सूरजपुर में प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला.2024, गुरूवार, ग्यारहवां दिन
बेटा और बेटी में भेद कर भू्रण हत्या जैसी कुरूति पर आधारित नाटिका में स्कूली बच्चों ने समाज को खासा संदेश देने की कोशिश की और इस प्रस्तुति से पूरा प्रांगण तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा
एक किस्से से 5 रागनियों के सिलसिले में कालू इंदौर और सक्कू राजस्थानी एंड पार्टी के कलाकारों ने महाभारत के किस्से से 5 रागनी प्रस्तुत करते हुए जगह बना ली
मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए भाजपा कार्यकर्ता प्रोफेसर विजय नागर को माल्यापर्ण और फिर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया
कुमारी सक्कू राजस्थानी, अन्नु चौधरी और बबली वर्मा लोहारू ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए खूब धमाल मचाया
04 मई-2024 दिन शनिवार, दोपहर 2.30 बजे से स्व0 जयपाल भगती के स्मृति में प्रति वर्ष की भांति इस बार भी 101 रूपये लेकर 1 लाख 1 हजार रूपये तक कुश्तियां होंगीः ओमवीर बैंसला
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
सूरजपुर में चल रहे प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला-2024 के ग्यारहवेंं दिन गुरूवार को राजस्थान और हरियाणा से आए लोक कलाकारों ने गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। संस्कृति मंच पर पूजा और आरती के कार्यक्रम के साथ रात्रिकालीन कार्यक्रमों की शुरूआत हुई और जिसमेंं कालू इंदौर और सक्कू राजस्थानी एंड पार्टी और संतराज नागर, अन्नु चौधरी, हनुमान पौसवाल, जगत दायमा और बबली वर्मा लोहारू आदि कलाकारों खास प्रस्तुति देते हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं जीआर पब्लिक स्कूल के बच्चों ने गीत संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए शमां बांध दिया।
बेटा और बेटी में भेद कर भू्रण हत्या जैसी कुरूति पर आधारित नाटिका में इन स्कूली बच्चों ने समाज को खासा संदेश देने की कोशिश की और इस प्रस्तुति से पूरा प्रांगण तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। रागनी कलाकारों ने एक से बढ कर एक रागनी की प्रस्तुत की। एक किस्से से 5 रागनियों के सिलसिले में कालू इंदौर और सक्कू राजस्थानी एंड पार्टी के कलाकारों ने महाभारत के किस्से से 5 रागनी प्रस्तुत करते हुए जगह बना ली। कालू इंदौर ने महाभारत के किस्से से– राजा ने क्रोध भर के, तारीफ हिजडे की सुन, धर्म युधिष्ठर को माथे पर पासा मार दिया……… और कालू इंदौर व सक्कू राजस्थानी ने– पटडे उपर पैर न धरना, सुन नंदलाल उठाए…. रागनी की प्रस्तुति देते हुए खूब वाहवाही लूटी।
संतराज नागर और कालू इंदौर ने– पांडवों के संग रिश्ता मत जोडे, क्यों जान बूझ बेटी की किस्मत फोडे…. और द्रौपदी चीर हरण, कीचक वध, अभिमन्यु की उत्तरा कुमारी से विवाह, पांडवों के अज्ञातवास में ब्रहन्नला की वीरता,सत्यवान सावित्री आदि प्रंसगों पर कई रागनियों की प्रस्तुति दी। कुमारी सक्कू राजस्थानी, अन्नु चौधरी और बबली वर्मा लोहारू ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए खूब धमाल मचाया। शिव मंदिर सेवा समिति की ओर से कलाकारों और स्कूली बच्चों को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए भाजपा कार्यकर्ता प्रोफेसर विजय नागर को माल्यापर्ण और फिर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
शिव मंदिर सेवा समिति के महासचिव ओमवीर बैंसला ने बताया कि दिनांक 04 मई-2024, दिन शनिवार को दोपहर 2.30 बजे से स्व0 जयपाल भगती के स्मृति में प्रति वर्ष की भांति इस बार भी विशाल दंगल का आयोजन किया जाएगा और जिसमें दूर दूर आकर पहलवान अपनी मल्ल कला का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि विशाल दंगल में 101 रूपये लेकर 1 लाख 1 हजार रूपये तक की कुश्तियां स्व जयपाल भगती के पुत्रों स्व0 श्रीचंद भाटी, सतवीर भाटी और राजवीर भगतजी के द्वारा कराई जा रही हैं।
मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि कल दिनांक 04 मई-2024, दिन शनिवार की सांय हरियाणा और राजस्थान के कलाकारों तथा ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल सूरजपुर के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। जब कि रात्रिकालीन रागनियों के रंगारंग कार्यक्रमों में सुरेंद्र भाटी, नीरज भाटी एंड पार्टी, निशा जांगडा, बलराम बैंसला, योगेश डागर, आरती जांगडा आदि कलाकार खास प्रस्तुतियां देंगे।
