जानिए–यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की  81वीं बोर्ड बैठक में क्या, महत्वपूर्ण फैसले लिए गए?

81वीं बोर्ड बैठक
81वीं बोर्ड बैठक

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की  81वीं बोर्ड बैठक में  महत्वपूर्ण फैसले लिए गए

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/यीडा सिटी

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 81वीं बोर्ड बैठक आज दिनांक 26 जून, 2024 को अनिल सागर, अध्यक्ष, यमुना एक्सप्रेसवे औ0 वि0 प्राधिकरण/प्रमुख सचिव, अवस्थापनाएवं औद्योगिक विकास विभाग की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में एजेण्डा बिन्दुओं का प्रस्तुतीकरण डा0 अरूण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा किया गया। बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी नौएडा प्राधिकरण, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण, बच्चू सिंह, ए0डी0एम0 एल0ए0, गौतमबुद्ध नगर, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण सहित बोर्ड के सदस्यों/प्रतिनिधियों/विषेश आमंत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बोर्ड बैठक में मुख्य निर्णय निम्नवत् लिये गये :-

  1. शासनादेश संख्या-7774/77-4-2023-6011/2023 दिनांक 21.12.2023 के क्रम में प्राधिकरण के अध्यक्ष महोदय अध्यक्षता में लिगेसी स्टाल्ड प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अच्छादित 09 परियोजनाओं के बिल्डर्स के साथ सम्पादित बैठक दिनांक 29.02.2024 में विकासकर्ताओ को उनके भूखण्ड के सापेक्ष देयता की गणना उपलब्ध करायी गई। विकासकर्ताओ को उनके भूखण्ड के सापेक्ष गणना उपलब्ध कराये जाने की तिथि 29.02.2024 से 60 दिन के अन्दर (दिनांक 28.04.2024 तक) गणना में अंकित धनराषि की 25 प्रतिषत जमा कराये जाने हेतु प्रथम अनुस्मारक पत्र दिनांक 01.04.2024 तथा द्वितीय अनुस्मारक पत्र दिनांक 24.04.2024 को जारी किये गये। ाधिकरण ,द्वारा निर्गत किये गये मांग पत्रो के क्रम में निम्न विकासकर्ताओ द्वारा धनराषि जमा कराए जाने हेतु अतिरिक्त समय की मांग की गई हैः-
  2. मै0 ग्रीनबे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा0 लि0 द्वारा धनराषि रू.92 करोड प्राधिकरण में जमा कराते हुए अवषेश धनराषि 07 करोड करोड रूपये जमा करवान के लिये दिनांक 31 जुलाई, 2024 तक का समय प्रदान किया गया।
  3. मै0 ओमनीस डेवलपर्स प्रा0 लि0 द्वारा निर्धारित समय अवधि के उपरान्त धनराषि रू0 9.54 करोड़ प्राधिकरण खाते मे जमा करवा दिया गया है।
  4. मै0 लॉजिक्स बिल्डस्टेट प्रा0 लि0रूपये 62 करोड की सम्पूर्ण 25 प्रतिषत जमा करा दी गई है।
  5. मै0 ए0टी0एस0 रियल्टी प्रा0 लि0 द्वारा रूपये 05 करोड़ जमा करा दिया गया है, अवषेश धनराषि दिनांक 31.08.2024 तक जमा करवाने का समय दिया गया है।
  6. मै0 अजय रियलकॉन द्वारा रूपये 2.12 करोड की धनराषि जमा कराई गई।
  7. मै0 स्टारसिटी डवलपर्स द्वारा रूपये 3.38 करोड की धनराषि जमा कराई गई।
डा0 अरूण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी
डा0 अरूण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी

