दलेलगढ़ की पशुचर भूमि पर भूमाफियाओं की नज़र, ग्रामीणों ने गौशाला निर्माण की उठाई मांग

 

  • पशुचर ज़मीन पर कब्जा कर काटी जा रही अवैध कॉलोनियाँ
  • समाजसेवी अमित भाटी और ग्राम विकास समिति ने जिलाधिकारी और प्राधिकरण को लिखा पत्र
  • आईजीआरएस पर भी दर्ज कराई गई शिकायत, कार्रवाई की मांग तेज

 

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा (दलेलगढ़)
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के ग्राम दलेलगढ़ की पशुचर भूमि पर भूमाफियाओं की गिद्धदृष्टि बनी हुई है। स्थानीय समाजसेवियों और ग्रामवासियों के अनुसार, खाता संख्या 341, 408, 409, 410, 411 व 412 की सरकारी चारागाह भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर कॉलोनियां काटी जा रही हैं। ग्रामीणों ने इस अतिक्रमण पर रोक लगाने और भूमि को पुनः ग्राम हित में उपयोग के लिए खाली कराने की मांग की है।

गौशाला और मुर्दाघाट की है ज़रूरत:
समाजसेवी अमित भाटी की ओर से जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखकर मांग की गई है कि इस भूमि को कब्जा मुक्त कराकर वहाँ गौशाला का निर्माण कराया जाए। उनका कहना है कि ग्राम में वर्तमान में पशुओं के लिए कोई संरक्षित स्थल नहीं है और न ही मृतकों के दाह-संस्कार हेतु स्थान उपलब्ध है। यह भूमि पूर्व में इन्हीं उद्देश्यों के लिए छोड़ी गई थी, जिस पर अब भूमाफिया कब्जा कर खनन और प्लॉटिंग कर रहे हैं।

प्राधिकरण और प्रशासन से कार्रवाई की माँग:
आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत संख्या 40014125008412 के माध्यम से यह मुद्दा उठाया गया है। शिकायत में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि ग्राम दलेलगढ़ की उक्त खसरा संख्याओं की भूमि पर पैमाइश कराई जाए और अवैध कब्जे को हटाया जाए। प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी ने जवाब देते हुए इस प्रकरण को परियोजना विभाग को सौंपे जाने की अनुशंसा की है, जिससे अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई शीघ्र शुरू हो सके।

ग्राम विकास समिति भी उतरी मैदान में:
ग्राम दलेलगढ़ विकास समिति की ओर से भी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें ग्रामीणों की ओर से मांग की गई है कि इस भूमि को तत्काल प्रभाव से कब्जा मुक्त कर ‘मेडबंदी’ करवाई जाए ताकि भविष्य में दोबारा कोई अतिक्रमण न हो सके।

ग्रामीणों में रोष, न्याय की उम्मीद:
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इस अवैध गतिविधि पर रोक नहीं लगाई गई तो पशुओं के चरने की ज़मीन पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और गांव के सामाजिक ढांचे को गहरी क्षति पहुँचेगी। अब उनकी उम्मीदें प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर टिकी हैं, जिससे वे चाहते हैं कि जनहित को सर्वोपरि रखते हुए अविलंब सख्त कार्रवाई हो।

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