भारत का वैश्विक संदेश: ‘चलता रहे मेरा दिल’

 


वर्ल्ड हार्ट डे 2025: भारत से विश्व को स्वस्थ दिल का संदेश

यथार्थ हॉस्पिटल, दिल्ली में भूमि पेडनेकर ने वॉकथॉन को दी हरी झंडी, अत्याधुनिक कार्डियक कैथ लैब से भारत ने बढ़ाया कदम

    मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / नई दिल्ली
पूरी दुनिया जब वर्ल्ड हार्ट डे पर हृदय स्वास्थ्य को लेकर एकजुट हुई, तब भारत ने इस मौके पर एक बड़ा संदेश दिया—दिल की देखभाल केवल इलाज नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है।

राजधानी दिल्ली के यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मॉडल टाउन में आयोजित “चलता रहे मेरा दिल” नामक वॉकथॉन इस संदेश का जीवंत उदाहरण रहा। बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने कार्यक्रम की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की और सैकड़ों दिल्लीवासियों ने सक्रिय जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा लेते हुए भाग लिया।


भारत की पहल: रोकथाम और तकनीक का संगम

वॉकथॉन के साथ ही हॉस्पिटल ने उत्तर और पश्चिम दिल्ली की पहली फिलिप्स अजुरियन एडवांस्ड कार्डियक कैथ लैब का उद्घाटन किया। यह कदम इस बात का प्रतीक है कि भारत हृदय रोगों से लड़ाई में दोहरी रणनीति अपना रहा है—

  1. जनजागरूकता और रोकथाम (जैसे वॉकथॉन, जीवनशैली में बदलाव)
  2. विश्वस्तरीय तकनीक और समय पर उपचार (जैसे नई कार्डियक कैथ लैब)

भूमि पेडनेकर का संदेश

“दिल की सेहत को लेकर इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकजुट होना प्रेरणादायक है। जीवनशैली की छोटी-छोटी आदतें—जैसे रोजाना टहलना—लाखों लोगों को हृदय रोग से बचा सकती हैं। वर्ल्ड हार्ट डे पर भारत की यह पहल निश्चित रूप से दुनिया के लिए उदाहरण है।”


भारत से दुनिया को प्रेरणा

भारत लंबे समय से हृदय रोगों की बड़ी चुनौती से जूझ रहा है। WHO के अनुसार, हृदय रोग अब भी दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण है, और भारत जैसे विकासशील देशों में इसकी दर तेज़ी से बढ़ रही है। ऐसे में यथार्थ हॉस्पिटल जैसी संस्थाओं की पहलें यह दिखाती हैं कि भारत केवल समस्या से जूझ नहीं रहा, बल्कि समाधान भी प्रस्तुत कर रहा है।

यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के निदेशक यथार्थ त्यागी ने कहा:
“हृदय रोग की रोकथाम और उपचार दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली में यह नई कैथ लैब हमारे संकल्प को दर्शाती है कि हम न केवल भारत बल्कि दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि रोकथाम और आधुनिक तकनीक साथ-साथ चल सकती हैं।”


विशेषज्ञों की चेतावनी और आशा

यथार्थ हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. धीरज झांभ ने कहा:
“भारत में हृदय रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है, लेकिन यह 80% तक रोका जा सकता है। यदि भारत जैसे देश करोड़ों की आबादी के साथ जीवनशैली में बदलाव को प्रोत्साहित करता है और विश्वस्तरीय तकनीक उपलब्ध कराता है, तो यह न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक हेल्थ मॉडल बन सकता है।”


भारत का वैश्विक संदेश: ‘चलता रहे मेरा दिल’

यथार्थ हॉस्पिटल की इस पहल ने स्पष्ट कर दिया कि भारत वर्ल्ड हार्ट डे को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सामुदायिक आंदोलन में बदल रहा है।

  • वॉकथॉन → लोगों को रोकथाम की ओर प्रेरित करता है
  • नई कार्डियक लैब → बीमारों को विश्वस्तरीय उपचार का भरोसा देती है

👉 यही वह संतुलन है जो भारत को दुनिया के सामने एक हेल्थ लीडर के रूप में स्थापित करता है।


✍️ “चलता रहे मेरा दिल
इस वर्ल्ड हार्ट डे पर भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया कि स्वस्थ दिल की कुंजी जागरूकता, रोकथाम और तकनीक के सही संतुलन में है।
चलता रहे मेरा दिल” केवल एक वॉकथॉन नहीं, बल्कि एक ऐसा संदेश है जो भारत से निकलकर पूरी दुनिया में गूंज रहा है।

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