इस प्रकार 11 विकासकर्ताओ मे से 06 विकासकर्ताओं द्वारा कुल देयता की 25 प्रतिषत की धनराषि को जमा कराये जाने पर सहमति प्रदान की गई है तथा अतिरिक्त समय विस्तरण को मंजूरी प्रदान की गई। उक्त के अतिरिक्त मै0 सुपरटेक टॉउनषिप, मै0 सुपरटेक लि0, मै0 एस0डी0एस0 इन्फा्रकॉन, मै0 सनवर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा मै0 औरिस डवलेपर्स द्वारा विभिन्न कारणों यथा एन.सी.एल.टी. में योजित वादों, मा0 उच्च न्यायालय व मा0 उच्चतम न्यायालय में लम्बित प्रकरणों आदि के कारण धनराषि जमा नहीं करवाई गई है। प्राधिकरण बोर्ड द्वारा मै0 सनवर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं मै0 सुपरटेक टॉउनषिन, सैक्टर 22डी के आवंटन को, थर्ड पार्टी इन्ट्रेस्ट को छोडते हुये, निरस्त करने का निर्णय लिया गया।

  1. मै0 सुपरटेक लिमिटेड को आवंटित भूखण्ड संख्या टी0एस0-01,सैक्टर-17ए के अन्तर्गत आंषिक कार्यपूति प्रमाण पत्र यूनिट की त्रिपक्षीय सबलीज डीड के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि Supertech upcountry Welfare Association द्वारा पत्र दिनांक 31.05.2024 के माध्यम से मै0 सुपरटेक लिमिटेड को आवंटित भूखण्ड संख्या टी0एस0-01,सैक्टर-17ए की परियोजना अप कन्ट्री के अन्तर्गत आंषिक कार्यपूर्ति प्राप्त 608 यूनिट के सबलीज डीड हेतु अनुरोध किया गया है। बोर्ड द्वारा उक्त कम्पलीषन प्राप्त 608 यूनिट के सापेक्ष होम बायर्स की रजिस्टी की प्रक्रिया निम्न औपचारिकताओं के साथ अनुमन्य की गई :-

ऽ              Unit की  Builder(IRP) NOC प्राधिकरण को उपलब्ध कराए।

ऽ              L&T व अन्य संस्थाए जिसके पक्ष में नियमानुसार बंधक अनुमति ली गई हो, से NOC प्राप्त कराकर उपलब्ध कराए।

ऽ              प्रत्येक होम बायर्स की अनुपातिक देयता (अतिरिक्त प्रतिकर एवं लीजरेन्ट ) को कम्पलीषन प्राप्त यूनिट के सापेक्ष टैग किया जाए।

ऽ              प्राधिकरण की 74वीं बोर्ड बैठक की मद संख्या-74/17 के क्रम में IRP की सहमति की दषा में

