सूरजपुर में प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला.2024, शुक्रवार, पाचवां दिन
लार्ड गणेश पब्लिक स्कूल के बच्चों ने गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया
रणवीर भडाना, राधा चौधरी एंड पार्टी के कलाकारों में रोहताश दायमा, जिले नागर, अर्जुन ने एक से बढ कर एक प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया
प्रियंका चौधरी और राजस्थानी कलाकार दुर्गा के बीच नृत्य के मुकाबले ने लोगों का मन मोह लिया
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
सूरजपुर में चल रहे प्राचीन ऐतिहासिक बाराही मेला-2024 के पाचवें दिन शुक्रवार को रागनियों की धूम रही। प्रति दिन की भांति बाराही मेले के सर्वोत्तम मंच संस्कृति मंच से रात्रिकालीन कार्यक्रमों की शुरूआत सरस्वती वंदना और आरती के साथ हुई। लार्ड गणेश पब्लिक स्कूल के बच्चों ने गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया। सूरजपुर की बाल कलाकार चांदनी ने विशेष गीत की प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया। शिव मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी, महासचिव ओमवीर बैंसला, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल और बिजेंद्र ठेकेदार, भीम खारी, टेकचंद प्रधान, विनोद पंडित तेल वाले, योगेश अग्रवाल, अनिल कपासिया, जगदीश भाटी एडवोकेट, अजय शर्मा एडवोकेट, राजपाल भडाना, महाराज सिंह उर्फ पप्पू आदि पदाधिकाारयों ने लार्ड गणेश पब्लिक स्कूल के बच्चों को बेहतर प्रस्तुति देने पर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मनित किया।
रात्रिकालीन कार्यक्रमों की श्रंखला में संस्कृति मंच से रणवीर भडाना, राधा चौधरी एंड पार्टी के कलाकारों में रोहताश दायमा, जिले नागर, अर्जुन ने एक से बढ कर एक प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया। प्रियंका चौधरी ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत करते हुए खूब धमाल मचाया। राजस्थान के मंजू और राजबाला सपेरा एंड पार्टी के कलाकारों ने संस्कृति मंच पर आकर नृत्य का लोहा मनवाया। प्रियंका चौधरी और राजस्थानी कलाकार दुर्गा के बीच नृत्य के मुकाबले ने लोगों का मन मोह लिया। रागनी कलाकार अर्जुन ने चक्रव्यूह की रचना होने पर अभिमन्यु के युद्ध पर जाने पर किस्से से- चेहरे पर छा रही उदासी क्यों, रंज मना रहे क्यों, अभिमन्यु के होते हुए ताउ क्यों ख्याल करें………… और रोहताश दायमा ने देश भक्ति सुभाष चंद बोस प्रसंग से— बोस ऐसी साडी लिया दे, हो जिसकी चमक निराली…….. एवं रणवीर भडाना ने नरसी भात से प्रस्तुति देते हुए लोगों का मन मोह लिया। राधा चौधरी ने उपदेशात्मक भजन– तृष्णा रूपी झगडा जग में, हे तृष्णा न्यारी न्यारी…….. प्रस्तुत करते हुए खूब तालियां बटोरीं। रोहताश दायमा और राधा चौधरी ने सत्यवान सवित्री की कथा रागनी प्रस्तुत करते हुए लोगों को खूब गुदगुदाया। रागनी कलाकारों का स्वागत शिव मंदिर सेवा समिति की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए किया गया। रागनियों के इस रंगारंग कार्यक्रम में अतिथिगण के तौर ब्रजपाल अवाना, धर्मपाल चौहान, जसवीर लोहिया एडवोकेट ने शिकरत करते हुए कलाकारों की हौसला अफजाई की। रात्रिकालीन कार्यक्रम का समापन प्रति दिन की भांति हनुमान चालीसा पाठ करते हुए शिव मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों और उपस्थित लोगों ने किया।
मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि कल दिनांक 28 अप्रैल-2024, रविवार की सांय हरियाणा और राजस्थान के कलाकारों तथा उमा पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। जब कि रात्रिकालीन रागनियों के रंगारंग कार्यक्रमों में तरूण बालियान, कोमल चौधरी एंड पार्टी के सतपाल नागर, रिंकू चौधरी,सुमन चौधरी आदि कलाकार खास प्रस्तुतियां देंगे। इस मौके पर कार्यक्रम मे गौरव नागर, केडी गुर्जर, रघुवीर जेसीबी वाले, अरविंद भाटी, सचिन भाटी,मदन शर्मा, भगत सिंह आर्य आदि मेला समिति के पदाधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।
विशेष आर्कषणः….