इस मौके पर शिव मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी, महासचिव ओमवीर बैंसला, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल, मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा और रधुवीर जेसीबी वाले, अरविंद भाटी, सचिन भाटी, मदन शर्मा, भगत सिंह आर्य, लीलू भगत जी, तोलाराम, योगेश अग्रवाल, हरिकिशन आदि मेला समिति के पदाधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।
विशेष आकर्षण……
राजस्थानी कलाकारों द्वारा गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुति से भारतीय संस्कृति की छाप
खुद राजबाला सपेरा कलाकार पेरिस, अमेरिका, कोरिया, इटली आदि कई देशों में जाकर यहां की नृत्य कला कर लोहा मनवा चुकी है। उनकी बेटी पूजा सपेरा आज भी नृत्य की खास प्रस्तुति देने के लिए पेरिस में गई हुई है-मूलचंद शर्मा
सूरजपुर में चल रहे ऐतिहासिक प्राचीनकालीन बाराही मेला-2024 में राजस्थानी, हरियाणवी गीत संगीत और नृत्य खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इनमें बीन तुंबा पार्टी और राजस्थान से आए नृत्य कलाकारों द्वारा बाराही मेला प्रांगण में लोक कला संस्कृति मंच से भारतीय संस्कृति की छटा बिखरती हुई दिखाई दे रही है। एक ओर संस्कृति मंच से रागनियों का रंगारंग कार्यक्रम और स्कूली बच्चों के गीत संगीत की प्रस्तुति का सिलसिला चलता है तो वहीं लोक कला संस्कृति मंच से राजस्थान और हरियाणा से आए लोक कलाकारों द्वारा गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुति से यहां की संस्कृति को सजोए रखने का पता चल रहा है। ग्रेटर नोएडा के जलपुरा गांव से सिंकदरनाथ बीन तुंबा पार्टी और हरियाणा से आए बंचारा नगाडा पार्टी के कलाकार मेला प्रांगण और फिर यहां लोक कला संस्कृति मंच से खास प्रस्तुति देते हैं। जब कि दूसरी ओर राजस्थानी नृत्य की खास धूम है। राजस्थान के जयपुर से राजबाला एंड पार्टी के कलाकार यहां प्रति वर्ष की इस बार भी आकर खास प्रस्तुतियां दे रहे हैं।
शिव मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी ने बताया कि राजस्थानी लोक नृत्य की खास प्रस्तुति बाराही मेले को चार चांद लगा रही है। राजबाला सपेरा एंड पार्टी के कलाकार वर्ष 2000 के बाद जब से इस बाराही मेले ने भव्य रूप लेना शुरू किया है, हर वर्ष आकर कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं। इन राजस्थानी लोक कलाकारों का खास नृत्य मेले में आने वाले दर्शक बेहद पंसद करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृति मंच पर रागनी कलाकारो के साथ नृत्य की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को यह राजस्थानी नृत्य कलाकार मात दे चुके हैं। राजस्थानी नृत्य कलाकारों में दुर्गा राजस्थानी एक ऐसी कलाकार है जिसने संस्कृति मंच तक कई दूसरे नृत्य कलाकारों को पछाडा है और बेहतर साबित हुई है।
शिव मंदिर सेवा समिति के महासचिव ओमवीर बैंसला ने बताया कि राजबाला सपेरा एंड पार्टी के सभी कलाकार नृत्य की खास प्रस्तुतियां देते हैं। इस नृत्य कलाकार मंडली मेंं कुल 15 लोग हैं जिनमें 10 पुरूष और 5 महिलाएं हैं। पुरूषों के अलग अलग आईटम हैं और महिला कलाकर अलग अलग तरह के नृत्य पेश करती हैं। राजबाला सपेरा टीम लीडर है जब कि मंजू, लिचवी, मंता और दुर्गा आदि गजब की नृत्यंगना है। यह सभी राजस्थान के सपेरा जाति से आती है और मुख्य पेशा नाच गाना है। उन्होंने बताया कि राजबाला सपेरा एंड पार्टी के यह कलाकार भारत की नही बल्कि कई दूसरे देशों में जाकर भारतीय संस्कृति की अलख बिखरने में लगे हुई है।
शिव मंदिर सेवा समिति के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल ने बताया कि हरियाणा और राजस्थान से आने वाले यह लोक कलाकार प्रचानकालीन बाराही मेले में सांस्कृतिक धरोहर को सजोए हुए हैं। उन्होंने बताया कि राजबाला सपेरा एंड पार्टी के कलाकारों द्वारा कालबेलिया डांस, घूमर डांस, कच्ची घोडी, डूग डांस,चैरी और भवाई डांस खास प्रस्तुतियां हैं।
शिव मंदिर सेवा समिति के मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि प्राचीनकालीन बाराही मेले में राजस्थानी लोक कलाकारों की खास प्रस्तुतियां प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। लोक कला संस्कृति मंच पर यह कलाकार सांय 6 बजे से लेकर रात्रि 12 बजे तक अपनी प्रस्तुतियां देते हैं, साथ ही कुछ समय के लिए ये संस्कृति मंच पर भी प्रस्तुति के लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के जयपुर से राजबाला सपेरा एंड पार्टी के यह कलाकार पिछले करीब 25 साल से यहां आ रहे है। खुद राजबाला सपेरा कलाकार पेरिस, अमेरिका, कोरिया, इटली आदि कई देशों में जाकर यहां की नृत्य कला कर लोहा मनवा चुकी है। उनकी बेटी पूजा सपेरा आज भी नृत्य की खास प्रस्तुति देने के लिए पेरिस में गई हुई है।