  1. NHAI द्वारा कराये जा रहे कार्य की समीक्षा हेतु मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय एवं NHAI अधिकारियों के साथ दिनांक 14.05.2024 को बैठक आहूत की गयी जिसमे एयरपोर्ट से सम्बन्धित 30 मीटर चौड़ी सड़क व सैकेन्ड्री एक्सेस की परियोजना के निर्माण हेतु विचार विमर्ष हुआ। बैठक के उपरान्त पत्र संख्या-YEIDA/GM (Proj)/1222/2024  दिनांक 14.05.2024 द्वारा जारी Meeting of Minutes में उल्लेखित ,ts.Mk&02%&Construction of North-East access (30mtr  & 8.25 Km) to jewar Airport with a tentative cost of Rs. 63 Cr. Proposed to be taken up by NHAI agreed to take up the work as deposit work subject to 100% acailability of land (encumbrance & utility free) to be provided by YEIDA to NHAI for taking up the work. ,oa ,ts.Mk%&3  Construction of VIP access in a length of 800mtr to Jewar Airport Proposed to be taken up by NHAI For Which land to be made available by YEIDA का निर्णय लिया गया। बैठक दिनांक 14.05.2024 में लिये गये उक्त दोनो कार्य भारतीय राश्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कराए जाने सम्बंधित निर्णय पर उनके द्वारा दिनांक 31.05.2024 को सहमति प्रदान की गयी।बोर्ड द्वारा उक्त निर्णय पर सहमति प्रदान की गई।
  2. प्रमुख सचिव, लाक निर्माण विभाग, अनुभाग-01, उ0प्र0 षासन, द्वारा जारी पत्र संख्या- पत्रांक सं-17/2024/सा0-113/23-1-2024-23-1099/113/2023 दिनांक 16, जनवरी, 2024 में निहित प्राविधानों एवं कार्यों को MINISTRY OF ROAD TRANSPORT & HIGHWAY OF INDIA (MORTH) के निर्धारित मानकों के आधार पर यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा सड़को का निर्माण/पुनर्निमाण/समान्य मरम्मत के साथ नवीनीकरण/चौड़ीकरण एवंसुदृढी़करण कराए जाने का निर्णय लिया गया। निर्माण के उपरान्त 05 वर्शीय दोश निवारण  (Diffect Liability Period) एवं भुगतान के साथ 05 वर्श का अनुरक्षण भी निविदादाता फर्म द्वारा किया जायेगा। इस प्रक्रिया में ऐसे निविदादाता जिनके द्वारा खराब गुणवत्ता का मार्ग निर्माण किया जाता है, जिसके कारण मार्गों के अनुरक्षण हेतु बार-बार कार्यवाही करनी होती है, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये उनके अपेक्षित धनराषि की वसूली की जायेगी। यह व्यवस्था लागू हो जाने से कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा तथा प्राधिकरण के धन एवं समय की भी बचत होगी।
  3. परियोजना विभाग द्वारा वर्तमान समय में सेक्टरों का विकास सिविल/विद्युत/उद्यान कार्यो का पृथक-पृथक आगणन बनाकर उनका ई-टेण्डर के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जा रहा है। सिविल कार्यो में भी कुछ कार्यो में संयुक्त रूप से (ड्रेनेज, सीवरेज एवं रोड़) तथा पेयजल लाईन, ओ.एच.टी., एस.टी.पी. एवं अन्य आवष्यक कार्यो को पृथक-पृथक निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जा रहा है। इस प्रक्रिया में यदि फर्में अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं करती है तो उसमें विलम्ब होता है तथा उनमें आपस में सामंजस्य बैठाने में कठिनाई होती है।

उपरोक्त कठिनाईयों एवं विशमताओं को दूर करने के दृश्टिकोण से विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया कि नये सेक्टरों का विकास  ENGINEERING PROCUREMENT & CONTRACT  (EPC) MODE के माध्यम से ही कराया जाऐं। नये सेक्टरों एवं भविश्य में आवष्यकतानुसार कराये जाने वाले विकास कार्य को  Ministry of Road Transport & Highways New Delhi (MoRT&H) के द्वारा ENGINEERING PROCUREMENT AND CONSTRUCTION (EPC) CONTRACT & AGREEMENT  अन्तर्गत निधारित नियमों एवं मानकों के आधार पर ई-टेण्डर आमंत्रित करते हुए न्यूनतम निविदादाता के पक्ष में कार्य स्वीकृत कर कराए जाने का निर्णय लिया गया।

  1. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-21 में अन्तर्राश्ट्रीय फिल्म सिटी का नियोजन किया गया है, जिसमें से प्रथम चरण में लगभग 230 एकड भूमि का आवंटन M/S BAYVIEW PROJECT LLP  पक्ष में किया जा चुका है। यहॉं एक वृहद एवं अन्तराश्ट्रीय स्तर की फिल्म सिटी विकसित होनी है, जिसके कारण 60 मीटर रोड पर यातायात का भारी दबाव होगा, क्योंकि 60 मीटर रोड पर हीं सारे आवासीय एवं औद्योगिक सेक्टर नियोजित है और इसपर रेड लाईटें भी अधिक पड़ेगी, जिससे यातायात/आवागमन अवरूद्ध होगा एवं जाम की स्थिति भी उत्पन्न होगी। ऐसी स्थिति में अन्तराश्ट्रीय फिल्म सिटी को देखने आने वाले पर्यटकों एवं उससे जुड़े व्यवसाइयों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इस स्थिति के दृश्टिगत अन्तराश्ट्रीय फिल्म सिटी के पर्यटकों, बिजनेस मैन को सीधे यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए अन्तराश्ट्रीय फिल्म सिटी के सामने हीं रैम्प बनाकर उनको सीधा पहुंच मार्ग मिल सकेगा। स्थल पर जेवर से रबूपुरा को जाने वाली लोक निर्माण विभाग की सड़क पर पहले से हीं एक बड़ा अण्डरपास उपलब्ध है। इस अण्डरपास को इस निकास में सम्मिलित करते हुए दूसरे तरफ से यमुना एक्सप्रेसवे प्रवेष एवं निकास भी दिया जायेगा, इस प्रकार प्रवेष एवं निकास की दोनो सुविधा मिल सकेगी।

