‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भारतीय लोकतंत्र को देगा मजबूती : कलराज मिश्र

 

 

अहमदाबाद विमान हादसे के मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि | कांस्टीट्यूशन क्लब में लोकतंत्र की मजबूती पर हुआ चिंतन

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में शुक्रवार को लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सशक्त और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (वन नेशन-वन इलेक्शन) विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राधेश्याम चैरिटेबल फाउंडेशन के संयोजन में किया गया, जिसकी शुरुआत अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए सभी लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई।

यह आयोजन केवल एक राजनीतिक विमर्श नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में लोकतंत्र के पुनरावलोकन और सुधार की एक सकारात्मक पहल के रूप में उभरा। साथ ही, इसने राष्ट्रीय शोक की घड़ी में एकजुट होकर संवेदना प्रकट करने और देशहित में साझा सोच विकसित करने का संदेश भी दिया।

कलराज मिश्र ने रखा ठोस पक्ष

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा,

“’एक राष्ट्र, एक चुनाव’ केवल एक राजनीतिक विचार नहीं, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र को अधिक संगठित, प्रभावी और समृद्ध बनाने का मार्ग है। इससे विकास योजनाओं की निरंतरता बनी रहती है और संसाधनों की बचत होती है।”

उन्होंने अहमदाबाद विमान हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाली त्रासदी है।

लोकतंत्र और विकास की दिशा में कदम

कलराज मिश्र ने बताया कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा भाजपा के 1984 के घोषणापत्र में शामिल थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पर गंभीर प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति कार्य कर रही है।

अन्य वक्ताओं के विचार

  • प्रो. (डॉ.) रमाकांत द्विवेदी (निदेशक, इंडिया सेंट्रल एशिया फाउंडेशन) ने कहा कि एक साथ चुनाव से न केवल समय और संसाधनों की बचत होती है, बल्कि सुशासन को भी बढ़ावा मिलता है।
  • सुनील देवधर (पूर्व राष्ट्रीय सचिव, भाजपा) ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए आम सहमति बनाना समय की मांग है।
  • डॉ. डीपी तिवारी (कुलपति) ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को एकसमान और एकदिवसीय बनाना तकनीकी रूप से संभव है, सरकार चाह ले तो यह तुरंत किया जा सकता है।
  • डॉ. ख्याति ने राधेश्याम चैरिटेबल फाउंडेशन के समाजहित में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए इस अभियान की उपयोगिता बताई।

सहयोग व समर्पण

कार्यक्रम का संचालन रिचा बावेजा ने किया और समापन पर सौरभ त्रिपाठी (महासचिव, राधेश्याम फाउंडेशन) ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए घोषणा की कि यह विमर्श श्रृंखला अखिल भारतीय स्तर पर आगे भी जारी रहेगी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में शरद श्रीवास्तव, सनोज तिवारी, निर्मल मिश्र सहित अनेक स्वयंसेवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का उल्लेखनीय सहयोग रहा।

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