एमपी लीग 2025: भोपाल लेपर्ड्स ने आखिरी गेंद पर रचा इतिहास, चंबल घड़ियाल्स को 3 रन से हराकर पहली बार खिताब पर कब्जा

 

—-विजन लाइव/ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्टेडियम में मंगलवार रात खेले गए एमपी लीग 2025 फाइनल में दर्शकों को रोमांच का चरम देखने को मिला, जब भोपाल लेपर्ड्स ने चंबल घड़ियाल्स को आखिरी गेंद पर 3 रन से हराकर अपना पहला खिताब जीत लिया

156 रनों के मामूली लक्ष्य का बचाव करते हुए भोपाल की टीम ने जिस जज़्बे और रणनीति का प्रदर्शन किया, वह पूरे टूर्नामेंट की पहचान बन गया।


गिरते संभलते बनाए 156 रन

टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भोपाल की शुरुआत लड़खड़ा गई, लेकिन गौतम रघुवंशी (48 रन, 28 गेंद) और अनिकेत वर्मा (40 रन, 24 गेंद) ने मध्यक्रम को संभालते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

कमल त्रिपाठी ने भी 24 रन की उपयोगी पारी खेली, लेकिन अंतिम ओवरों में तेजी से रन न बनने के चलते पूरी टीम 19.2 ओवर में 156 रनों पर सिमट गई।

चंबल घड़ियाल्स की ओर से अमन भदौरिया, त्रिपुरेश सिंह और नयनराज मेवाड़ा ने दो-दो विकेट झटके।


चंबल की शुरुआत ढही, लेकिन फिर उभरी उम्मीद

लक्ष्य का पीछा करते हुए चंबल की टीम ने निराशाजनक शुरुआत की और 22/4 के स्कोर पर पहुंच गई। लेकिन कप्तान शुभम शर्मा (51 रन, 45 गेंद) और त्रिपुरेश सिंह (53 रन, 28 गेंद) ने 72 रन की साझेदारी कर मैच को रोमांचक मोड़ पर ला खड़ा किया।

अंतिम दो ओवरों में 21 रन की ज़रूरत थी और दोनों सेट बल्लेबाज़ क्रीज़ पर मौजूद थे। यहीं से शुरू हुआ असली ड्रामा।


अनिकेत का कैच, रोशन का जज़्बा — और जीत भोपाल की

भोपाल के कप्तान अर्शद खान ने खुद 19वां ओवर फेंकने की जिम्मेदारी ली। पहली ही गेंद पर शुभम ने छक्का जड़ा और मैच चंबल के पाले में जाता दिखा। लेकिन तभी अनिकेत वर्मा ने बाउंड्री लाइन पर अविश्वसनीय रिले कैच लपककर शुभम को पवेलियन भेज दिया, और ओवर में सिर्फ 8 रन दिए गए।

अब आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। रोशन केवट ने दबाव में खुद को शांत रखते हुए बॉल दर बॉल रणनीति अपनाई। अंतिम दो गेंदों में 4 रन चाहिए थे, लेकिन त्रिपुरेश रन आउट हो गए और आखिरी गेंद पर केवल 1 रन ही बन सका।

इस तरह भोपाल लेपर्ड्स ने 3 रन से रोमांचक जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया


कप्तान अर्शद खान बोले: “इस बार हमने कुछ नहीं छोड़ा”

मैच के बाद कप्तान अर्शद खान ने कहा:

“पिछले साल हम आखिरी वक्त में हार गए थे। इस बार जब हमें पता था कि 200+ की पिच पर हम 156 डिफेंड कर रहे हैं, तब भी हमने हार नहीं मानी। यह जीत टीम के हर खिलाड़ी की लड़ाई का नतीजा है।”

अपने ओवर और अनिकेत के कैच पर बोले:

“मैंने पहली गेंद यॉर्कर डाली जो मिस हो गई, उसके बाद स्लोवर गेंदों और कटर्स पर भरोसा किया। लेकिन अनिकेत का कैच… वो पल इस जीत की सबसे बड़ी कहानी बन गया।”


रोशन केवट: ‘अर्शद भाई बोले सिर्फ शांत रहो’

मैच के आखिरी ओवर में गेंदबाज़ी करने वाले रोशन केवट ने कहा:

“अर्शद भाई हर गेंद पर गाइड कर रहे थे कि क्या डालना है। उनका भरोसा मेरे लिए आत्मविश्वास का काम कर गया।”


मालिक अभिषेक गुप्ता: “ये जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं, हमारी मेहनत की पहचान है”

भोपाल लेपर्ड्स के मालिक अभिषेक गुप्ता ने टीम की जीत पर कहा:

“पिछली बार जो अधूरा रह गया था, उसे पूरा करने के लिए हम सभी ने एकजुट होकर मेहनत की। खिलाड़ियों की हिम्मत और फोकस ने इस ट्रॉफी को मुमकिन बनाया। मुझे पूरी टीम पर गर्व है।”


दूसरी बार चंबल घड़ियाल्स को झटका, लेकिन हौसला बरकरार

फाइनल में हार के बावजूद चंबल घड़ियाल्स की पहली एमपीएल सीजन की यात्रा शानदार रही। महज़ कुछ घंटे पहले ही उनकी महिला टीम भी एमपी महिला लीग के फाइनल में हार का सामना कर चुकी थी।

टीम के मालिक और देवराज हॉस्पिटल के निदेशक दिव्यराज सिंह किरार ने कहा:

“हार जरूर मिली, लेकिन इस टीम ने जो जज़्बा दिखाया, वो असाधारण था। पुरुष और महिला दोनों टीमें पहली बार फाइनल में पहुंचीं — ये हमारी व्यवस्था और संस्कृति का नतीजा है। हम और मजबूत होकर लौटेंगे, ये बस शुरुआत है।”


🏆 भोपाल की जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं, आत्मविश्वास और एकता की कहानी है।


 

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