
🎬 ग्रेटर नोएडा के यू-टर्न रेस्टोरेंट में हुई फिल्म “गौदान की पुकार” की शूटिंग, गौ रक्षा और कल्याण पर आधारित है कथानक
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” /ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा के लोकप्रिय यू-टर्न रेस्टोरेंट में हाल ही में सामाजिक सरोकारों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण फिल्म “गौदान की पुकार” की शूटिंग संपन्न हुई। यह फिल्म गौ रक्षा और गौ कल्याण जैसे विषयों को केंद्र में रखकर बनाई जा रही है, जो भारतीय संस्कृति, अर्थव्यवस्था, कृषि और पर्यावरण में गाय के महत्व को रेखांकित करती है।
🎥 फिल्म का उद्देश्य: समाज में जागरूकता फैलाना
फिल्म का निर्माण मुम्बई के प्रतिष्ठित कलाकारों एवं कामधेनु इंटरनेशनल प्रोडक्शन द्वारा किया जा रहा है। इसका कथानक गाय के संरक्षण, पालन-पोषण और समाज में उसकी उपयोगिता पर आधारित है।
पथरा स्थित दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति की पहल पर इस फिल्म का निर्माण शुरू किया गया है। समिति का उद्देश्य है कि फिल्म के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाए कि गाय केवल एक पालतू पशु नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर है।
🗣️ स्थानीय सहयोग और विचार
यू-टर्न रेस्टोरेंट के स्वामी प्रमोद चौहान ने फिल्म के संबंध में बताया:
“यह फिल्म गौ रक्षा और गौ कल्याण के महत्व को समाज के सामने रखने का प्रयास है। हमें गर्व है कि हमारे रेस्टोरेंट को इस जागरूकता अभियान का हिस्सा बनने का अवसर मिला।“
उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में जब आधुनिकता के नाम पर परंपराएं पीछे छूट रही हैं, ऐसे में इस फिल्म जैसे प्रयास संस्कृति को संजोने का कार्य कर रहे हैं।
🐄 गाय: भारतीय संस्कृति की आत्मा
फिल्म “गौदान की पुकार” यह बताने का प्रयास है कि गाय भारतीय संस्कृति में सिर्फ पूज्य नहीं, बल्कि कृषि, डेयरी, पर्यावरण और आयुर्वेद के क्षेत्र में भी अत्यंत उपयोगी है।
इसका संदेश स्पष्ट है – गौ माता का सम्मान और संरक्षण केवल धार्मिक भावना नहीं, बल्कि सतत विकास और सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

✅ गौ कल्याण और सांस्कृतिक जागरूकता
“गौदान की पुकार” न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह एक आंदोलन है — एक पुकार है समाज के हर वर्ग से, कि वह गौ माता की रक्षा और सेवा में आगे आए।
ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ यह सृजनात्मक प्रयास निश्चय ही गौ कल्याण और सांस्कृतिक जागरूकता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।