
थाना सेक्टर-63 पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 14 क्विंटल नकली पनीर जब्त, 4 गिरफ्तार

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
नोएडा में मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे एक खतरनाक नकली पनीर निर्माण और बिक्री करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। थाना सेक्टर-63 पुलिस ने 14 क्विंटल अपमिश्रित पनीर समेत 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरोह न केवल अपमिश्रित पनीर बना रहा था, बल्कि उसे असली बताकर एनसीआर क्षेत्र के बाजारों में खपाया जा रहा था।
गोपनीय सूचना से खुली साजिश की परतें
दिनांक 28 जून की रात थाना सेक्टर-63 पुलिस को एक बड़ी सफलता तब मिली जब गुप्त सूचना के आधार पर यूपी-81 ईटी-8564 नंबर की महिन्द्रा पिकअप गाड़ी को पकड़ा गया। गाड़ी से करीब 14 क्विंटल अपमिश्रित पनीर बरामद किया गया। पूछताछ में चालक गुलफाम पुत्र इस्लाम की निशानदेही पर पुलिस ने अलीगढ़ के सहजपुरा गांव में चल रहे एक नकली पनीर निर्माण प्लांट पर छापा मारा।
फैक्ट्री से बरामद खतरनाक सामग्री:
छापे में भारी मात्रा में रासायनिक और खाद्य सामग्रियां मिलीं, जिनमें शामिल हैं:
- ढोलपुर फ्रेश स्किम्ड मिल्क पाउडर
- रेड बुल प्रीमियम क्वालिटी सॉर्टेक्स क्लिन
- न्यूट्रीलिव रिफाइंड पामोलिन ऑयल
- सफेद पोस्टर रंग (Whitening Agent)
- नीले रंग का रासायनिक ड्रम जिसमें 4 किलो खतरनाक कैमिकल
- पनीर निर्माण मशीनें, मिक्सर ग्राइंडर और पारदर्शी शीशियां
कैसे बनता है ये नकली पनीर?
पुलिस जांच के अनुसार, गिरोह दो प्रक्रियाओं से नकली पनीर तैयार करता था।
- रेड बुल सॉर्टेक्स क्लीन को पानी/सपरोता में उबालकर उसमें पोस्टर कलर और केमिकल मिलाया जाता है ताकि वह असली पनीर जैसा दिखे।
- दूसरी प्रक्रिया में दूध के पाउडर, रिफाइंड तेल और कैमिकल की सहायता से क्रीमी टेक्सचर वाला पनीर तैयार किया जाता है।
➡ एक बार के बैच में उत्पादन: करीब 60 किलो नकली पनीर।
➡ बिक्री मूल्य: 180 से 220 रुपये प्रति किलो।
➡ स्वास्थ्य प्रभाव: खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक यह पनीर मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व भूमिका:
- गुड्डू उर्फ रहीश (36 वर्ष) – प्लांट का मुख्य संचालक
- गुलफाम (32 वर्ष) – वाहन चालक एवं डिस्ट्रीब्यूटर
- नावेद (20 वर्ष) – पनीर डिलीवरी का कार्य
- इकलाख (30 वर्ष) – वितरण टीम का सदस्य
कानूनी कार्यवाही:
थाना सेक्टर-63 नोएडा में मु0अ0सं0 283/25 के तहत धारा 274/275/318(4) बीएनएस में मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है। खाद्य विभाग द्वारा पनीर के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, रिपोर्ट के आधार पर आगे की धाराएं जोड़ी जाएंगी।

डीसीपी का बयान:
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया,
“पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ी स्वास्थ्य आपदा को रोकने में सफल रही है। गिरोह पिछले 6 महीने से पूरे एनसीआर में नकली पनीर की आपूर्ति कर रहा था, जिससे जनता की सेहत खतरे में पड़ रही थी।”
सवाल ये है:
- हमारे बाजारों में बिकने वाला पनीर असली है या जहरीला?
- क्या ऐसे मामलों की नियमित जांच हो रही है?
- और, क्या इस जाल से बड़े नामी ब्रांड भी जुड़े हो सकते हैं?

खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन ऐसे गिरोहों पर और सख्त कार्रवाई करे
नोएडा पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक संगठित अपराध के पर्दाफाश का उदाहरण है, बल्कि जनस्वास्थ्य की रक्षा की दिशा में एक चेतावनी भी है। अब आवश्यकता है कि खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन ऐसे गिरोहों पर और सख्त कार्रवाई करे और आम जनता को जागरूक किया जाए।