एमिटी विश्वविद्यालय में अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

एमिटी विश्वविद्यालय में आज ‘‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’’ पर आधारित 9वें अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम
योग प्रशिक्षण सत्र में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के लेक्चरर डा जेसिका सिंवा, डा जोसफीन वॉन सहित ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के 12 वास्तुकला और निर्माण प्रबंधन के छात्रों एंव सैकड़ों की संख्या में एमिटी शिक्षकों और छात्रों ने भी हिस्सा लिया

एमिटी विश्वविद्यालय में आज ‘‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’’ पर आधारित 9वें अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया

योग दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के मार्गदर्शक डा एस के श्रीवास्तव द्वारा किया गया

 

Vision Live/ Noida

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में स्थापना के साथ योग प्रशिक्षक की नियुक्ती करके छात्रों और शिक्षकों को योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है

एमिटी विश्वविद्यालय में आज ‘‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’’ पर आधारित 9वें अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस योग दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के मार्गदर्शक डा एस के श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस योग प्रशिक्षण सत्र में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के लेक्चरर डा जेसिका सिंवा, डा जोसफीन वॉन सहित ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के 12 वास्तुकला और निर्माण प्रबंधन के छात्रों एंव सैकड़ों की संख्या में एमिटी शिक्षकों और छात्रों ने भी हिस्सा लिया। योग दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में स्थापना के साथ योग प्रशिक्षक की नियुक्ती करके छात्रों और शिक्षकों को योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है।

भारत ने सदैव वसुधैव कुटुंबकम के आधार पर विश्व को परिवार माना है और विश्व को योग प्रदान किया है

जीवन मे ंप्रसन्न रहने के लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का होना आवश्यक है जिसमे योग सदैव सहायक रहा है और एक स्वस्थ व्यक्ति ही समाज व राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है। प्राचीन समय से योग हमारे जीवन को स्वस्थ बनाने का हिस्सा रहा है और हमारे देश के प्रधानमंत्री के प्रयासों से आज सारा विश्व योग से लांभावित हो रहा है। योग एक आंतरिक यात्रा है जो हमें स्वयं से जोड़ता है। भारत ने सदैव वसुधैव कुटुंबकम के आधार पर विश्व को परिवार माना है और विश्व को योग प्रदान किया है। एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन समय से योग सही तरीके से जीवन जीने का तरीका रहा है जो हमारे जीवन से जुड़े शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक सभी पहलुओं पर कार्य करता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार योग चिकित्सा शरीर में संतुलन स्थापित करने और तनावपूर्ण समाज में स्वस्थ बनाये रखने का मुख्य साधन है

योग सदैव विश्व सद्भाव एवं एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करते है इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों के अनुसार योग चिकित्सा शरीर में संतुलन स्थापित करने और तनावपूर्ण समाज में स्वस्थ बनाये रखने का मुख्य साधन है। उन्होेनें कहा कि जीवन में प्रसन्न एवं स्वस्थ रहने के लिए योग का अभ्यास करें, योग का प्रचार करें और योग के लिए प्रेरित करें। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के मार्गदर्शक डा एस के श्रीवास्तव ने कहा कि आज पूरे विश्व में योग को मान्यता प्रदान करके अपनाया जा रहा है। एक स्वस्थपूर्ण जीवन के लिए योग बेहद महत्वपूर्ण है। जीवन में आज से निरंतर योग करने का प्रण ले और जीवन को सुखी बनाये

इस योग प्रशिक्षण सत्र में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की एस्सीटेंट प्रोफेसर डा गरिमा जैसवाल, प्रोग्राम लीडर डा उमेश कुमार और योग प्रशिक्षक डा संदीप ने विभिन्न योग आसनों जैसे दंडासन, व्रकासन, व्रजासन, शंशाक आसन, मंडूक आसन, भुंजगासन, पवनमुक्तासन सहित मेडिटेशन व प्राणायाम जैसे नाड़ी शोधन प्रणायाम, कपालभाती प्राणायाम और भ्रामरी प्राणायाम आदि का प्रशिक्षण भी दिया। कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डा संजय सिंह द्वारा किया गया।

 

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