शासन, प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनदेखी के चलते सूरजपुर कसबा बना स्लम बस्ती
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर का मुख्य केंद्रीय शहर ग्रेटर नोएडा है। ग्रेटर नोएडा शहर में ही सूरजपुर जो पूर्व में एक कसबा रह चुका है, इस वक्त जिला गौतमबुद्धनगर का मुख्यालय है। आजादी के से लेकर यह सूरजपुर ग्राम पंचायत हुआ करती थी, मगर अब यह ग्राम पंचायत भी नही रही। कई दूसरे गांवों की तरह ही सूरजपुर के विकास की सारी जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिम्मे हैं। सूरजपुर में जिला मुख्यालय होने नाते डीएम, पुलिस कमिश्नरेट, पुलिस लाईन, जिला पंचायत मुख्यालय, जिला न्यायालय, विकास भवन समेत दर्जनों की संख्या में सरकारी और अद्धसरकारी कार्यालय और मुख्यालय बने हुए हैं। विकास और रखरखाव के नाम पर यहां पूरी तरह से सौतला व्यवहार किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों को जहां कई तरह की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं सूरजपुर में इन तमाम सुविधाओं को लेकर बुरा हाल है। नाले और नालियां यहां कचरे से भरी हुई रहती हैं। दादरी नोएडा रोड के दोनो और बने नाले कीचड से ठसे हुए हैं, थोडी सी ही बारिश में यहां ताल तलैया जैसा नजारा देखने को मिल जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से सफाई कर्मी कभी कभार ही आते हैं और खाना पूर्ति कर चले जाते हैं। यहां महामेघा रोड, भाटी रोड, दुर्गा कालौनी और दरोगा कालौनी जैसी कई कलौनियांं की नालियों में कीचड जमा होने के चलते हुए जलभराव है और यह गंदा पानी फैल कर सड रहा है। गंदगी जमा होने से मच्छर पनप रहे हैं और लोग कई तरह की संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सूरजपुर निवासी व आर्य समाज मंदिर के महामंत्री पंडित धर्मवीर आर्य ने बताया कि सूरजपुर कसबा शासन, प्रशासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनदेखी के चलते हुए स्लम बस्ती बनता हुआ जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सफाईकर्मी नियमति सफाई नही करते हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की कारगुजारियों के चलते हुए मैन नोएडा दादरी रोड तक का बुरा हाल है। दरोगा कलौनी में तो ऐसी स्थिति बनी हुई है कि यहां से लोगों को पैदल तक निकलना दूभर बना हुआ है। उन्हांने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि सूरजपुर में युद्ध स्तर पर सफाई अभियान चला कर गंदगी को दूर नही किया गया तो निक्कमे और निठल्ले अफसरों की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर की जाएगी।