अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश: झूठे अपहरण की सूचना से खुला बड़ा नेटवर्क

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस ने एक बेहद संगठित और हाई-टेक सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे मामले की शुरुआत एक फर्जी अपहरण कॉल से हुई, जिसका पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित हो रहे क्रिकेट सट्टा गिरोह का खुलासा कर दिया।

📞 अपहरण की झूठी सूचना बनी बड़ी कार्रवाई की कड़ी

दिनांक 12 जून को राजस्थान के अलवर निवासी सुभाष चंद्र ने कासना पुलिस से संपर्क कर अपने बेटे भीम सिंह (22) और उसके चचेरे भाई नारायण (25) के अपहरण की सूचना दी। फोन पर बताया गया कि दोनों युवक नोएडा में नौकरी कर रहे थे और एक अज्ञात व्यक्ति ने 7 लाख रुपये की फिरौती की मांग की है।

पुलिस ने तत्काल गंभीरता से कार्रवाई शुरू की। स्वाट टीम और थाना कासना पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस के माध्यम से लोकेशन ट्रेस कर व्हाईट आर्किड व राधा स्काई गार्डन जैसी हाईराइज बिल्डिंग्स में छानबीन शुरू की।

🕵️ छापेमारी और चौंकाने वाले खुलासे

व्हाईट आर्किड अपार्टमेंट से ध्रुव और उसके तीन साथी गिरफ्तार किए गए जिनके पास से लैपटॉप, दर्जनों मोबाइल फोन, अवैध सिम, फर्जी आधार कार्ड और रजिस्टर मिले। पूछताछ में सामने आया कि सभी युवक RUDRA CRIC LIVE APP के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाजी का संचालन कर रहे थे।

इसके बाद राधा स्काई गार्डन में दबिश देकर भीम सिंह और नारायण सहित चार अन्य को भी पकड़ा गया। पूछताछ में भीम सिंह ने स्वीकार किया कि अपहरण की योजना फर्जी थी, जिसे गिरोह ने मिलकर सिर्फ अपने घर वालों से पैसे ऐंठने के लिए रची थी।

🧠 सुनियोजित नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन

आरोपियों ने बताया कि उनका बॉस थाईलैंड और दुबई में बैठा है, वहीं से पूरे नेटवर्क का संचालन होता है। फर्जी आईडी, सिम कार्ड और बैंक खाते भी उन्हीं के जरिए तैयार कराए जाते हैं। हर दिन की कमाई करीब 30 लाख रुपये बताई गई जिसे विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था।

📱 सट्टा कारोबार का तरीका

  • APP: RUDRA CRIC LIVE
  • माध्यम: WhatsApp कॉल व ऐप आधारित आइडी
  • सट्टा: लाइव क्रिकेट स्कोर, विकेट, हार-जीत पर
  • उपकरण: मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेट
  • लेनदेन: फर्जी खातों के जरिए डिजिटल ट्रांसफर

👮 डीसीपी का बयान

डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया,

“एक अपहरण की झूठी सूचना के बाद जो खुलासा हुआ, वह बेहद चौंकाने वाला था। हमारी टीमें चौबीस घंटे सतर्क रहीं और इस हाई-टेक सट्टेबाजी गिरोह को सफलतापूर्वक दबोचा गया।”

🔍 अभियुक्तों की पहचान

आठों अभियुक्तों में राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली के रहने वाले युवक शामिल हैं, जो नोएडा की हाईराइज सोसाइटियों में रहकर यह नेटवर्क चला रहे थे।

📦 बरामदगी का विवरण

  • 04 लैपटॉप
  • 26 मोबाइल फोन
  • 16 फर्जी सिम
  • 02 रजिस्टर (हिसाब-किताब)
  • 03 पासबुक, 02 चेकबुक
  • 01 पासपोर्ट

⚖️ कानूनी कार्यवाही

थाना कासना में धारा 3/4 जुआ अधिनियम, आईटी एक्ट और बीएनएस की कई धाराओं के अंतर्गत अभियोग दर्ज किया गया है।


📌 यह कार्रवाई नोएडा पुलिस की डिजिटल अपराध के खिलाफ मुस्तैदी और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है।
फर्जी अपहरण की योजना बनाने वाले अब सलाखों के पीछे हैं, और एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय सट्टा नेटवर्क ध्वस्त हो चुका है।

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