
बड़ी पहल: गांव से ओलंपिक तक का सपना — यूपी सरकार की खेल क्रांति का नया अध्याय
सलेमपुर गुर्जर में प्रस्तावित मिनी स्टेडियम, 4.92 करोड़ की लागत से निखरेगी खेल प्रतिभा
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसी कड़ी में गौतमबुद्धनगर जिले के ग्रेटर नोएडा स्थित सलेमपुर गुर्जर गांव को एक बड़ी सौगात मिल सकती है। यहां के राजकीय हाई स्कूल में एक अत्याधुनिक मिनी स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह क्षेत्रीय युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगा।

शिक्षा विभाग ने भेजा प्रस्ताव, 4.92 करोड़ की अनुमानित लागत
गौतमबुद्धनगर के जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने जानकारी दी कि सलेमपुर गुर्जर के राजकीय हाई स्कूल परिसर में मिनी स्टेडियम बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹4.92 करोड़ आंकी गई है और इसके साथ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी संलग्न की गई है।
ग्रामीण युवाओं को मिलेगा खेलों का मंच, बढ़ेगा आत्मविश्वास
इस प्रस्तावित स्टेडियम से न सिर्फ स्कूली छात्रों को खेलों में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, बल्कि आसपास के गांवों के युवा भी प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकेंगे। यह ग्रामीण युवाओं के लिए खेलों की दुनिया में कदम रखने का प्रवेशद्वार बन सकता है।
सरकार की नीति के अनुरूप एक कदम और आगे
प्रदेश सरकार की “खेलो उत्तर प्रदेश” नीति के तहत गांव-गांव में खेल संरचनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण प्रतिभाओं को अवसर और मंच देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। सलेमपुर गुर्जर में प्रस्तावित मिनी स्टेडियम इसी सोच का हिस्सा है।
स्थानीय उम्मीदें और ऊर्जा, अब मंजूरी की राह देखती हैं
प्रस्ताव को लेकर क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही शासन से मंजूरी मिल जाएगी और निर्माण कार्य की शुरुआत होगी। यह न केवल सलेमपुर गुर्जर के लिए, बल्कि पूरे गौतमबुद्धनगर जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।

गांव की ज़मीन से उठेगा खेलों का सितारा
यदि यह स्टेडियम बनता है, तो यह सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारत नहीं होगी, बल्कि गांव के सपनों की नींव बनेगा। यहां से निकलने वाले खिलाड़ी भविष्य में राज्य और देश का नाम रोशन कर सकते हैं। यह पहल ‘गांव से ग्लोरी तक’ की यात्रा की एक सशक्त शुरुआत होगी।