ग्रेटर नोएडा बनेगा ग्लोबल इन्वेस्टमेंट का हब, मल्टीनेशनल कंपनियों को मिलेगा प्लेटफार्म


 

इनवेस्ट यूपी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों की अहम बैठक, आईआईटीजीएनएल के विकास कार्यों की भी सराहना


 

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा

उत्तर प्रदेश को ग्लोबल निवेश का नया केंद्र बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। ग्रेटर नोएडा में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। गुरुवार को इनवेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद और एसीईओ शशांक चौधरी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक कर इस परियोजना पर रणनीतिक मंथन किया।

बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीक्ष्मी वीएस, प्रेरणा सिंह और सुमित यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों को एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से ग्रेटर नोएडा की वर्तमान अवस्थापना सुविधाओं और आगामी विकास योजनाओं की जानकारी दी गई।

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा है कि ग्रेटर नोएडा को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाया जाए, जहां मल्टीनेशनल कंपनियां अपने बैक-एंड ऑपरेशंस से लेकर नॉलेज प्रोसेसिंग तक की यूनिट स्थापित कर सकें। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट भविष्य में शुरू होने जा रहे संचालन को देखते हुए यह क्षेत्र निवेशकों के लिए खासा आकर्षक बन चुका है।

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर इसी सोच का विस्तार है, जो बड़े विदेशी निवेशकों को एक ऐसा कॉरपोरेट इकोसिस्टम मुहैया कराएगा, जहां उन्हें विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही इस संबंध में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति को मंजूरी दे चुकी है, जिससे ग्रेटर नोएडा को एक रणनीतिक लाभ मिल रहा है।

बैठक के बाद दोनों अधिकारियों ने इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) का भी निरीक्षण किया और यहां की विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की।


मुख्य बिंदु:

  • ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की स्थापना से ग्रेटर नोएडा को मिलेगा नया औद्योगिक आयाम।
  • मल्टीनेशनल कंपनियों को मिलेगा कुशल मानव संसाधन और लॉजिस्टिक सपोर्ट।
  • नोएडा एयरपोर्ट और इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी परियोजनाएं दे रहीं पंख।
  • राज्य सरकार की सक्रियता और निवेश अनुकूल नीति बनी ग्रेटर नोएडा की सबसे बड़ी ताकत।

ग्रेटर नोएडा जल्द ही सिर्फ एक स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि वैश्विक कॉरपोरेट दुनिया का नया ‘केपिटल’ बनकर उभरेगा।

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