दिल्ली से फिल्म सिटी आने वालों के लिए प्रवेष एवं निकास तो उनके अनुकूल होगा, परन्तु आगरा के तरफ से आने वाले वाहनों/यात्रियों को अपने बायें तरफ से उतरना पड़ेगा तथा वापस आगरा जाने के लिए पुनः बाये से हीं चढ़ना होगा, परन्तु यदि इतनी भी सुविधा फिल्म सिटी के सामने मिल जाती है तो सेक्टर-28 के सामने बने निकास द्वार पर यातायात का दबाव कम रहेगा। सेक्टर-28 पर बने निकास पर वैसे हीं सेक्टर-28/29/32 एवं 33 औद्योगिक सेक्टर एवं बड़ी इकाइयों होने के कारण भारी वाहनों का दबाव भविश्य में रहेगा। चैनेज-24.03 पर पूर्व से निर्मित अण्डरपास को योजना में सम्मिलित करते हुए 01 प्रवेष एवं 01 निकास कुल 02 रैम्पों के निर्माण हेतु यमुना एक्सप्रेसवे को संचालित कर रही कम्पनी मेसर्स सुरक्षा समुह से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए निर्माण कार्य कराया जायगा।

  1. मा0 उच्चतम न्यायालय में लम्बित वादों के कारण अभी सम्पूर्ण क्षेत्र में 64.7 प्रतिषत अतिरिक्त प्रतिकर वितरण न होने के कारण सम्पूर्ण विकास कार्य नही हो पाये है, विधुत विभाग की आख्या के अनुसार आवासीय सैक्टरो में जिन स्थानो पर सिविल विभाग द्वारा कार्य पूर्ण करा दिये गये वहॉं विद्युतीकरण के कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुके है, परन्तु उक्त सृजित संरचनाओ का हस्तानंतरण पी0वी0वी0एन0एल0 विभाग द्वारा नही लिया गया है जोकि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।प्रमुख औद्योगिक विकास विभाग उ0प्र0 षसन एवं अध्यक्ष यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की अध्यक्षता में यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षे़त्र में कराये जा रहे विद्युतीकरण कार्या के सम्बंध में प्राधिकरण तथा पी0वी0वी0एन0एल0 विभाग के साथ प्राधिकरण में बैठक की आहूत की गयी जिसके उपरान्त हंस्तातरण एवं ऊर्जीकरण की प्रक्रिया चल रही है। तद्ोपरान्त ही पी0वी0वी0एन0एल0 विभाग द्वारा आवंटियो को विद्युत संयोजन जारी किया जा सकता है, उपरोक्त विकास कार्या को पूर्ण होने में लगभग छः माह का समय लगना सम्भावित है।

उक्त के दृश्टिगत समस्त आवासीय भूखण्ड योजनाओं में जिन आवंटियों/अंतरिकीयों के द्वारा लीज डीड निष्पादन करा ली गयी है, ऐसे आवंटी जिनका भवन निर्माण का समय दिनांक 31.12.2024 से पूर्व समाप्त हो रहा है उन समस्त आवंटियों/ अंतरिकीयों को दिनांक 31.12.2024 तक भवन निर्माण कार्य हेतु निःषुल्क समय प्रदान करने का निर्णय बोर्ड द्वारा लिया गया।

  1. एक मुष्त लीज रेन्ट एवं वार्शिक लीज रेन्ट की डिफाल्ट धनराषि को किष्तों में लिये जाने का निर्णय लिया गया है। अतः इस प्रकार सेयमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की समस्त सम्पत्तियों यथा आवासीय, संस्थागत, उद्योग व मिश्रित, वाणिज्यिक, ग्रुप हाउसिंग/टाउनषिप आदि हेतु निम्न व्यवस्था लागू हो जायेगी :-

