्ध पीठ मां पजाये वाली मंदिर का विकास होता चला गया।

दनकौर क्षेत्र में संभवत यह पहला ऐसा मंदिर है जहां एक ओर मां की शक्ति पीठ हैं और दूसरी ओर स्वंय भगवान भोले शंकर की पीठ स्थापित है। प्रति वर्ष की भांति इस बार भी महाशिवरात्रि के पावन पर्व के मौके पर यहां कावडिए जल लेकर आए हैं और जलभिषेक किया गया है। इस बार यहां डाक कावड भी हरिद्वार से आई हैं, जिसमें ऊंची दनकौर से मुकुल सैनी और रोहित सैनी कल हरिद्धार के लिए रवाना हुए थे और आज डाक कावड लाकर यहां पर जल चढाया है। वहीं दूसरी ओर हरीश सैनी बीडीसी, काव्य सैनी, दीपक सैनी समेत कुल 9 शिवभक्त गौमुख से कावड लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार यहां से कुल 9 शिव भक्त गौमुख से और कुल 5 हरिद्वार से कावड लेकर आए हैं। इन 5 हरिद्वार के कावडियों में 2 डाक कावड भी शामिल हैं। इस मौके पर भंडारा कार्यक्रम में अशोक सैनी, मुकेश सैनी, संजय सैनी, कलुवा सैनी, धनेश नागर प्रधान, फिरोज नागर, जितेंद्र नागर, बबलू सैनी, रमेश सैनी, लक्ष्मण सैनी, योगेश नागर, विनोद नागर, ललित सैनी और भोला सैनी आदि शिवभक्त शामिल रहे।