
“225 छात्रों को तालीमी किट और मदरसों को कंप्यूटर देकर शिक्षा जागरूकता का संदेश”
“तालीमी जेहाद की शुरुआत — पसमांदा समाज में जागी नई रोशनी”

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / नई दिल्ली
पसमांदा विकास फाउंडेशन ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मदनी हॉल, दिल्ली में ‘कौमी तालीमी बेदारी कॉन्फ़्रेंस’ का सफल आयोजन किया। इस अवसर पर मदरसों को कंप्यूटर सेट भेंट किए गए और करीब 225 पसमांदा छात्रों को तालीमी किट वितरित कर शिक्षा के महत्व का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में सर्वसम्मति से यह संदेश दिया गया कि “तालीम ही तरक्की की असली राह है” और शिक्षा ही पसमांदा समाज को पिछड़ेपन से निकालकर नई रोशनी की ओर ले जा सकती है।

✦ मुख्य उद्देश्य
- मदरसों को आधुनिक शिक्षा और तकनीक से जोड़ना
- पसमांदा समाज को शिक्षा के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ना
- महिला शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना
✦ अतिथियों के विचार
मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी (जनरल सेक्रेटरी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद):
“बिना तालीम के तरक्की संभव नहीं है। आज के समय में कंप्यूटर ज्ञान हर छात्र के लिए जरूरी है। पसमांदा मुस्लिम समाज को शिक्षा से जोड़ने में जिम्मेदार लोगों को आगे आना होगा।”

मोहम्मद मेराज राईन (डायरेक्टर, पसमांदा विकास फाउंडेशन):
“शिक्षा ही कौमों की तरक्की की असली सीढ़ी है। हमारी प्राथमिकता दीनी और आधुनिक दोनों तरह की शिक्षा को आम करना है। हमने ‘तालीमी जेहाद’ का आह्वान किया है ताकि पसमांदा समाज शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय मुख्यधारा में मजबूती से जुड़ सके।”
निकहत परवीन (डायरेक्टर, फाउंडेशन):
“जब एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण आज की सबसे बड़ी जरूरत है। महिलाएं मजबूत होंगी तो समाज और देश भी मजबूत होगा।”

✦ कार्यक्रम में शामिल रहे प्रमुख
मुफ्ती वसीम अकरम, कारी अब्दुस्शमी, वसीम अकरम क़ासमी, जाहिद आलम मजाहिरी, अशरफ खान, फरहा मिर्ज़ा, खैरुल बशर, अशजद जुबैर, गिलमान अख़्तर, डॉ. खदीजा ताहिरा, सरवर आलम, मुफ्ती सुभान, मौलाना असद अदनान नदवी और हसीन फातिमा।