ऽ              जिन आवंटियों द्वारा एक मुष्त लीज रेन्ट के विकल्प को लिया जाता है या लिया गया है वह अपनी एकमुष्त धनराषि लीज रेन्ट की धनराषि को 04 छमाही किष्तों में ब्याज सहित (प्राधिकरण की प्रचलित नीति के अनुसार) जमा कर सकते है तथा इसका उल्लेख लीज डीड में नियमानुसार सम्पत्ति विभाग द्वारा किया जाएगा।

ऽ              ऐसे आवंटी जिनके द्वारा वार्शिक लीज रेन्ट के विकल्प को चुना गया है किन्तु धनराषि कई वर्शो से जमा नहीं करने के कारण लीज रेन्ट की धनराषि डिफाल्ट हो गयी है, वह भी अपने देय डिफाल्ट धनराषि व एक मुष्त लीज रेन्ट को जोड़कर 04 छमाही किष्तों में ब्याज सहित (प्राधिकरण की प्रचलित नीति के अनुसार) जमा कर सकते है।

ऽ              ऐसे आवंटी जिनके द्वारा वार्शिक लीज रेन्ट डिफाल्ट होने पर केवल डिफाल्ट धनराषि जमा किये जाने का अनुरोध करते है तो वह भी अपने देय डिफाल्ट धनराषि 04 तिमाही किष्तों में ब्याज सहित (प्राधिकरण की प्रचलित नीति के अनुसार) जमा कर सकते है तथा आगामी आने वाली वार्शिक लीज रेन्ट को नियमानुसार जमा कराऐंगे।

प्राप्त होने वाले आवेदनों पर उक्तानुसार केस टू केस आधार पर प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही की जायेगी। यह सुविधा सक्षम स्तर से अनुमोदनोपरान्त एक ही बार अनुमन्य होगी।साथ ही साथ 02 प्रकरणों पर कार्योŸार स्वीकृति भी प्रदान की गई।

  1. प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में नियोजित औद्योगिक विकास के लिए प्राधिकरण द्वारा अर्जित/क्रय की गयी भूमि पर सैक्टर्स को नियोजित करते हुए उनके औद्योगिक, संस्थागत, वाण्ज्यिक, आवासीय आदि भू-उपयोगो के भूखण्डों का नियोजित कर भूखण्डों का आवंटन किया जाता है आवंटन की प्रक्रिया एवं उसके पष्चात कतिपय अपरिहार्य कारणों यथा कोर्ट केस, विकास सम्बन्धी बाधा, किसानो द्वारा अवरोध इत्यादि से आवंटियों को आवंटन के पश्चात भूखण्ड का कब्जा दिये जाने में कठिनाईयाँ आती है। कई बार भूखण्ड आवंटन के उपरान्त संस्था तत्काल ईकाई लगाने हेतु प्राधिकरण से अनुरोध करती है, किन्तु इनका निराकरण तत्काल करना सम्भव नहीं होता है। जिन आवंटियों को किसी अपरिहार्य कारणों से भूखण्ड का कब्जा नहीं मिल पाता है उनके द्वारा निरन्तर कब्जा दिये की मांग की जा रही है। यह भी अवगत कराना है कि पूर्व में आवासीय भूखण्ड योजना 2009 के आवंटियों को भूखण्ड समपर्ण करने पर जमा धनराषि;चमदंस प्दजतमेज के अलावाद्ध06 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से वापस किये जाने का निर्णय प्राधिकरण की 60वी बोर्ड बैठक के मद संख्या 14 में संचालक मण्डल द्वारा लिया गया था।

अतः आवासीय, संस्थागत, वाणिज्यिक, उद्योग, मिश्रित में अपरिहार्य कारणों से जिन आवंटियों को भूखण्ड का कब्जा नहीं दिया जा सका है, और उनके द्वारा भूखण्ड सरेण्डर किये जाने का अनुरोध किया जाता है तो, उन प्रकरणों पर केस टू केस आधार पर सक्षम स्तर से अनुमोदनोपरान्त कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है। भूखण्ड का अपरिहार्य कारणों से कब्जा न दिये जाने की स्थिति में आवंटी/संस्था द्वारा कुल जमा धनराषि पर 06 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर के साथ रिफण्ड किये जाने का निर्णय लिया गया।

