
हवा में घुल रहा है जहर, सांस लेना हो रहा दूभर – बिरयानी के ठेले वालों की करतूत

✍️ मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
दनकौर कस्बे में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। इसके पीछे एक बड़ी वजह बिरयनी बेचने वाले ठेले हैं, जिन पर बिरयानी पकाने के लिए गैस सिलेंडर की बजाय रबर, कागज और पॉलिथीन का कबाड़ जलाया जाता है। इससे उठने वाला जहरीला धुआं हवा में घुलकर लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है।

बताया गया है कि धनौरी रोड से लेकर तुलसी नगर तक करीब एक दर्जन बिरयानी के ठेले वाले रहते हैं। यही नहीं, धनौरी रोड से जाटव और अहेरीयों मोहल्ले की ओर निकलकर रिलका रोड तक जाने वाली गली में भी सबसे ज्यादा बिरयानी के ठेले लगाए जाते हैं। ये लोग सुबह करीब 4 बजे से ही बिरयानी पकाना शुरू कर देते हैं और लगभग 8:30 बजे तक यहां से निकलकर दनकौर के अलग-अलग हिस्सों में बिक्री के लिए पहुंच जाते हैं। कई ठेले गलगोटिया यूनिवर्सिटी तक भी जाकर खड़े हो जाते हैं।

एक 60 वर्षीय स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया – “अब तो इन बिरयानी के ठेला वालों की वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। सुबह का समय तो जहरीले धुएं से भर जाता है। प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिरयानी ठेले वालों को बिरयानी पकाने के लिए केवल गैस सिलेंडर के इस्तेमाल के लिए बाध्य किया जाए और रबर, पॉलिथीन जैसे जहरीले कबाड़ को जलाने पर रोक लगाई जाए। तभी वायु प्रदूषण की समस्या से राहत मिल सकेगी और लोग चैन की सांस ले पाएंगे।