गुर्जरों की शेरनी कही जाने वाली गुर्जरी भी किसी तरह से पीछे नही
गुर्जरी तीज महोत्सव-2023 में गीत संगीत और विशेषकर नृत्य की खास प्रस्तुतियां होगी और फिर विजेता को तीज क्वीन का ताज पहनाया जाएगा
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गुर्जरों की शान, मैं गुर्जरी हूं। गुर्जर एक ऐसा शब्द जो बहादुरी यानी वीरता के लिए जाना जाता रहा है। संस्कृत के विद्वानों के अनुसार गुर्जर शुद्ध संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ शत्रु का नाश करने वाला अर्थात शत्रु विनाशक होता है। राजा मिहिर भोज से लेकर सम्राट कनिष्क तक भारत के इतिहास में कितने ही ऐसे शासक हुए?, जिन्हें गुर्जरों का पूर्वज माना जाता है। गुर्जर के अलावा गुजर, गुज्जर शब्द भी हैं जो अलग अलग क्षेत्रों में देखने और सुनने को मिल जाते हैं। पूरे भारत में गुर्जर जाति अलग अलग गोत्रों के नाम और पहचान से बसी हुई है। इनमें वन गुर्जर, बड गुर्जर कश्मीर और कई दूसरे प्रांतों में भी देखने को मिलते हैं। राजधानी दिल्ली और आस पास के इलाकों में बसे हुए गुर्जरों का विशेषकर समाज के निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राजनीति हो या फिर समाजिक क्षेत्र, गुर्जर जाति के लोग बढ चढ कर हिस्सा लेने में लगे हुए हैं। आईएस, आईपीएस, इंजिनियर, डॉक्टर, वकील, प्रोफेसर, जज, वैज्ञानिक तक गुर्जर जाति से निकल कर देश सेवा में लगे हुए हैं। इस मिशन में गुर्जरों की शेरनी कही जाने वाली गुर्जरी भी किसी तरह से पीछे नही है। अब, जब बात गुर्जरी की आई है, तो गुर्जरी समाज का जिक्र करने से कैसे पीछे रह सकते है? गौतमबुद्धनगर, देश में गुर्जरों की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना पहचाना जाता है। यहां गुर्जरी हर क्षेत्र में बढ चढ कर हिस्सा ले रही हैं। गुर्जरों की संस्कृति को खासी पहचान देने के लिए गुर्जरी क्लब एक संस्था वर्ष-2018 में आसित्व में आई थी। गुर्जरी क्लब का मूल उद्देश्य यही था कि गुर्जर समाज शैक्षिक और आर्थिक तौर पर तरक्की करते हुए चाहे जिस शिखर पर पहुंच जाए, मगर परपंरागत भाषा, संस्कृति, वेश भूषा कायम तो रहनी ही चाहिए। गौतमबुद्धनगर में गुर्जरी क्लब ग्रामीण परिवेश की संस्कृति के संरक्षण के लिए वर्ष में दो कार्यक्रम आयोजित कर दिल्ली और एनसीआर की गुर्जरियों को आंमांत्रित करती है। वैसे गुर्जरी क्लब के तत्वाधान में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, मगर होली और दूसरा तीज महोत्सव के मौके पर खास कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यह तीज और होली के पर्व के कार्यक्रम बेशक गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा शहर के पॉश इलाकों में आयोजित होते हैं, मगर खासियत यही है कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली सभी गुर्जरी परांपरिक पोशाक, लंहगा,चुनरी, साडी और सलवार, सूट में ही आएं। इस बार तीज पर्व के मौके पर आगामी 18 अगस्त-2023 को ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गोल्डन ड्रीम बैंक्वट हॉल खसरा-832, गांव बिसरख जलालपुर में गुर्जरी तीज महोत्सव-2023 आयोजित किया जा रहा है। इस गुर्जरी क्लब के तत्वाधान में आयोजित गुर्जरी तीज महोत्सव-2023 में दिल्ली और एनसीआर तक की गुर्जरियां बढ चढ कर हिस्सा लेंगी।
गुर्जरी क्लब की फांउडर टीम मैंबर संगीता नागर, पूनम भडाना, रीना भाटी और मंजू नागर ने ’’विजन लाइव’’ को बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस बार भी गुर्जरी तीज महोत्सव-2023, आगामी 18 अगस्त-2023 को ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गोल्डन ड्रीम बैंक्वट हॉल खसरा-832, गांव बिसरख जलालपुर में धूमधाम से संपन्न होगा। इस कार्यक्रम में दिल्ली और एनसीआर की गुर्जरियों को आमांत्रित किया गया है। गुर्जरी तीज महोत्सव-2023 में गीत संगीत और विशेषकर नृत्य की खास प्रस्तुतियां होगी और फिर विजेता को तीज क्वीन का ताज पहनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आने के लिए ड्रेस कोड इस बार भी लागू रहेगा। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली सभी गुर्जरियां परांपरिक पोशाक, लंहगा,चुनरी, साडी और सलवार, सूट में ही आएंगी। गुर्जरी क्लब की फांउडर मैंबर श्रीमती मंजू नागर ने यह भी बताया कि गुर्जरी क्लब की संगीता नागर, पूनम भडाना, रीना भाटी,मंजू नागर, मीनू डेढा, स्वाति बैसला, सुधा डेढा, शिप्रा, प्रियंका, भारती वर्मा, दुर्गेश, योगिता अवाना, मीनाक्षी, डॉली कसाना, नीतू कसाना, नीलम, राजेश, निशा अवाना, ममता अवाना, सुमन डेढा के अलावा टीम मैंबर की सभी गुर्जरियां गुर्जरी तीज महोत्सव-2023 कार्यक्रम की कमान संभालेंगी।