अंतरराष्ट्रीय हैकिंग गैंग और IVR भड़काऊ कॉल नेटवर्क का पर्दाफाश


साइबर क्राइम पर कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की दोहरी बड़ी कार्रवाई
— अंतरराष्ट्रीय हैकिंग गैंग और IVR भड़काऊ कॉल नेटवर्क का पर्दाफाश

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने साइबर अपराधों के खिलाफ लगातार चल रही कड़ी कार्रवाई के बीच दो बड़े मामलों का खुलासा कर एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल सुरक्षा को लेकर पुलिस उच्च-स्तर पर पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में साइबर यूनिट द्वारा की गई इन दो प्रमुख कार्रवाइयों ने न केवल करोड़ों रुपये की वित्तीय क्षति को बचाया, बल्कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिशों पर भी कड़ा प्रहार किया है।


पहला बड़ा पर्दाफाश: नैनीताल बैंक सर्वर हैकिंग — 16 करोड़ की हाई-टेक ठगी का खुलासा

देश के साइबर वित्तीय तंत्र को हिला देने वाली एक हाई-प्रोफाइल हैकिंग में साइबर अपराधियों ने नैनीताल बैंक के सर्वर में बैकडोर एक्सेस तैयार कर लगभग 16 करोड़ रुपये फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दिए।

कैसे पकड़ा गया साइबर सिंडिकेट?

सर्वर लॉग, IP ट्रेसिंग और डिजिटल फॉरेंसिक की गहन जांच

विभिन्न राज्यों से जुड़े संदिग्ध खातों की पहचान

अंतरराष्ट्रीय कड़ी — एक नाइजीरियन नागरिक भी शामिल

06 प्रमुख आरोपियों की भूमिका सामने

त्वरित कार्रवाई में लगभग 3 करोड़ रुपये फ्रीज/बरामद

यह मामला दर्शाता है कि साइबर अपराधी अब बैंकिंग सिस्टम में प्रवेश करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ साइबर टीम की सतर्कता और तत्परता से बड़ी वित्तीय क्षति को रोका जा सका।


दूसरा बड़ा ऑपरेशन: धार्मिक भावनाएँ भड़काने वाली इंटरनेट IVR कॉल — आरोपी नेपाल सीमा से गिरफ्तार

इंटरनेट आधारित IVR कॉल के माध्यम से देवी-देवताओं के नाम पर अभद्र और भड़काऊ संदेश प्रसारित करने का मामला बेहद संवेदनशील था, क्योंकि इसका उद्देश्य साम्प्रदायिक तनाव भड़काना था।

जांच कैसे पहुंची आरोपी तक?

सोशल मीडिया मॉनिटरिंग

PRI लाइन की तकनीकी जांच

कॉल डेटा और डिजिटल ट्रेल का पीछा

‘कन्हैया झा’ नाम से बनाई गई फर्जी पहचान और फर्जी कंपनियाँ

अवैध इंटरनेट कॉलिंग नेटवर्क संचालित

नेपाल सीमा के पास से आरोपी की गिरफ्तारी

यह कार्रवाई साबित करती है कि तकनीक का दुरुपयोग करने वाले अपराधी चाहे सीमा पार क्यों न हों, साइबर पुलिस उनकी डिजिटल छाया का पीछा कर उन्हें पकड़ने में सक्षम है।


पुलिस की दोहरी सफलता — तकनीक और प्रोफेशनलिज़्म का संयोजन

इन दो बड़े मामलों ने स्पष्ट किया है कि गौतमबुद्धनगर पुलिस साइबर अपराध नियंत्रण के लिए

अत्याधुनिक तकनीक

प्रशिक्षित जांच विशेषज्ञ

तेज सर्विलांस

अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सूचनाओं का आदान-प्रदान

का प्रभावी उपयोग कर रही है, जो आधुनिक डिजिटल अपराधियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।


जनता को चेतावनी — साइबर फ्रॉड नए रूपों में, जागरूक रहना ही सुरक्षा

साइबर यूनिट ने स्पष्ट कहा है कि साइबर अपराधों की तकनीक बदल रही है —
कभी बैंक सर्वर हैकिंग, कभी टेलीग्राम स्कैम, तो कभी फर्जी IVR कॉल।

आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

अनजान लिंक/ग्रुप से दूर रहें

OTP/बैंक डिटेल किसी से साझा न करें

संदिग्ध निवेश प्रस्तावों से सावधान

अगर धोखाधड़ी की आशंका हो, तुरंत 1930 पर कॉल करें

डिजिटल उपकरण सुरक्षित और अपडेटेड रखें


“विजन लाइव” का विश्लेषण: साइबर अपराधों पर मजबूत गिरफ्त की ओर बढ़ता गौतमबुद्धनगर

इन दो बड़ी उपलब्धियों ने कमिश्नरेट की साइबर सुरक्षा क्षमता को और मजबूत किया है।
जहां एक ओर करोड़ों की वित्तीय ठगी को रोका गया, वहीं दूसरी ओर भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाले नेटवर्क को ध्वस्त कर सामाजिक सौहार्द को सुरक्षित किया गया।

गौतमबुद्धनगर साइबर पुलिस का यह अभियान दर्शाता है कि अपराधी चाहे कितने भी तकनीकी क्यों न हों, कानून की पकड़ से बचना अब आसान नहीं।

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