बाराही मेले में कुआ बन रहा है, खोया पाया ईमानदारी की चौपाल
प्राचीनकालीन बाराही मेले में पुराना कुंआ ईमानदारी की चौपाल बन रहा है। बाराही मंदिर प्रांगण में स्थित इस पुराने कुए पर आकर कभी भरी दुपहेरी में राहगीर प्यास बुझाया करते थे। किंतु आज यह कुआ प्यास बुझाने के बजाय भुले भटके लोगों के लिए मद्दगार साबित हो रहा है। यहां बैठे मेला समिति के पदाधिकारी मेले में आए दर्शकों के लिए खोया पाया के काम में लगे रहते हैं। शिव मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष प्रधान धर्मपाल भाटी ने बताया कि प्राचीन बाराही मंदिर प्रांगण में बने इस कुए की गहराई करीब 25 फीट है। एक समय था कि जब यहां कुए का पानी बहुत ठंडा होता था और राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए कुए पर कई मटके रख रहते थे।
मुख्य रास्ता यहीं से होकर गुजरता था। राहगीर यहां पर भरी दुपहेरी में सुस्ताने के लिए भी रूकते थे। किंतु अब यह सूखा पडा हुआ है, इसका कारण शायद क्षेत्र का जलस्तर नीचे जाना भी रहा है। शिव मंदिर सेवा समिति के महासचिव ओमवीर बैंसला और कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल ने बताया कि बाराही मेले के मौके पर यहां उद्घोषणा की चौपाल काम होता है। इस चौपाल को लोग खोया पाया कुआं के नाम से जानते हैं। मेला के समिति के पदाधिकारी यहां मंदिर और मेले के लिए आने वाले दान की भी उद्घोषणा करते हैं। साथ ही मेले में यदि कोई अपना बिछड जाए या फिर भटक जाए तो यहां पर पूरी मद्द मिलती है। वैसे तो यहां कुए पर मेला समिति पदाधिकारी मौके बे मौके बैठे रहते हैं, मगर मुख्य जिम्मेदारी विनोद सिकंद्राबादी की ही रहती है। विनोद सिकंद्राबादी शिव मंदिर मेला समिति में सहसचिव की भूमिका में भी है और यहां पूरे मनोयोग से उद्घोषणा के कार्य में लगे रहते हैं। बाराही मेला सहसचिव विनोद सिकंद्राबादी बताते हैं कि वर्ष 2001 में जब से यह वर्तमान शिव मंदिर मेला समिति आसित्व में आई हैं, इस भूमिका में हैं।
बाराही मेले में आने वाले दर्शकों का जब अपना कोई बिछड जाता है या फिर कोई कीमती वस्तु पर्स, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, हैलीमेट आदि तो लोग यहां आते हैं। साथ ही ऐसे भी लोग जिन्हें उक्त कीमती वस्तु पा जाती है तो यहां कुए पर आकर जमा करा देते हैं। खोने और पाने की सूचना प्रसारित की जाती है और लोग अपने अमुक सामान को आकर ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि यह पुराना कुंआ, जिसमें अब पानी नही है, इस मेले में ईमानदारी की चौपाल बन कर ख्याति अर्जित कर रहा है। मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि कुए पर मंदिर के लिए दान देने वाले लोगों भी भीड लगी रहती है, सांय 5 बजे से ही कुए की बैठक शुरू हो जाती है और फिर यहां उद्घोषणा और दान एकत्रित किए जाने का सिलसिला रात्रि मेला समाप्ति तक चलता रहता है।