भूमिका:- महाभारत के पल

 

आर्य सागर खारी

लेखन की विधा में बहुत कम सौभाग्यशाली व्यक्ति होते हैं जो अपने लिखित साहित्य को पुस्तक के रूप में प्रकाशित कर पाते हैं ऐसे ही सौभाग्यशाली है मेरे निज ग्राम तिलपता करनवास निवासी आदरणीय ज्येष्ठ भ्राता बलराम भाटी जी। भ्राता बलराम सिंह भाटी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी है सेवानिवृत्त वायु सेना कर्मी है अब सफल रियल एस्टेट डेवलपर है। विज्ञान के विद्यार्थी होने के पश्चात भी हिंदी साहित्य की काव्य विधा से आपका अनुराग किसी से छुपा नहीं है विद्यार्थी काल से ही आप काव्य रचना का शौक़ रहा हैं । महान साहित्यकार जयशंकर प्रसाद से आप प्रभावित रहे हैं। जुलाई 2024 में आपका ऐतिहासिक महाकाव्य शिक्षा नीति धर्माचार आचार के कोश महाभारत ग्रंथ को लेकर ‘महाभारत के पल शीर्षक’ से प्रकाशित हुआ। कुरुवंश के इतिहास से लेकर पांडवों के राज्याभिषेक तक आपने संपूर्ण महाभारत को अपनी कविताओं से सूत्रबद्ध कर जीवंत कर दिया है। अपने प्रातिभ काव्य कौशल के आधार पर बहुत उत्कृष्ट काव्य संकलन रचा है। जो पठनीय प्रचारणीय है। नवरचित काव्य संग्रह के प्रकाशन के लिए आपको पुनः बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

लेखक:–आर्य सागर खारी तिलपता ग्रेटर नोएडा आरटीआई कार्यकर्ता ,चिंतक और विचारक है।

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