बकरीद पर खुद का गला काट दिया… कहा, “मैं खुद को अल्लाह के नाम पर कुर्बान कर रहा हूं”

 

ईश मोहम्मद ने छोड़ा सुसाइड नोट, कहा – ‘बकरे की जगह मैं खुद कुर्बानी दूंगा’, देवरिया में सनसनी

देवरिया, उत्तर प्रदेश | असलम परवेज की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से बकरीद के मौके पर एक दिल दहला देने वाली और सोचने पर मजबूर कर देने वाली घटना सामने आई है। गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में 60 वर्षीय ईश मोहम्मद नामक एक शख्स ने कथित रूप से बकरे की कुर्बानी की जगह खुद की कुर्बानी दे दी। उसने खुद का गला रेतकर आत्महत्या कर ली और पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जो पूरे मामले को और भी चौंकाने वाला बना देता है।

✍️ सुसाइड नोट में लिखा – ‘बकरे भी जीव हैं, मैं खुद कुर्बानी दे रहा हूं’

नमाज अदा करने के बाद ईश मोहम्मद अपने घर लौटे और फिर घर के बाहर बनी झोपड़ी में जाकर खुद का गला चाकू से रेत दिया। तड़पते हुए उन्होंने करीब एक घंटे तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष किया। जब परिजनों ने उनकी कराहने की आवाज सुनी तो दौड़े और उन्हें लहूलुहान हालत में पाया। उन्हें पहले देवरिया मेडिकल कॉलेज और फिर गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

मरने से पहले ईश मोहम्मद ने एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा—

“इंसान अपने घर में बकरे को बेटे की तरह पालता है और फिर कुर्बानी करता है। वो भी जीव है। इसलिए मैंने तय किया कि इस बार खुद अपनी कुर्बानी दूंगा। मैं अल्लाह के नाम पर खुद को कुर्बान कर रहा हूं। मेरा किसी ने कत्ल नहीं किया है। मुझे सुकून से मिट्टी देना और डरना नहीं है। मेरी कब्र वहीं बनाना, जहां खूंटा था।”

🚨 पुलिस जांच में आत्महत्या की पुष्टि, अन्य पहलुओं पर भी नजर

इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। स्थानीय पुलिस और फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। एडिशनल एसपी देवरिया, अरविंद कुमार वर्मा ने बताया—

“सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ईश मोहम्मद ने खुद ही आत्मघात किया है। सुसाइड नोट और फील्ड यूनिट की जांच रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। फिर भी अन्य पहलुओं पर जांच जारी है। नियमानुसार पोस्टमॉर्टम और पंचनामा की कार्रवाई की जा रही है।”

⚠️ मानसिक स्थिति और धार्मिक आस्था के बीच उलझा संदेश

यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि समाज के लिए कई सवाल छोड़ जाती है। क्या यह एक अत्यधिक धार्मिक सोच का परिणाम था, या फिर मानसिक अवसाद का संकेत?
फिलहाल, पुलिस इस घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। लेकिन यह तय है कि ईश मोहम्मद का यह कदम समाज को झकझोर गया है

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