भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतरः- राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को खून से लिखा पत्र

कीचड से बजबाती हुई नालियां
कीचड से बजबाती हुई नालियां
रास्ते ताल तलैया में तब्दील
रास्ते ताल तलैया में तब्दील

केंद्र और साथ ही यूपी में भाजपा की सरकारें हैं आम जनता क्या खुद भाजपाईयों का भी कोई काम नही हो पा रहा है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अफसर हैं कि 09 करोड रूपये की लागत से विकास कराए जाने की फाईल दबाएं हुए बैठे हैं

बदहाली पर आंसू
बदहाली पर आंसू
सूरजपुर खुद विकास के नाम पर
सूरजपुर खुद विकास के नाम पर

सूरजपुर खुद विकास के नाम पर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, यहां कीचड से बजबाती हुई नालियां और रास्ते ताल तलैया में तब्दील होते हुए दिखाई देते हैं

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

केंद्र और साथ ही यूपी में भाजपा की सरकारें हैं आम जनता क्या खुद भाजपाईयों का भी कोई काम नही हो पा रहा है। गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर कसबे की ही मिशाल है कि यहां ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने खुद 09 करोड रूपये की लागत से विकास कराए जाने की बात कही थी, जो आज भी एक पहेली बनी हुई है। सूरजपुर के लोग इस मामले में सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से मिल कर विकास कराए जाने की मांग कर चुके है और यहां तक की मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा जा चुका है मगर अफसर हैं कि फाईल दबाएं हुए बैठे हैं। जब कि सूरजपुर में गौतमबुद्धनगर का जिला मुख्यालय है। सूरजपुर खुद विकास के नाम पर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां कीचड से बजबाती हुई नालियां और रास्ते ताल तलैया में तब्दील होते हुए दिखाई देते हैं। सूरजपुर में दादरी नोएडा मैन रोड थोडी सी ही बारिश में विकराल नदी जैसा रूप ले लेता है। सब्र का बांध जवाब दे गया तो एक भाजपा कार्यकर्ता ने खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपने खुन से भावुक पत्र लिखा है। भाजपा के पूर्व विस्तारक विशाल कुमार का भावुक पत्र खूब वायरल हो रहा है, जो एक सुनामी से किसी भी तरह कम नही है।

भाजपा उत्तर प्रदेश के मेरठ कैंट के पूर्व विस्तारक विशाल कुमार का एक पत्र बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पत्र बहुत ही भावुकता के साथ विशाल ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा है।

खुन से भावुक पत्र लिखा
खुन से भावुक पत्र लिखा
खुन से भावुक पत्र लिखा-02
खुन से भावुक पत्र लिखा-02

विशाल ने कहा है कि जब एक कार्यकर्ता चुनाव के समय वोट मांगने के लिए जाता है, तब जनता को उनसे बहुत अपेक्षा रहती हैं। जब बच्चे को भूख लगती है तो बच्चा अपने मां से ही दूध मांगता है। ठीक वैसे ही जब कार्यकर्ता को समस्या होती है तो वह अपनी बातों को अपने अध्यक्ष से ही रखता है। यही कारण है कि विशाल ने अपने खून से हस्ताक्षर करके एक पत्र अपने अध्यक्ष को भेजा है और बोला है कि भाजपा अपने कार्यकर्ता के पसीने के कीमत को भी पहचानती है इसलिए उनके खून से किए हुए  हस्ताक्षर को भी गंभीरता से लेगी।

सूरजपुर खुद विकास के नाम पर-02
सूरजपुर खुद विकास के नाम पर-02
कस्बे का कोई विकास नहीं हो पाया
कस्बे का कोई विकास नहीं हो पाया

विशाल ने बताया है कि वह ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कस्बे में रहते हैं जहां की लगभग आबादी 2 लाख है यहां प्रदेश और केंद्र दोनों में ही भाजपा की सरकार है, तब भी उनके कस्बे का कोई विकास नहीं हो पाया है जो कि उन्होंने फोटो को भी इस पत्र में में दर्शाया है और लगातार 10 वर्षो से अब तक किसी भी प्रतिनिधि द्वारा इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिसके वजह से जनता और कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त है।

 सदैव साहसी कदम उठाते आए हैं,विशाल

विशाल
विशाल

विशाल सन 2017 में मात्र 17 वर्ष की अल्पायु में धारा 370 के विरोध में कश्मीर के श्रीनगर लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए थे सामाजिक रूप से विशाल अपने देश और क्षेत्र के लिए सदैव साहसी कदम उठाते आए है।

 

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