जेवर एयरपोर्ट कंपनी ने मई के प्रथम सप्ताह में इस एयरपोर्ट पर हवाई जहाज उड़ाने का ट्रॉयल शुरू करने का फैसला किया
Vision Live/Yeida City
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण का काम और अधिक हो गया है। जेवर एयरपोर्ट कंपनी ने मई के प्रथम सप्ताह में इस एयरपोर्ट पर हवाई जहाज उड़ाने का ट्रॉयल शुरू करने का फैसला किया है। 29 सितंबर से जेवर एयरपोर्ट से नियमित उड़ान शुरू कर दी जाएगी। इसका मतलब साफ है कि जेवर एयरपोर्ट से 5 महीने में जहाज उडऩे लगेंगे। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण की निगरानी यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) कर रहा है। यीडा के सीईओ…. डा. अरूणवीर सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट का 3900 मीटर लम्बा पहला रनवे बनकर तैयार हो गया है। जेवर एयरपोर्ट से हवाई उड़ाने शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण भी जेवर एयरपोर्ट परिसर में लगने शुरू हो गए हैं। हाल ही में रूस से एएसआर रडार भी मंगाई गई है। यह रडार जेवर एयरपोर्ट के ट्रैफिक सर्विसलांस का काम करेगी। इस प्रकार जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। जेवर एयरपोर्ट पर मई के प्रथम सप्ताह में ही जहाज उड़ाने का ट्रॉयल भी शुरू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर की बगल में यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के क्षेत्र में एयरपोर्ट स्थापित हो रहा है। यह एयरपोर्ट भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। बात पूरे विश्व की करें तो अमरीका के दो एयरपोर्ट तथा सउदी अरब के एयरपोर्ट के बाद जेवर एयरपोर्ट विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा। जेवर एयरपोर्ट यीडा के क्षेत्र में जेवर तथा उसके आसपास के गांवों की जमीन पर बन रहा है। जेवर एयरपोर्ट कुल पांच हजार हेक्टेयर जमीन पर बन रहा है। भारत के अब तक के बड़े से बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो देश की राजधानी में स्थापित इन्दिरा गांधी एयरपोर्ट (आईजीआई) 2066 हेक्टेयर जमीन पर बना हुआ है। नवी मुंबई में बन रहा एक और बड़ा एयरपोर्ट 2320 हेक्टेयर जमीन पर स्थापित हो रहा है। जेवर एयरपोर्ट पर अन्तर्राष्ट्रीय कारगो तथा जहाजों को रिपेयर करने वाला रिपेयर सेंटर भी स्थापित हो रहा है। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के CEO डाक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट से वर्ष 2050 तक बीस करोड़ यात्री प्रतिवर्ष उड़ान भरा करेंगे। प्रतिवर्ष उड़ान भरने के मामले में जेवर एयरपोर्ट देश के सभी हवाई अड्डे को पीछे छोड़ देगा। अब तक के प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक के सबसे बड़े एयरपोर्ट आईजीआई से प्रतिवर्ष 6 करोड़ यात्री उड़ान भरते हैं। वर्ष 2024 तक आईजीआई से 10 करोड़ यात्री उड़ान भर सकेंगे। उसके बाद इस एयरपोर्ट की क्षमता नहीं बढ़ सकेगी। जेवर एयरपोर्ट से 2050 तक बीस करोड़ यात्री उड़ान भरेंगे। इस प्रकार हर मामले में जेवर एयरपोर्ट अव्वल साबित होगा। जेवर एयरपोर्ट को सड़क मार्ग के द्वारा देश की राजधानी से लेकर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा लखनऊ से सीधा जोड़ा जा रहा है। इस एयरपोर्ट का रेल मार्ग के द्वारा पूरे देश से जोड़ने की योजना पर भी काम चल रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जेवर एयरपोर्ट दुनिया का अनोखा एयरपोर्ट बनेगा।