  1. प्राधिकरण की विभिन्न आवासीय भूखण्ड योजनाओं यथा RRPS01, RPS02, RRPS03, RRPS04, RPS04 & RPS06 के विभिन्न आवंटियों जिनके द्वारा समय विस्तरण पष्चात भी आवंटन धनराषि जमा नही करवाई गई है, ऐसे 46 आवंटियों का आवंटन निरस्त किये जाने का निर्णय लिया गया।
  2. India Exposition Mart Ltd. द्वारा अपने पत्र दिनांक-13 जून, 2024 के माध्यम से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अन्तर्गत फर्नीचर एवं हेण्डीक्राफ्ट पार्क की स्थापना हेतु 200 एकड़ भूमि की मांग की गयी है। ज्ञातव्य हो कि प्राधिकरण क्षेत्र में विभिन्न Industrial Parks की स्थापना की गयी है तथा इस हेतु औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु प्राधिकरण की योजनाओं के अनुसार औद्योगिक भूखण्डों के आवंटन किये गये है। M/s. India Exposition Mart Ltd. प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा फिजिविलिटी स्टडी कराने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई।
  3. अवगत कराना है कि India Exposition Mart Ltd यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अन्तर्गत दक्षिण एषिया के सबसे बडे Exhibition, Convention & MICE project की स्थापना हेतु 200 एकड भूमि की मॉग की है। ग्रेटर नोएडा में Expo Centre and Mart  का निर्माण 58 एकड़ भूमि पर किया गया है जिसमें 73308 वर्गमीटर (18 एकड़) में प्रदर्षनी स्थल, 800 स्थायी षो-रूम, 14 मल्टी परपज हाल्स, 29 मीटींग रूम, 04 ओपेन एरिया, 04 रेस्टोरेन्ट स्थित है। यहाँ पर वायर्स लान्ज, Foreign Exchange outlet  तथा बडा  Convention Cum International Business facility Centre  आदि उपलब्ध है जहाँ वर्श में 40 से 50 इवेन्ट्स आयोजित होते है। M/s. India Exposition Mart Ltd.  प्रस्ताव पर बोर्ड द्वारा फिजिविलिटी स्टडी कराने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई।

    रिफण्ड किये जाने का निर्णय
    रिफण्ड किये जाने का निर्णय

उल्लेखनीय है कि नोएडा इण्टरनेषनल एयरपोर्ट जेवर एवं अन्तर्राश्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अन्दर की जा रही है। एयरपोर्ट वर्श 2024-25 मे तथा फिल्म सिटी वर्श 2027 तक संचालित हो जायेगी। एयरपोर्ट व फिल्म सिटी के संचालन से प्राधिकरण के क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक व अन्य गतिविधियों के साथ-साथ अन्तर्राश्ट्रीय व्यापार बढेगा। ऐसी परिस्थिति में  a Business conference o Expo हेतु प्राधिकरण क्षेत्र में एक Convention Centre की स्थापना किया जाना आवष्यक है। India Exposition Mart Ltd. के अध्यक्ष द्वारा दिये गये अपने पत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास Exhibition, Convention & MICE project  स्थापित करने हेतु 200 एकड़ भूमि की मांग की गई है जिसमें यीडा की भी इक्विटी प्राप्त करने की अपेक्षा की गयी है।

  1. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास क्षेत्र मे मिल्क एण्ड वेजीटेबल बूथ के भूखण्डो को आवंटन की Open-Ended योजना SCHEME CODE : YEA/INST दिनांक-16.03.2024 को लायी गयी जिसमे प्राधिकरण के सैक्टर-18 एवं 20 मे क्षेत्रफल-200 वर्गमी0 के कुल 21 भूखण्डो का सम्मिलित किया गया था। इस सम्बन्ध में मैसर्स मदर डेयरी फ्रूट एण्ड वैजीटेबल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा दिनांक-03.06.2024 को मिल्क एवं वेजीटेबल बूथ हेतु प्राधिकरण में पत्र प्रेशित किया गया है जिसमें उल्लिखित है कि ’ Mother Dairy Fruit & Vegetable Booth needs and open space of 12 meters X 8meters=96 Sq. meters with 3 meters’ setback at minimum 18-meter roadside near to your density of population 3000-3500 flats/household. Mother Dairy Fruit & Vegetable shall construct the Milk Shop at its won cost as per the approved design by Delhi Urban Art Act (DUAC). (As Yamuna Expressway Authority sectors are not fully habitat, so we will initially build port cabin for Milk Shop and after habitation we will convert the same shop to Brick & Mortar.)”] के अनुसार संस्था द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र में मिल्क एवं वेजीटेबल बूथ हेतु में 96 वर्गमीटर के भूखण्डों को आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही संस्थाड Mother Dairy उपक्रम के प्रतिनिधियों द्वारा प्राधिकरण में उपस्थित होकर अवगत कराया गया है कि Mother Dairy द्वारा निर्मित किये जा रहे Milk And Vegetable Booth के भवनों में 3.0 मी. फ्रन्ट सैटबैक दिया जाता है, जो कि जनसामान्य के पार्किंग सुविधा हेतु qMother Dairy केs Loading/Unloading के उपयोग मे लागू किये जाये। प्राधिकरण क्षेत्र में Milk And Vegetable Booth के सम्बन्ध में संस्था द्वारा प्रस्तुत किये गये  Standard Design/layout के अनुसार Mother Dairy की यूनिट मे ग्राउण्ड पर 74.8 वर्गमी0 क्षेत्रफल की आवष्यकता है तथा इसके अतिरिक्त अन्य एरिया की आवष्यकता नही है। संस्था डवजीमत क्ंपतलके प्रतिनिधियों द्वारा प्राधिकरण के आवासीय सैक्टरो यथा-सैक्टर-18, 20 व 22डी, का मौके पर स्थलीय निरीक्षण किया गया, जिसमें उनके द्वारा उक्त सैक्टरों के अन्तर्गत लगभग 16 स्थानों पर Milk and Vegetable  हेतु Standard /Typical Designके अनुसार भूमि की आवष्यकता की मांग की गयी है। मदर डेयरी उपक्रम द्वारा उपलब्ध कराये गये Typical/standard Milk Booth & Vegetable Booth में   3.0मीटर का फ्रन्ट सैटबैक के साथ भूखण्ड के क्षेत्रफल की गणना की जाये तो लगभग 94.3 वर्गमीटर भूखण्ड से भी Milk Booth की आवष्यकता उपयुक्त होती है। तदानुसार  Milk And Vegetable Booth Milk Booth हेतु 200 वर्गमीटर को कम कर 100 वर्गमीटर का भूखण्ड करना उचित प्रतीत होता है।
  2. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा विशिष्ट विकास परिक्षेत्र (एस.डी.जेड) के विकास हेतु दिनांक 01.03.2008 को योजना लायी गयी थी। उक्त योजना के अन्तर्गत मैसर्स जे0 पी0 इन्टरनेशनल स्पोटर्स के पक्ष में 1000 है0 भूमि का आवंटन वर्ष 2009-2010 में करते हुए लीज डीड निष्पादित करायी गयी। योजना के ब्रोशर के अनुसार कुल भू-क्षेत्र का कम से कम 15 प्रतिशत आवासीय (ग्रुप हाउसिंग एवं प्लाटेड) हेतु निर्धारित था।आवंटी/संस्था द्वारा किश्तों (प्रीमियम, ई.डी.सी., लीज रेन्ट, अतिरिक्त प्रतिकर आदि) का भुगतान समयान्तर्गत नहीं किये जाने पर प्राधिकरण द्वारा पत्रांक वाई.ई.ए/सम्पत्ति/एल.एफ.डी./एस.डी.जेड/1773/2020 दिनांक 12.02.2020 द्वारा होम बायर्स/सह-आवंटी/सब लेसी के हितों को सुरक्षित रखते हुए आवंटन निरस्त कर दिया गया था। आवंटी/संस्था द्वारा विभिन्न सबलेसी कोएकल आवासीय भूखण्ड, भवन एवं ग्रुप हाउसिंग भूखण्डों का आवंटन किया गया है,  इनमें से कुछ के मानचित्र स्वीकृत है अथवा स्वीकृति की प्रक्रिया में है तथा जिन पर तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित हो चुके है, के लिए भवन निर्माण हेतु समय सीमा को दिनांक 10.07.2023 तक निःशुल्क तथा इसके पश्चात दिनांक 10.07.2028 तक निम्नानुसार समयवृद्धि शुल्क के साथ प्रदान की गई।

निर्माण हेतु अनुमन्य अवधि के पश्चात्        समयवृद्धि शुल्क (आवंटन दर का)

1 वर्ष       01 प्रतिशत

2 वर्ष       02 प्रतिशत

3 वर्ष       03 प्रतिशत

4 वर्ष       04 प्रतिशत

5 वर्ष       05 प्रतिशत

समयवृद्धि शुल्क के साथ प्रदान की गई
समयवृद्धि शुल्क के साथ प्रदान की गई
  1. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के क्षेत्रान्तर्गत टप्पल-बाजना अर्वन सेन्टर की महायोजना के ग्राम टप्पल की भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव शासन को प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। ग्राम टप्पल क्षेत्र मे प्राधिकरण की महायोजना के अनुसार सुनियोजित विकास के लिय यह अतिआवश्यक है। इससे क्षेत्र में अनियोजित डवलपमेन्ट पर अंकुश लगेगा। साथ ही प्राधिकरण द्वारा टप्पल में प्राधिकरण क्षेत्र में निर्मित व निर्माणाधीन सभ अवैध कालोनियों पर घ्वस्तीकरण की कार्यवाही उ0प्र0 औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत किया जायेगा।
  2. यमुना एक्सप्रेसवे औ0 वि0 प्राधिकरण द्वारा महायोजना -2031 के अन्तर्गत नियोजित, महायोजना जोनिंग रेगुलेशन के अनुसार रिक्रेयशनल ग्रीन भू उपयोग को विकसित करने का निर्णय लिया गया। रिक्रेयशनल ग्रीन भू उपयोग में प्रमुख रूप से पार्क, प्ले ग्राउन्ड, मल्टी परपज ओपन स्पेस, गोल्फ कोर्स/रेस कोर्स, स्टेडियम/स्पोर्टस काम्पलेक्स/स्पोर्टस सेन्टर, पिकनिक स्पॉट, इन्डोर स्टेडियम/गेम हॉल, इन्डोर स्टेडियम/गैम्स हॉल, रिक्रियेशनल ग्रीन, म्यूजियम कम ऑडिटोरियम/कांफ्रेस हॉल/आर्ट/एक्सिविशन गैलेरी, ओपन एयर थियटर आदि विकसिकत की जा सकती हैं। प्राधिकरण द्वारा इस कार्य हेतु सैक्टर 22 एफ व 23बी हेतु फिजिविल्टी स्टडी कराते हुये सैक्टर में रिक्रेयशनल ग्रीन की क्रियाओं का निर्धारण कर ले आउट प्लान तैयार कराया जायेगा। साथ ही आवश्यतानुसार भू अधिग्रहण की कार्यवाही भी की जायेगी।
  3. यमुना एक्सपेसवे औ0 वि0 प्राधिकरण के अर्जन हेतु प्रस्तावित सैक्टरों में अपर जिलाधिकारी (भू0अ0)गौतमबुद्ध नगर के समक्ष प्राप्त आबादी संबंधी आपत्तियों के निस्तारण तथा अर्जन हेतु प्रस्तावति नवीन सैक्टरों में ग्रामीण आबादी की पैरीफरी निर्धारित किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रामीण आबादी स्थल (प्रबंधन एवं विनियमतीकरण (प्रथम संषोध्न) 2014 में व्यवस्था वर्णित है।

 

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